देश में जातिगत जनगणना का मसला पिछले दिनों जोर-शोर से उठा. बिहार में सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड के साथ ही विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), हर दल के नेता एक मंच पर नजर आए. नीतीश कुमार के नेतृत्व में सर्वदलीय डेलिगेशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर जातीय आधार पर जनगणना की मांग की थी.
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने एजेंडा आजतक के मंच से इस मसले पर भी खुलकर बात की. जाति आधारित जनगणना को लेकर एक सवाल के जवाब में तेजस्वी यादव ने ये बताया कि ऐसा क्यों जरूरी है. तेजस्वी ने कहा कि देश में हिंदू और मुसलमान की गिनती हो सकती है. शेर और पौधे की गिनती हो सकती है तो जातिगत आधार पर गणना क्यों नहीं हो सकती.
उन्होंने ये भी बताया कि शेर और पौधे की गणना क्यों होती है. तेजस्वी यादव ने एक रिपोर्ट का हवाला देकर कहा कि दलित बिरादरी के लोग साफ-सफाई का काम ज्यादा करते हैं. जाति पर आधारित जनगणना होगी, तब हमारे पास डेटा होगा. इससे हमें जातीय आधार पर लोगों की स्थिति पता चलेगी और उसके आधार पर सरकार को भी योजनाओं के निर्माण में सहूलियत होगी.
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तेजस्वी यादव ने तेज प्रताप यादव से जुड़े सवाल का भी हल्के-फुल्के अंदाज में जवाब दिया. उन्होंने तेज प्रताप से जुड़े सवाल पर कहा कि इसे हम हैंडल कर लेंगे. अभी जनता के मुद्दों पर चर्चा करें. तेजस्वी यादव ने साथ ही ये भी ऐलान कर दिया कि हम मार्च में बेरोजगारों की रैली करने जा रहे हैं.