भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मंसूर अली खान पटौदी का गुरुवार को निधन हो गया. फेफड़े में गंभीर संक्रमण के कारण पटौदी का लगभग एक महीने से सर गंगाराम अस्पताल में इलाज चल रहा था. उन्हें टाइगर पटौदी और नवाब पटौदी के नाम से भी जाना जाता था. उनकी मौत के साथ भारतीय क्रिकेट का एक युग समाप्त हो गया है.
महज 21 साल की उम्र में भारतीय क्रिकेट टीम की कमान संभालने वाले मंसूर अली खान पटौदी ने देश का सबसे युवा टेस्ट कप्तान होने का गौरव हासिल किया. वो भी तब, जब चंद महीने पहले ही एक कार दुर्घटना में उनकी दाईं आंख निष्क्रिय हो गई थी.
नवाब पटौदी की गिनती भारत के सबसे बेहतरीन टेस्ट कप्तानों में की जाती है. उन्होंने 46 टेस्ट मैचों में देश का प्रतिनिधित्व किया जिस दौरान 34.91 की औसत से कुल 2783 रन बनाए.दिल्ली में इंग्लैंड के विरुद्ध नाबाद 203 रन उनके टेस्ट करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था.
मंसूर अली खान पटौदी ने 40 टेस्ट मैचों में टीम की कमान संभाली जिसमें से 9 में जीत हासिल की. उनकी ही कप्तानी में टीम इंडिया ने 1967में न्यूजीलैंड को हराकर विदेशी धरती पर अपना पहला टेस्ट मैच जीता. अपने शानदार टेस्ट करियर में उन्होंने 6 शतक और 16 अर्धशतक जड़े.
टाइगर ने दाहिने हाथ के बल्लेबाज और मध्यम गति के तेज गेंदबाज थे. 20 वर्ष की उम्र में क्रिकेट करियर शुरुआत करने वाले पटौदी ने भारत के लिए 1961 से 1975 के बीच क्रिकेट खेला.1962 में पटौदी ने भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी संभाली. उन्होंने 1970 में कप्तान छोड़ दी और 1975 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया.
आंकड़ों से ज्यादा टाइगर पटौदी ने क्रिकेट टीम के अंदर जीतने का विश्वास जगाया. जिसका नतीजा न्यूजीलैंड की धरती पर मिली जीत थी. बल्लेबाज के तौर पर नवाब पटौदी का अंदाज बेहद ही आक्रामक और अपरंपरागत था. जब अन्य खिलाड़ी रक्षात्मक खेल को ज्यादा तवज्जो देते थे तब भी पटौदी इनफील्ड के ऊपर से शॉट खेलने में अपना विश्वास रखते थे.
पारंपरिक सोच के विरुद्ध नवाब पटौदी का मानना था कि भारतीय क्रिकेट टीम तभी जीत सकती है जब वो अपने ताकत का भरपूर इस्तेमाल करे जो कि स्पिन गेंदबाजी है. शायद यही वजह थी कि पटौदी के नेतृत्व में परिस्थितियों के विपरीत भी टीम मैदान पर तीन स्पिनरों के साथ उतरती थी.
अर्जुन और पदमश्री अवॉर्ड
1964 में पटौदी को अर्जुन अवॉर्ड से दिया गया. इसके अलावा 1967 में भारत सरकार की ओर से उन्हें पदम श्री से भी नवाजा गया.
निजी जिंदगी
27 दिसम्बर 1969 को मंसूर पटौदी ने फिल्म अभिनेत्री शर्मिला टैगोर से शादी की. शर्मिला से उन्हें सैफ अली खान(बॉलीवुड अभिनेता), सोहा अली खान(बॉलीवुड अभिनेत्री) और सबा अली खान(ज्वैलरी डिजाइनर) तीन संतान हुईं.