पूर्व कप्तान मंसूर अली खां पटौदी के निधन भारतीय क्रिकेट समुदाय ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें ‘बहुत अच्छा इंसान’ और ‘चालाक कप्तान’ करार दिया जो देश की एक पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिये प्रेरणास्रोत बने.
कई पूर्व और वर्तमान खिलाड़ियों ने याद किया कि कैसे पटौदी ने विभिन्न तरह से उनके कैरियर को प्रभावित किया. उन्होंने कहा कि पटौदी का निधन अपूरणीय क्षति है.
पूर्व सलामी बल्लेबाज गुंडप्पा विश्वनाथ ने पटौदी को अपने कैरियर के शुरुआती वर्षों का गाइड करार दिया और कहा कि वह ऐसे व्यक्ति थे जो हमेशा युवा खिलाड़ियों की मदद करते थे. उन्होंने कहा, ‘यह मेरे लिये दुखद खबर है. वह मुझे आगे लेकर आये और उन्होंने मेरा मागदर्शन किया. यह मेरे सबसे खराब दिनों में से एक है. मैं कुछ नहीं बोल सकता. वह बहुत अच्छे व्यक्ति, महान क्रिकेटर, शानदार क्षेत्ररक्षक और चालाक कप्तान थे. मैं वास्तव में बहुत दुखी हूं.’
विश्वनाथ ने कहा, ‘उन्होंने हमेशा युवा खिलाड़ियों का मार्गदर्शन किया. मैं उनके बेहद करीब था इसलिए मैं नहीं भूल सकता कि उन्होंने मुझे किस तरह से आगे बढ़ाया. वह मेरे पहले कप्तान थे. मेरा जो भी कैरियर रहा उनमें उनका योगदान अहम रहा.’
पूर्व कप्तान और चयनसमिति के वर्तमान अध्यक्ष के श्रीकांत ने कहा कि पटौदी ऐसे क्रिकेटर थे जिन्होंने भारतीय क्रिकेट में कलात्मकता और आक्रामकता जोड़ी थी. उन्होंने कहा, ‘यह भारतीय क्रिकेट का बड़ा नुकसान है. वह कलात्मक और आक्रामक क्रिकेटर थे. उन्होंने 21 वर्ष की उम्र में ही काफी कुछ हासिल कर लिया था. उन्होंने आक्रामक क्रिकेट खेली थी. उनका रवैया दोस्ताना था और वह हास्य विनोद करने वाले व्यक्ति थे.'
वर्तमान भारतीय बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने कहा कि पटौदी के शानदार कैरियर का खेल और भारतीय टीम पर गहरा प्रभाव पड़ा. द्रविड़ ने कहा, ‘यह भारतीय क्रिकेट के लिये दुखद दिन है. वह हमारे लिये प्रेरणास्रोत रहे. मुझे कभी उन्हें खेलते हुए देखने का मौका नहीं मिला लेकिन मैंने हमेशा सुना है कि खेल में उनका कितना प्रभाव रहा. मुझे कई मसलों पर उनसे बातचीत का मौका मिला है. उन्हें बहुत गहरी जानकारी थी और भारतीय टीम के बारे में बहुत सोचते थे. यह सिर्फ उनके परिवार ही नहीं बल्कि दोस्तों और भारतीय क्रिकेट के लिये भी बड़ी क्षति है.’
द्रविड़ के साथी खिलाड़ी वीवीएस लक्ष्मण का मानना है कि पटौदी की विरासत उनके निधन के बाद भी जारी रखेगी. लक्ष्मण ने कहा, ‘यह क्रिकेट जगत के लिये दुखभरी घड़ी है. यह मेरे लिये सदमा पहुंचाने वाली खबर है क्योंकि कुछ दिन पहले ही इंग्लैंड में मैं उनसे मिला था. क्रिकेट तकनीकी पर मेरी कभी उनसे बात नहीं हुई लेकिन क्रिकेट की उन्हें गहन जानकारी थी.’ उन्होंने कहा, ‘उनके रिकार्ड सारी कहानी बयां करते हैं. उनकी आत्मा को शांति मिले. मुझे पूरा विश्वास है कि उनकी विरासत जारी रहेगी. भारतीय क्रिकेट के लिये उनमें काफी जुनून था. क्रिकेट की उनकी जानकारी और कुशाग्रता की निश्चित रूप से कमी खलेगी.’
पटौदी के साथी रहे बिशन सिंह बेदी ने उन्हें ‘भारतीय क्रिकेट का बेजोड़ चैंपियन’ करार दिया. उन्होंने कहा, ‘यह भारतीय क्रिकेट के लिये बहुत दुखद दिन है. वह भारतीय क्रिकेट के अग्रणी बेजोड़ चैंपियन थे. उनके निधन से यह अध्याय समाप्त हो गया. मैं बहुत दुखी हूं.’
पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने पटौदी को ‘अभिनव’ कप्तान करार दिया जिनकी अगुवाई में टीम ने जीत का स्वाद चखना शुरू किया था. उन्होंने कहा, ‘यह दुखद खबर है. वह बेहतरीन खिलाड़ी, शानदार कप्तान और बेजोड़ क्षेत्ररक्षक थे. वह कभी हार नहीं मानने वाले खिलाड़ी और नये विचारों वाले कप्तान थे. उन्होंने भारत के लिये कई मैच जीते. हमें उनकी कमी खलेगी.’
पूर्व बल्लेबाज मोहिंदर अमरनाथ ने कहा कि पटौदी का आक्रामक जज्बा साथी खिलाड़ियों के लिये प्रेरणा का स्रोत था. अमरनाथ ने कहा, ‘यह दुखद खबर है. वह शानदार व्यक्ति थे और देश के बेहतरीन राजदूत थे. वह 60 और 70 के दशक में खेलने वाले क्रिकेटरों से काफी अलग थे. वह क्रिकेट में काफी आक्रामकता लेकर आये. मैं उनकी कप्तानी में खेला था. वह ज्यादा नहीं बोलते थे. वह हमेशा पॉजीटिव रहते थे और मैदान पर जोखिम उठाने को तैयार रहते थे.’
पूर्व सलामी बल्लेबाज अरूण लाल ने कहा कि पटौदी ऐसे क्रिकेटर थे जो हमेशा अपन खिलाड़ियों विशेषकर युवाओं के लिये खड़े रहते थे. उन्होंने कहा, ‘वह काफी समझदार और परिपक्व व्यक्ति थे. वह इतने शानदार व्यक्ति और क्रिकेटर थे कि वह सभी खिलाड़ियों की पंसद के प्रति संवेदनशील थे. मुझे याद है जब हम क्रिकेटरों की संघ बनाना चाहते थे तो वह पहले व्यक्ति थे जो हमारे पास आये थे और हमारी मदद की थी. यह क्रिकेट जगत के लिये गहरा झटका है.’