डायरेक्टरः प्रभुदेवा
कलाकारः अजय देवगन, सोनाक्षी सिन्हा, यामी गौतम, कुणाल रॉय कपूर और मनस्वी ममगई
रेटिंगः 2 स्टार
सिंघम रिटर्न्स में अजय देवगन ने जहां एक अच्छी कहानी के साथ दर्शकों के बीच अपनी स्थिति मजबूत की थी, वहीं 'एक्शन जैक्सन' ऐसी फिल्म है जिसमें ऐसा लगता ही नहीं है कि डायरेक्टर ने कोई खास मशक्कत की है. सारा काम स्टारपॉवर और अपने मसाला फॉर्मूले पर छोड़ दिया है. बेतुकी कहानी, कन्फ्यूज्ड टाइप म्यूजिक, औसत टाइप ऐक्टिंग, अपील न करने वाले डायलॉग और सुस्त से दिख रहे अजय देवगन. ऐसा कुछ भी नहीं जिसे देखकर उत्साहित हुआ जा सके. यह ऐसी फिल्म है जो सिर्फ अजय देवगन के फैन्स के लिए है. इसे देखकर ऐसा भी लगता है कि प्रभुदेवा समय के साथ अपनी धार खोते जा रहे हैं. तभी तो 'रमैया वस्तावैया' के साथ बिगड़ी उनकी ट्यूनिंग एक्शन जैक्सन में नजर आती है.
कहानी में कितना दम
फिल्म में एक गुंडा (अजय देवगन) है. एक चुलबुली लड़की (सोनाक्षी सिन्हा) है. दोनों इत्तेफाकन मिलते है, और फिर नैन मटक्के वाला खेल शुरू हो जाता है. बस, यह लड़की उस लड़के से कुछ ऐसा चाहती है जो बहुत ही अजीबोगरीब है, और इसी के लिए वह उसके पीछे भागती रहती है. इसी के साथ फिल्म में विलेन आता है. एक हमशक्ल आता है और डबल रोल वाला गेम शुरू हो जाता है. एक का जीवन दूसरे को प्रभावित करने लगता है. फिल्म में ऐक्शन, कॉमेडी और रोमांस हर तरह के मसाले को डालने की कोशिश की गई है, लेकिन हर चीज बहुत ही अटपटी लगती है. प्रभुदेवा ने फिल्म को एक बेस्वाद खिचड़ी में तब्दील कर दिया है.
स्टार अपील
अजय देवगन एक सीनियर ऐक्टर और सुपरस्टार हैं. लेकिन फिल्म में बहुत ही कम जगहों पर अपील कर पाते हैं. जहां तक ऐक्टिंग का सवाल है तो उस मामले में वे ठीक-ठाक हैं. उन्हें फिल्म करते समय उसकी कहानी को एक बार अच्छे से टटोलने की कोशिश कर लेनी चाहिए. सोनाक्षी सिन्हा ठीक हैं. उन्हें सीनियर ऐक्टर्स के साथ जिस तरह का काम मिलता रहा है, वह इस फिल्म में भी है. मनस्वी ममगई और यामी गौतम कोई खास छाप नहीं छोड़ पाती है. कुणाल ने हंसाने की कोशिश की है जो सफल भी हुई है.
कमाई की बात
अजय देवगन का नाम है. प्रभुदेवा डायरेक्टर है. ऐक्शन और कॉमेडी जैसे फैक्टर फिल्म से जुड़े हैं, इसलिए इसे ओपनिंग अच्छी मिल सकती है, लेकिन बाकी की कहानी उसके बाद शुरू होगी क्योंकि फिल्म में ऐसे फैक्टर्स की कमी है जो इसे बहुत बड़ी फिल्म बना सके. फिल्म सिंगल स्क्रीन थिएटर्स और छोटे शहरों में अच्छा कर सकती है. लेकिन खराब कहानी की वजह से इस फिल्म की दर्शकों से लंबे समय तक कनेक्ट करने की उम्मीद कम ही है.