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Raid 2 Review: अमय पटनायक की धमाकेदार वापसी में हैं तगड़े ट्विस्ट, देखकर आ जाएगा मजा

हर अच्छी फिल्म को दोबारा देखने में दर्शकों को मजा आता ही है. साथ ही वह चाहते हैं कि इन अच्छी फिल्मों का नया पार्ट भी बने. इसी चीज को देखते हुए 'रेड 2' का ऐलान किया था. अब दर्शकों इंतजार खत्म हो गया है और 'रेड 2' रिलीज हो गई है. अगर आप भी ये फिल्म देखने जा रहे हैं तो पहले हमारा रिव्यू पढ़ लीजिए.

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फिल्म 'रेड 2' में अजय देवगन
फिल्म 'रेड 2' में अजय देवगन
फिल्म:रेड 2
3.5/5
  • कलाकार : अजय देवगन, रितेश देशमुख, अमित सियाल, सुप्रिया पाठक, वाणी कपूर
  • निर्देशक :राज कुमार गुप्ता

अजय देवगन की फिल्म 'रेड' ने साल 2018 में लोगों का मनोरंजन किया था. इसे उस वक्त बॉलीवुड की सबसे बढ़िया क्राइम थ्रिलर बताया गया था. हर अच्छी फिल्म को दोबारा देखने में दर्शकों को मजा आता ही है. साथ ही वह चाहते हैं कि इन अच्छी फिल्मों का नया पार्ट भी बने. इसी चीज को देखते हुए डायरेक्टर राज कुमार गुप्ता और एक्टर अजय देवगन ने फिल्म 'रेड 2' का ऐलान किया था. जिसके बाद ऑडियंस में हलचल थी. अब दर्शकों इंतजार खत्म हो गया है और 'रेड 2' रिलीज हो गई है. 

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कहानी

फिल्म की कहानी अमय पटनायक (अजय देवगन) के अपने क्लासिक स्टाइल में सूरज उगने से पहले रेड डालने से होती है. अमय के निशाने पर हैं राजस्थान का राजा (गोविंद नामदेव), जो अपने महल में पूल पार्टी के मजे लेते हुए अय्याशियां कर रहा है. रेड से नाराज होकर राजा इनकम टैक्स अफसरों की टीम पर गोलियां और तोपें चलवा देता है और अपना सारा खजाना ट्रकों में भरकर कहीं और भिजवा देता है. लेकिन अमय पटनायक अगर उसके पीछे है तो वो भला बच कैसे सकता है? लेकिन राजा का खजाना जब्त करने के बाद अमय कुछ ऐसा करता है, जिसपर विश्वास करना आपके-मेरे और बाकी सभी के लिए मुश्किल है. वो राजा का मामला रफा-दफा करने के लिए 2 करोड़ रुपये की घूस मांगता है. बस फिर क्या था? बॉस को पता चलते ही अमय का ट्रांसफर हो जाता है. 

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अब अमय पटनायक भोज आ चुका है. हर बार ट्रांसफर से परेशान उसकी बेटी और बीवी मालिनी (वाणी कपूर) भी उसके साथ हैं. भोज में एंट्री करते हुए अमय को नजर आते हैं एक मंत्री के बड़े-बड़े पोस्टर. इन पोस्टर्स में जन कल्याण की बातें हैं और मंत्री की आंखों में जनता के लिए प्यार. तब अमय को मनोहर धनकर उर्फ दादा भाई (रितेश देशमुख) का चेहरा पहली बार दिखता है. दादा भाई जनता के सेवक हैं. जब उनके पास कुछ नहीं था तब भी वो जनता की सेवा करते थे और इसी के चलते जनता ने उन्हें मंत्री बनाया. अब लोगों की सेवा के लिए दादा भाई ने अपनी मां सुषमा (सुप्रिया पाठक) के नाम से एक फाउंडेशन खोली हुई है, जिसमें कई लोग नौकरी करते और पैसे कमाते हैं. दादा भाई भगवान से ऊपर अपनी मां को रखते हैं. रोज सुबह उठकर उनकी पूजा करते हैं और उनके चरणों में अपना शीश नवाते हैं.

दादा भाई की छवि एकदम चिकनकारी के सफेद कुर्ते-सी साफ है और यही अमय के लिए शक की बात है. वो भोज में चीजों को तलाशने निकलता है तो उसे दादा भाई के काले कामों के बारे में पता चलता है. लेकिन बात अब सिर्फ इनकम टैक्स फ्रॉड तक सीमित नहीं है. दादा भाई ने 500 करोड़ का फ्रॉड तो कर ही रखा है, लेकिन उसके साथ-साथ वो और भी बड़ी चीजों में शामिल है. वो चीजें जो न सिर्फ लोगों की जिंदगी बर्बाद कर रही है बल्कि उन्हें अपनी जान लेने पर भी मजबूर कर रही है. इन्हीं सबका पता अमय पटनायक को लगाना है. अमय के सामने दादाभाई और उसके गुंडे ही नहीं बल्कि भोज की जनता भी है जो दादाभाई को अपना भगवान मानती है. ऐसे में अमय हर तरफ से फंसा हुआ है और उसकी नौकरी पर बनी हुई है वो अलग. 

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देखें फिल्म का ट्रेलर...

डायरेक्शन

राज कुमार गुप्ता की फिल्म 'रेड' आपने देखी हो तो आपको याद होगा कि उस फिल्म का ज्यादातर हिस्सा रेड मारने के बाद ताऊजी (सौरभ शुक्ला) के घर के अंदर की कहानी दिखाने तक सीमित था. ताऊजी यूं तो बहुत शातिर थे लेकिन उनके परिवार ने उनका बंटाधार करवा दिया था. लेकिन इस फिल्म में चीजें और दिलचस्प हैं क्योंकि दादाभाई, ताऊजी से भी शाना है. वो रातोरात चीजों और लोगों को गायब करने का हुनर रखता है, और इसी के चलते रेड 2 में कई बड़े ट्विस्ट आते हैं. अपनी राइटर्स की टीम रितेश शाह, जयदीप यादव, करण व्यास और अक्षत तिवारी के साथ मिलकर राज कुमार गुप्ता ने बढ़िया कहानी तैयार की है, जिसके ट्विस्ट एंड टर्न्स के साथ-साथ किरदार भी मजेदार हैं. और फिर राज कुमार गुप्ता ने अपना हुनर दिखाते हुए अपनी कहानी को बढ़िया ढंग से पर्दे पर उतारा है, जो काबिल-ए-तारीफ है. फिल्म के क्लाइमेक्स में चला पैसा ये पैसा गाना सुनकर आप भी झूम उठेंगे. यही डायरेक्टर के बढ़िया विजन का नमूना है. 

एक्टिंग

पिक्चर में एक से बढ़कर एक एक्टर को लिया गया है. अमय पटनायक का किरदार अजय देवगन ने बखूबी निभाया. वो रोल में एकदम फिट बैठते हैं. उन्हें देखकर लगता ही है कि वो असल में अमय हैं. मालिनी पटनायक के रोल में वाणी कपूर का काम भी अच्छा है. उन्हें कुछ बहुत ज्यादा करने को नहीं मिला, लेकिन जितना था उन्होंने बढ़िया किया. हर फ्रेम में और थोड़ी ज्यादा खूबसूरत भी लगीं. पिक्चर के विलेन की बात करें तो रितेश देशमुख ने फिल्म एक विलेन में ही बता दिया था कि वो बहुत बढ़िया बैड बॉय हैं. इस फिल्म में भी उन्होंने दादाभाई के दोनों रूपों - अच्छे और बुरे, को बेहतरीन ढंग से निभाया है. 

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अजय और रितेश के अलावा फिल्म में रजत कपूर, अमित सियाल, बृजेंद्र काला, सौरभ शुक्ला, सुप्रिया पाठक, श्रुति पांडे, गोविंद नामदेव और यशपाल शर्मा जैसे बढ़िया कलाकार हैं. सभी ने अपने किरदारों को अच्छे से निभाया. सौरभ शुक्ला को रेड 2 में देखना काफी अच्छा लगा. लेकिन सबसे ज्यादा मजा अमित सियाल के किरदार लल्लन सुधीर को देखने में आया. लल्लन के डायलॉग और हरकत ही इतने फनी हैं कि आपको उससे प्यार हो जाएगा. ड्यूटी के पहले दिन महामहिम दादाभाई के घर पहुंचे लल्लन का कहना है कि वो 'दिन की वो इग्नोर की हुई सब्जी है, जिसे रात में 10 बजे के बाद निकाला जाता है'. साथ ही वो बिन पैंदे का लोटा भी हैं. फिल्म में फनी मोमेंट्स अमित सियाल और सौरभ शुक्ला ही लेकर आते हैं, जो सीरियस चल रही पिक्चर में दर्शकों के लिए जरूरी है. पिक्चर की एडिटिंग क्रिस्प है और इसके गाने भी ठीकठाक हैं. हर फिल्म की तरह 'रेड 2' में भी कमियां तो हैं ही, लेकिन आप उन्हें इग्नोर कर इसे एंजॉय कर सकते हैं.

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