आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI आज कल बहुत सी चीजों का हल आपको चुटकियों में दे देता है इसलिए लोग हेल्थ एडवाइज लेने के लिए भी उसके पास पहुंच जाते हैं. लेकिन ये बिल्कुल भी सही नहीं है. जी हां, स्वास्थ्य संबंधी किसी भी तरह की परेशानी के लिए चैट जीपीटी (ChatGPT) यानी AI के ऊपर निर्भर रहना खतरे से खाली नहीं है. अगर आप ChatGPT की सलाह लेकर दवाएं ले रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है. दरअसल, एक 60 वर्षीय व्यक्ति को ChatGPT की सलाह नुकसान कर गई और वह सीधा हॉस्पिटल पहुंच गया.
एक 60 वर्षीय व्यक्ति को ChatGPT से अपने डाइट से टेबल सॉल्ट/नमक (सोडियम क्लोराइड) हटाने का तरीका पूछने के बाद डॉस्पिटल जाना पड़ा. दरअसल, उसने नमक के हेल्थ पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों के बारे में पढ़ा था और नमक की जगह कुछ और खाना चाहता था. नमक की जगह, उसने सोडियम ब्रोमाइड का इस्तेमाल शुरू कर दिया. सोडियम ब्रोमाइट एक ऐसा केमिकल है जिसका इस्तेमाल 1900 के दशक की शुरुआत में दवाओं में किया जाता था, लेकिन अब ये ज्यादा मात्रा में जहरीला माना जाता है.
उस आदमी ने ChatGPT पर पढ़ा कि क्लोराइड की जगह ब्रोमाइड इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसके बाद उसने तीन महीने तक क्लोराइड की जगह ब्रोमाइड ही खाया. उसने इंटरनेट से सोडियम ब्रोमाइड खरीदा और उसे अपने खाने में इस्तेमाल किया.
समय के साथ, उसकी सेहत बिगड़ने लगी. उसे बहुत प्यास लगने लगी, स्किन संबंधी समस्याएं होने लगीं और उसे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं जैसे कि पैरानोइया और हैल्युसिनेशंस होने लगे. जब उसे पहली बार हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था, तो उसने कोई दवाई या सप्लीमेंट लेने की बात नहीं बताई. बाद में उसने बताया कि वह खाने में नमक नहीं खा रहा था, घर पर ही पानी उबालकर साफ कर रहा था और नमक की जगह सोडियम ब्रोमाइड इस्तेमाल कर रहा था.
कैसे किया गया उसका इलाज?
डॉक्टरों ने जांच में पाया कि वह ब्रोमिज्म से पीड़ित था, यानी उसके शरीर में ब्रोमाइड की मात्रा बहुत ज्यादा हो गई थी, जो जहर की तरह असर करती है. उसकी तबीयत ठीक करने के लिए उसे लिक्विड्स और इलेक्ट्रोलाइट्स दिए गए. हालत सुधरने के बाद उसे आगे इलाज के लिए हॉस्पिटल के मानसिक स्वास्थ्य विभाग में भर्ती किया गया.
हेल्थ के साथ खिलवाड़ करने की चीज नहीं AI
अमेरिकन कॉलेज ऑफ फिजिशियन जर्नल्स में छपी ये केस रिपोर्ट दिखाती है कि ChatGPT जैसे AI चैटबॉट गलत या मिसलीडिंग जानकारी दे सकते हैं. ये हेल्थ के लिए तो खासतौर पर देखने को मिलता है.
पहले ब्रोमाइड नमक का इस्तेमाल इनसोमेनिया, चिंता और हिस्टीरिया की दवाओं में किया जाता था, लेकिन अब इसे नहीं दिया जाता क्योंकि इसकी ज्यादा मात्रा खतरनाक हो सकती है. लोगों को बिना किसी डॉक्टर से सलाह लिए सिर्फ AI पर भरोसा नहीं करना चाहिए.