
दुनिया भर में सबसे पॉपुलर कॉमिक बुक किरदारों में से एक सुपरमैन एक बार फिर से बड़े पर्दे पर अपने कारनामे दिखाने के लिए तैयार है. 'गार्डियंस ऑफ गैलेक्सी' और 'सुसाइड स्क्वाड' जैसी फिल्में बना चुके डायरेक्टर जेम्स गन की फिल्म 'सुपरमैन' इस शुक्रवार थिएटर्स में रिलीज होगी. इस फिल्म के साथ ही जेम्स एक नए कॉमिक बुक फिल्म यूनिवर्स DCU की भी शुरुआत करने जा रहे हैं.
इस कॉमिक बुक यूनिवर्स से सुपरमैन, बैटमैन, फ्लैश और वंडरवुमन जैसे किरदारों को भारत में भी बहुत लोकप्रियता मिली है. मगर पिछले कुछ सालों से DC कॉमिक्स पर बेस्ड फिल्में भारतीय फैन्स को पहले की तरह इम्प्रेस करने में नाकामयाब रही हैं. जबकि भारत में हॉलीवुड की सुपरहीरो फिल्मों को पिछले दो दशकों में जबरदस्त कामयाबी मिली है.

ऐसे में 'सुपरमैन' से जेम्स को ये उम्मीद होगी कि वो DC कॉमिक्स से निकली फिल्मों को एक बार फिर से भारत में कामयाबी दिला पाएंगे. आइए बताते हैं इन फिल्मों का भारत में क्या हाल रहा है और 'सुपरमैन' से क्यों बहुत उम्मीदें की जा रही हैं...
कॉमिक्स से निकले दो संसारों की टक्कर
अमेरिका से पब्लिश होने वाली कॉमिक्स DC और मार्वल का इतिहास करीब 90 साल पुराना है. इन दोनों ही कॉमिक्स सीरीज में छपे सुपरहीरो किरदारों ने अमेरिका ही नहीं दुनिया भर के पॉप कल्चर पर बहुत गहरा असर छोड़ा है. जहां DC के पास सुपरमैन, बैटमैन, वंडर गर्ल जैसे किरदार थे, वहीं मार्वल के पास कैप्टन अमेरिका, आयरनमैन, स्पाइडरमैन और थॉर वगैरह. पॉपुलैरिटी की होड़ में दोनों ही कॉमिक्स कंपनियों ने अपनी कहानियों को लगातार बदला और नए-नए किरदार गढ़ते चले गए. कॉमिक्स से शुरू हुई ये राइवलरी फिल्मों के साथ सिनेमा में पहुंची. हालांकि, फिल्मों में DC की एंट्री, मार्वल के मुकाबले बहुत पहले हुई थी.
DC के पॉपुलर कॉमिक बुक सुपरहीरो, सुपरमैन पर पहली फीचर फिल्म 'सुपरमैन एंड द मोलमैन' 1951 में बनी थी. यानी बड़े पर्दे पर सुपरमैन की एंट्री पहली बार करीब 75 साल पहले ही हो गई थी. जबकि मार्वल कॉमिक्स के कैप्टन अमेरिका, स्पाइडरमैन, हल्क और डॉक्टर स्ट्रेंज जैसे किरदारों पर 1944 से ही टीवी के लिए फिल्में और सीरीज बन चुकी थीं. बड़े पर्दे पर फीचर फिल्म में मार्वल की एंट्री 1986 में 'हावर्ड द डक' से हुई.
फिल्मों में DC से आगे ऐसे निकला मार्वल
लेट 90s में मार्वल ने 'ब्लेड' (1998) जैसी फिल्म से वो स्पीड पकड़ी जो आजतक बरकरार है. वेस्ले स्नाइप्स स्टारर इस फिल्म के चर्चे तबतक भारत के उन फिल्म फैन्स में पहुंचने लगे थे, जिन्हें इंटरनेशनल फिल्मों का चस्का था. दो साल बाद ही 'एक्स मेन' उसके बाद 'स्पाइडरमैन', 'हल्क' और 'घोस्ट राइडर' जैसी फिल्मों से मार्वल कॉमिक्स पर बनी फिल्मों को भारत में जबरदस्त पॉपुलैरिटी मिली.
उस दौर में मार्वल और DC की फिल्में एक बार में मोस्टली एक सुपरहीरो की कहानी ही लेकर आ रही थीं. मगर मार्वल ने 2005 से अपने किरदारों और कहानियों को एक फिल्म यूनिवर्स में सेट करके पेश करने की प्लानिंग शुरू की जिससे मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स (MCU) बना. इस यूनिवर्स की पहली फिल्म 'आयरनमैन' (2008) थी और इसके बाद MCU की लोकप्रियता सिनेमा के इतिहास में दर्ज है. दूसरी तरफ DC को अपना यूनिवर्स खड़ा करने में वक्त लगा और 2013 में आई सुपरमैन फिल्म 'मैन ऑफ स्टील' से DC का एक्सटेंडेड यूनिवर्स (DCEU) शुरू हुआ.

जहां MCU फिल्मों की पॉपुलैरिटी के बारे में आज भारत के हर फिल्म फैन को पता है. वहीं DCEU को भारत में पॉपुलैरिटी तो मिली मगर स्ट्रगल भी ज्यादा इसी यूनिवर्स के हिस्से आया और 2023 में आई 'एक्वामैन 2' के साथ ये यूनिवर्स खत्म कर दिया गया. अब आ रही नई सुपरमैन फिल्म, उसी DC कॉमिक्स से निकले किरदारों के साथ एक नए यूनिवर्स DCU की शुरुआत है.
भारत में DCEU की फिल्मों का हाल
2013 से 2023 के बीच DCEU में 16 फिल्में रिलीज हुईं. इस यूनिवर्स की पहली फिल्म 'मैन ऑफ स्टील' को भारत में बहुत पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिला था और पूरी दुनिया की तरह सुपरमैन के रोल में एक्टर हेनरी कैविल को लोगों ने खूब पसंद किया. मिंट के अनुसार, करीब 800 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई इस फिल्म ने पहले ही वीकेंड में 21 करोड़ रुपये का नेट कलेक्शन कर लिया था. 'मैन ऑफ स्टील' का वीकेंड कलेक्शन, उस साल की बड़ी बॉलीवुड हिट 'रांझना' से ज्यादा था.
हेनरी कैविल के सुपरमैन की पॉपुलैरिटी का कमाल ये था कि 3 साल बाद जब वो 'बैटमैन वर्सेज सुपरमैन' (2016) में फिर नजर आए तो इसे भी भारत में बहुत पसंद किया गया. बॉलीवुड हंगामा की मानें तो 'बैटमैन वर्सेज सुपरमैन' का नेट इंडिया कलेक्शन करीब 39 करोड़ रुपये था, जो उसी साल रिलीज हुई मार्वल की फिल्म 'एक्स मेन: अपोकलिप्स' (34 करोड़) से ज्यादा था.
2017 में आई DCEU की फिल्म 'जस्टिस लीग' ने 41 करोड़ के नेट कलेक्शन के साथ भारत में मार्वल की 'लोगन' और 'गार्डियंस ऑफ गैलेक्सी 2' से ज्यादा कमाई की थी. 'जस्टिस लीग' की भारत में कमाई उस साल आए 'ट्रांसफार्मर्स' और 'पाइरेट्स ऑफ कैरेबियन' के सीक्वल से भी ज्यादा थी.
भारत में DCEU से कहीं ज्यादा आगे निकला MCU
2018 में आई 'एक्वामैन' ने भारत में 54 करोड़ रुपये से ज्यादा कलेक्शन किया तो 2019 में आई 'जोकर' की कमाई 68 करोड़ रुपये रही. मगर इन दो सालों में जहां MCU 'अवेंजर्स: इनफिनिटी वॉर' और 'अवेंजर्स: एंडगेम' से भारत में अपनी पॉपुलैरिटी के चरम पर पहुंच रहा था. वहीं DCEU के लिए भारत में सबसे बड़ी फिल्म 'जोकर' ही रह गई.

पिछले 5 सालों में जहां DCEU की एक भी फिल्म भारत में 50 करोड़ का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी है. इस यूनिवर्स की एक भी फिल्म अभी तक इंडियन बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ का कलेक्शन नहीं कर पाई है. वहीं, MCU की 'स्पाइडरमैन- नो वे होम' लॉकडाउन के बाद पटरी पर लौट रहे सिनेमा बिजनेस के बीच 2021 में भारतीय बॉक्स ऑफिस पर, तमाम भारतीय फिल्मों को पछाड़कर सबसे बड़ी फिल्म बनी थी.
2013 से अबतक DCEU फिल्मों का भारत में कुल नेट कलेक्शन पूरे 500 करोड़ भी नहीं है. MCU की सिर्फ दो फिल्में 'अवेंजर्स: इनफिनिटी वॉर' और 'अवेंजर्स: एंडगेम' भारतीय बॉक्स ऑफिस पर 600 करोड़ से ज्यादा नेट कलेक्शन के साथ, पूरे DCEU पर भारी पड़ती हैं.
नए सुपरमैन पर है बड़ी जिम्मेदारी
'सुपरमैन' के डायरेक्टर जेम्स गन अब DC कॉमिक्स के आधार पर बने DCU को लीड कर रहे हैं. उन्हें सुपरहीरो फिल्मों के मामले में बहुत दमदार और सिनेमा की मॉडर्न सेंसिबिलिटी में पावरफुल फिल्ममेकर माना जाता है. फिल्म रेटिंग प्लेटफॉर्म रोटेन टोमटोज पर 'सुपरमैन' को 85% क्रिटिक्स रेटिंग और 95% ऑडियंस रेटिंग मिली है जो अबतक किसी भी सुपरमैन फिल्म को नहीं मिली.
फिल्म देख चुके क्रिटिक्स और दर्शकों के रिस्पॉन्स सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें इसे DC के लिए लैंडमार्क फिल्म बताया जा रहा है. भारत में सुपरहीरो फिल्मों के फैन्स भी यकीनन इन बातों पर नजर रखे हुए होंगे और अब ये देखना दिलचस्प होगा कि 11 जुलाई, शुक्रवार से जेम्स गन की 'सुपरमैन' भारत में क्या कमाल करती है.