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Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi Review: फिर चला तुलसी-मिहिर का जादू, शांति निकेतन में लौटी रौनक, 90s की यादें ताजा करता है 'क्योंकि...'

टीवी के फैन्स 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2' के लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. शो का पहला एपिसोड टेलीकास्ट हो चुका है. आइए जानते हैं कि एकता कपूर सीरियल में 90s के चार्म को बरकरार रखने में कामयाब हो पाई हैं या नहीं.

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क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2 रिव्यू (PHOTO: Youtube@ Starplus screengrab)
क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2 रिव्यू (PHOTO: Youtube@ Starplus screengrab)

25 साल बाद 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' की टीवी पर वापसी हो चुकी है. एक बार फिर तुलसी विरानी ने शांति निकेतन की कमान संभाली. जिस दिन से एकता कपूर ने शो की अनाउंसमेंट की थी, लोगों के मन में एक ही सवाल था कि क्या 90 के दशक का जादू बरकरार रहेगा. आइए जानते हैं कि शो का पहला एपिसोड पुरानी यादों को ताजा करने में सफल रहा या नहीं. 

नई पीढ़ी को संस्कार सिखाने लौटी तुलसी 
'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' के पहले एपिसोड की शुरुआत थीम सॉन्ग 'रिश्तों के भी रूप बदलते हैं, नए-नए सांचे में ढलते हैं...' से होती है. इसके बाद तुसली विरानी (स्मृति ईरानी), बा (सुधा शिवपुरी) और सास सविता विरानी (अपरा मेहता) को श्रद्धाजंलि देती है. दादी सास और सास को याद करते हुए वो 'शांति निकेतन' में कदम रखती है.

शांति निकेतन में तुलसी और मिहिर (अमर उपाध्य) की 38 वेडिंग एनिवर्सरी की तैयारी चल रही होती है. पूरा घर तुलसी और मिहिर की वेडिंग एनीवर्सरी के सेलिब्रेशन में जुटा हुआ है, लेकिन मिहिर इस खास दिन को भूल जाता है. सीरियल में ट्विस्ट तब आता है, जब मिहिर, तुलसी को वेडिंग एनिवर्सरी पर कार गिफ्ट में देता है. यानी मिहिर ने तुलसी को सरप्राइज करने के लिए वेडिंग एनिवर्सरी भूलने का नाटक किया था. 

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कितना बदला शांति निकेतन?
मिहिर जो पहले आदर्श बेटा हुआ करता था. अब वो आदर्श पति और पिता है. पिछले 25 सालों में तुलसी विरानी की जिंदगी में कई बदलाव आए हैं. लेकिन इन बदलावों के बीच उसने कभी अपने संस्कारों पर आंच नहीं आने दी. आज भी तुलसी ने विरानी परिवार के सदस्यों को जोड़कर रखा है.

पहले एपिसोड में ये भी पता चलता है कि करण (हितेन तेजवानी), शोभा (रितु चौधरी) और हेमंत (शक्ति आनंद) अब शांति निकेतन में नहीं रहते. हेमंत अब एक वकील बन गया है, जो दिल्ली में रहता है. दक्षा चाची (केतकी दवे) सोशल मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की दीवानी हैं. शो खत्म होने से पहले ये भी पता चलता है कि गायत्री (कमलिका गुहा ठाकुरता) का किरदार आने वाले समय में कुछ ज्यादा ग्रे होने वाला है. सीरियल में उसके अच्छे और बुरे दोनों पहलू देखने को मिलने वाले हैं. 

नए किरदारों की हुई एंट्री 
क्योंकि सास भी कभी बहू थी के दूसरे सीजन से कई पुराने चेहरे गायब हैं, तो वहीं कुछ नए चेहरे देखने को मिले. एपिसोड में अंगद (रोहन सुचांती), परी (शगुना शर्मा), ऋतिक (अमन गांधी) की छोटी सी झलक देखने को मिलती है. हालांकि, इनके किरदारों से साफ पता चलता है कि ये तीनों आने वाले समय में शो में अहम रोल अदा करने वाले हैं. साथ ही आने वाले अपकमिंग एपिसोड में कुछ नए किरदारों की भी एंट्री होगी. 

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कायम है 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' का जादू?
25 साल पहले भी तुलसी अपने परिवार को एकजुट रखने में जुटी थी. आज भी उसकी यही कोशिश है कि विरानी परिवार टूट कर ना बिखर पाए. उसे भरोसा है कि उसके बच्चे कभी उसके दिए संस्कारों पर दाग नहीं लगने देंगे. तुलसी और मिहिर को साथ देखना आपको 90 के दशक के दौर में वापस ले जाता है. दोनों की वेडिंग एनिवर्सरी का सेलिब्रेशन दिल छू लेने वाला था.

आज भी शांति निकेतन में रौनक है, लेकिन कुछ पुराने किरदारों की कमी खलती है. दक्ष, गायत्री, करण, नंदिनी, हेमंत, शोभा इन सबको देखकर तुरंत जुड़ाव महसूस होता है. 

एकता कपूर ने पूरी कोशिश की है कि पुरानी और नई दोनों पीढ़ी शो से जुड़ पाए, जिसमें वो सफल भी नजर आती हैं. तुलसी और मिहिर एक बार फिर दर्शकों के दिलों में उतरते दिखे. कुल मिलाकर शो का पहला एपिसोड अच्छा रहा. एक बार फिर आप डाइनिंग टेबल पर बैठकर परिवार के साथ शो देख सकते हैं. 

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