scorecardresearch
 

Film Review: 'सात उचक्के' के कैरेक्टर अच्छे हैं लेकिन कहानी ठग लेती है

आज यानी 14 अक्टूबर को मनोज बाजपेयी स्टारर फिल्म 'सात उचक्के' रिलीज हो रही है. आइए जानते हैं कैसी है ये फिल्म...

Advertisement
X
 'सात उचक्के' का पोस्टर
'सात उचक्के' का पोस्टर

फिल्म का नाम: सात उचक्के
डायरेक्टर: संजीव शर्मा
स्टार कास्ट: मनोज बाजपेयी, के के मेनन, विजय राज, अदिति शर्मा, अन्नू कपूर, अनुपम खेर
अवधि: 2 घंटा 19 मिनट
सर्टिफिकेट: A
रेटिंग: 2 स्टार

संजीव शर्मा ने एक गीतकार और राइटर के रूप में बहुत सारे काम किए हैं लेकिन पहली बार हिंदी फिल्म के डायरेक्शन में कदम रखकर फिल्म 'सात उचक्के' डायरेक्ट की है. आइए जानते हैं कैसी है ये फिल्म:

कहानी:
फिल्म की कहानी एक पागलखाने से शुरू होकर पुरानी दिल्ली की दीवान साहेब (अनुपम खेर) की हवेली में खत्म होती है. फिल्म में पप्पी जाट (मनोज बाजपेयी ) अपने दोस्तों हग्गू, खप्पे, अज्जी ,बब्बे, और जग्गी तिरछा (विजय राज ) के साथ एक खजाने को लूटने का प्लान बनाता है. इसमें उसकी मदद करने के लिए गर्लफ्रेंड सोना (अदिति शर्मा) भी जुड़ती है. इन सभी को परेशान करने वाला एक ही पुलिस वाला है जिसका नाम तेजपाल राठी (के के मेनन) है. फिल्म में बिच्ची (अन्नू कपूर) का भी अहम रोल है. अब क्या पप्पी जाट अपने गिरोह के साथ खजाना लूट पाने में सफल हो पाता है, इसका पता आपको फिल्म देखकर ही चलेगा.

Advertisement

जानिए क्या हैं फिल्म की कमजोर कड़ी:

1- फिल्म की कमजोर कड़ी इसकी लिखावट है जिसमें वन लाइनर्स पर हंसी तो आती है लेकिन 2 घंटे 19 मिनट तक इसे झेल पाना मुश्किल होने लगता है. स्क्रीनप्ले और एडिटिंग को थोड़ा और बेहतर किया जा सकता था.

2- फिल्म की कास्टिंग भी गड़बड़ दिखाई पड़ती है. ख़ास तौर से अनुपम खेर और अन्नू कपूर की मौजूदगी से फिल्म काफी लाउड लगने लगती है.  इनकी जगह किसी और को कास्ट किया जाता तो शायद फिल्म और बेहतर लगती.

3- फिल्म में टिपिकल गली के लड़कों वाली गालियों का इस्तेमाल किया गया है जो शायद सभी को पसंद ना आये.

4- फिल्म खास तौर से फिल्ममेकिंग के स्टूडेंट्स के लिए कारगर सिद्ध हो सकती है क्योंकि आखिरकार फिल्म से मिलने वाली शिक्षा के बारे में भी बताया गया है, लेकिन आम जनता के लिए मसाला बहुत कम है.

3 पॉइंट्स में जानें की ये फिल्म क्यों देख सकते हैं:

1. मनोज बाजपेयी, के के मेनन और विजय राज जैसे उम्दा कलाकारों ने एक बार फिर एक्टिंग में कोई भी कमी नहीं छोड़ी है. वहीं, अदिति शर्मा ने भी बेहतरीन एक्टिंग की है. दिखाए गए बहुत सारे सीन ऐसे हैं जिनमें कभी कभी आपको ठहाकों भरी हंसी भी आ सकती है

Advertisement
2. अगर आप दिल्ली के रहने वाले हैं और खास तौर से पुरानी दिल्ली के, तो आपको वहां का थोड़ा फ्लेवर जरूर मिलेगा.

3. फिल्म में 'नजर लागी राजा' और 'छाप तिलक' जैसे लोकगीत बेहतरीन तरीके से दिखाए गए हैं.

बॉक्स ऑफिस:
यह फिल्म एक साल पहले ही बनकर तैयार थी लेकिन सेंसर सर्टिफिकेट मिलने के लिए काफी मशक्कत की जा रही थी. मार्केटिंग और प्रमोशन के साथ फिल्म की लागत लगभग 12 करोड़ रुपये बताई जा रही है. देखना खास होगा कि बॉक्स ऑफिस पर फिल्म को कितना फायदा या नुकसान होगा.

Advertisement
Advertisement