scorecardresearch
 

The Royals Review: खराब राइटिंग-परफॉरमेंस से मिलकर बनी खिचड़ी है नेटफ्लिक्स की 'द रॉयल्स'

ईशान खट्टर और भूमि पेडनेकर स्टारर वेब सीरीज 'द रॉयल्स' नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो चुका है. अगर आप इसे देखने का मन बना रहे हैं तो पहले हमारे रिव्यू पढ़ लें. 

Advertisement
X
नेटफ्लिक्स की 'द रॉयल्स' सीरीज में ईशान खट्टर, भूमि पेडनेकर
नेटफ्लिक्स की 'द रॉयल्स' सीरीज में ईशान खट्टर, भूमि पेडनेकर
फिल्म:द रॉयल्स
2/5
  • कलाकार : ईशान खट्टर, भूमि पेडनेकर, साक्षी तंवर, विहान कामत
  • निर्देशक :रंगिता प्रितिश नंदी

बॉलीवुड और ओटीटी पर कई रॉयल्स ड्रामा हम सभी देख चुके हैं. इन्हीं की लिस्ट में अब एक और शो जुड़ गया है, जिसका नाम है 'द रॉयल्स'. ईशान खट्टर और भूमि पेडनेकर स्टारर ये शो रॉयल परिवार की कंगाली, समाज में उनकी इज्जत के साथ-साथ एक महाराज और एक हॉस्पिटैलिटी कंपनी की सीईओ की प्रेम कहानी के बारे में है.

Advertisement

क्या है शो की कहानी?

सीरीज की शुरुआत होती है सोफिया शेखर (भूमि पेडनेकर) के श्रीलंका के बीच पर रनिंग करने से. यहां उसे बीच में ही एक वीआईपी फोटोशूट की वजह से रोक दिया जाता है. लेकिन वो किसी की बात न मानकर अपनी रनिंग पूरी करती है. इस दौरान उसकी मुलाकात होती है घोड़े पर सवार अविराज (ईशान खट्टर) से जो एक मॉडल है और अपने पगलाए घोड़े को संभालने की कोशिश में लगा हुआ है.

अपनी पहली और दूसरी मुलाकात में अविराज और सोफिया को नहीं पता चलता कि वो दोनों कौन हैं. लेकिन जल्द ही उन्हें अपनी जिंदगी के बड़े शॉक्स में से एक मिलने वाला है. असल में अविराज, राजस्थान के मोरपुर का महाराजा है और सोफिया, मुंबई की एक बड़ी हॉस्पिटैलिटी कंपनी की सीईओ है. पिता के मरने के बाद अविराज और उसका शाही परिवार कंगाल हो चुके हैं. उसके पिता युगनाथ सिंह अपनी सारी आर्थिक संपत्ति किसी 'मॉरिस' के नाम कर गए हैं और अपने खुद के बीवी-बच्चों को कर्जे में दबा छोड़ गए हैं. ऐसे में जब सोफिया, अविराज के महल पर रॉयल बी एंड बी के ऑफर के साथ दस्तक देती है, तो वो मना नहीं कर पाता, या कहा जाए कि उसके पास हां करने के अलावा कोई चारा नहीं है.

Advertisement

सोफिया खुद एक बहुत बड़ी मुसीबत में फंसी हुई है. अविराज के महल के साथ की गई रॉयल बी एंड बी की डील के चक्कर में उसकी नौकरी पर बनी हुई है. अगर सोफिया इस प्रोजेक्ट में फेल हो गई तो उसके हाथ से नौकरी के साथ-साथ खून पसीने से खड़ी की कंपनी भी चली जाएगी. ऐसे में उसे किसी भी हाल में साम-दाम-दंड-भेद लगाकर इस प्रोजेक्ट को सफल बनाना भी है. इस सबके बीच अविराज संग बढ़ती सोफिया की नजदीकियां भी इस पूरी सिचुएशन में तड़का लगा रही हैं. देखना होगा कि अविराज और सोफिया अपनी मुश्किलों को कैसे सुलझाते हैं.

रॉयल खिचड़ी है शो

'द रॉयल्स' में बहुत कुछ एक साथ हो रहा है. इस शो में बहुत सारे किरदार हैं, जिन्हें सीरीज की लेखक और मेकर्स दोनों ही संभाल नहीं पाए. सोफिया और अविराज के स्टीमी रोमांस के साथ-साथ शो में अविराज के भाई दिग्विजय (विहान सामत) और बहन दिव्यरंजिनी उर्फ जिनी (काव्या त्रेहान) की कहानी को भी दिखाने की कोशिश की गई है. हालांकि दोनों के ही साथ न्याय पूरी तरह नहीं हो पाया. दिग्विजय एक इग्नोर किया हुआ बच्चा है, जिसके बहन-भाई किसी काम के नहीं, इसलिए उसे सबकुछ करना पड़ता है. लेकिन उसकी कोई इज्जत नहीं है. तो वहीं जिनी अपने घर में अपनी जगह और आइडेंटिटी से लड़ रही है. दोनों की किरदार दिलचस्प हैं, पर उन्हें ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई.

Advertisement

अविराज की मां रानी पद्मजा (साक्षी तंवर) की कहानी थोड़ी कन्फ्यूजिंग है. तो वहीं उनके स्वर्गीय पति युगनाथ सिंह (मिलिंद सोमान) के बारे में आपको फ्लैशबैक की मदद से ही थोड़ा कुछ जानने को मिलता है. इस सीरीज में सस्पेंस, ड्रामा, रॉयलनेस, रोमांस, इंटीमेसी सबकुछ है, लेकिन मजा बहुत कम है. चीजों का बहुत आगे बढ़ जाना और फिर 2 पल में सबकुछ ठीक भी हो जाता है. शो की शुरुआत काफी आजमाए हुए अंदाज से होती है और फिर चीजें आगे बढ़ते हुए बनावटी होती जाती हैं. शो की लिखाई बेहद कमजोर है और यही इसकी सबसे बड़ी खामी है. इसके अलावा एक्टर्स की परफॉरमेंस भी कई जगह हिल जाती है, जो देखना काफी असहज है.

ईशान खट्टर बढ़िया एक्टर हैं, लेकिन शो में उनका इस्तेमाल काफी हद तक 'पीस ऑफ मीट' के तौर पर किया गया है. वहीं भूमि पेडनेकर को देखकर साफ है कि वो ऐसे शोज के लिए बेस्ट चॉइस नहीं है. भूमि को इससे बेहतर शोज और फिल्मों में देखा जा चुका है. ऐसे में आप उनसे जितनी बड़ी उम्मीद रखते हैं उतनी ही निराशा आपको हाथ लगती है. साक्षी तंवर और अली खान के बीच की केमिस्ट्री दमदार है. उनके बीच की टेंशन आप स्क्रीन के बाहर तक महसूस कर सकते हैं. सीरीज में मिलिंद सोमान, डीनो मोरेया, जीनत अमान, चंकी पांडे, नोरा फतेही, लीसा मिश्रा, सुमुखी सुरेश, उदित अरोड़ा संग कई एक्टर्स हैं, जिनकी परफॉरमेंस ठीकठाक हैं लेकिन उनके किरदारों का मकसद समझना मुश्किल है. सीरीज के गाने अच्छे हैं. इसका म्यूजिक हर एपिसोड को काफी हद तक झेलने लायक बनाता है.

Advertisement

अगर आपको ये रिव्यू पढ़कर लग रहा है कि क्या हो रहा है कुछ समझ नहीं आ रहा, तो बता दूं कि शो देखकर मेरा भी यही हाल है.

Live TV

Advertisement
Advertisement