scorecardresearch
 

जब भगत सिंह की मां से मिले मनोज कुमार, गोद में सिर रखकर सोये

मनोज कुमार ने अपनी फिल्म शहीद की मेकिंग से पहले बहुत सारा कंटेंट इकठ्ठा किया था. इसके लिए उन्होंने भारी रिसर्च की थी. वह शहीद भगत सिंह की मां और उनके भाइयों से भी मिले थे. इस बारे में उन्होंने अपने एक लेख में जिक्र किया था.

Advertisement
X
मनोज कुमार
मनोज कुमार

देशभक्ति पर तमाम फिल्में बना चुके एक्टर-डायरेक्टर मनोज कुमार को सबसे बड़े देशभक्त कलाकार के तौर पर याद किया जाता है. 1965 में आई फिल्म शहीद में मनोज कुमार ने भगत सिंह का किरदार निभाया था. इस किरदार को हकीकत के ज्यादा से ज्यादा करीब ले जाने के लिए मनोज कुमार ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह की मां से मुलाकात की थी. इस बात का जिक्र मनोज कुमार ने साल 2002 में अपने एक लेख में किया था.

अपने लेख में मनोज कुमार ने लिखा, "जब मैं भगत सिंह पर फिल्म बना रहा था तो मैंने बहुत सी सामग्री इकट्ठा की थी. लेकिन हर चीज को फिल्म में इस्तेमाल किया जाना संभव नहीं था. फिल्म की लंबाई इसमें आड़े आ रही थी." उन्होंने बताया, "हमने फिल्म की मेकिंग के दौरान चंडीगढ़ में भगत सिंह की मां और उनके भाइयों से मुलाकात की. तब उनकी मां को अस्पाल में भर्ती किया गया था. केवल और मैं उनसे मिलने गए थे. वहीं पर हमारी मुलाकात बटुकेश्वर दत्त (भगत सिंह के भाई) से भी हुई."

Advertisement

बटुकेश्ववर तब भगत सिंह के साथ थे जब उन्होंने असेंबली में बम फेंका था. मनोज कुमार ने बताया कि उन्हें भगत सिंह की मां की गोद में सर रखकर सोने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था. उन्होंने अपने लेख में बताया था कि भगत सिंह के भाई कुल्तारजी उन्हें भगत सिंह की मां के पास ले गए थे और उन्हें मां से मिलवाते हुए पूछा था, "मां ये हमारे भाई की तरह नहीं दिखते?" इस पर भगत सिंह की मां ने मुस्कुराते हुए कहा, "काफी हद तक."

भगत सिंह की मां के बारे में मनोज कुमार ने एक और किस्सा अपने लेख में बताया था. उन्होंने लिखा कि एक बार भगत सिंह की मां ने दवाइयां लेना बंद कर दिया था. तब मनोज कुमार को भगत सिंह के भाई मां के पास ले गए और कहा कि वह उनसे दवाइयां खाने को कहें. इस पर मनोज कुमार ने कहा, "मां जी एक निवेदन है. दवाइयां खा लीजिए." इस पर भगत सिंह की मां ने कहा, "अच्छा, तू कह रहा है तो खा लेती हूं."

Advertisement
Advertisement