बॉलीवुड की दिग्गज एक्ट्रेस रेखा ने जेद्दाह में हुए रेड सी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में हिस्सा लिया. यहां उन्हें मुजफ्फर अली की 1981 की फिल्म उमराव जान के लिए रेड सी ऑनरी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. रेखा इस दौरान बातचीत में भावुक होती नजर आईं. लेकिन अपनी खूबसूरत स्माइल और बातों से उन्होंने सभी का दिल जीत लिया.
फिल्मों की वजह से मिली जिंदगी
रेखा ने मंच पर शायरी भी सुनाई. अपनी फीलिंग्स भी बयां की. रेखा ने कहा कि वो फिल्मों की वजह से जिंदा हैं. स्टेज पर एक फैन से बात करते हुए रेखा ने उमराव जान के क्लासिक गाने 'दिल चीज क्या है' की मशहूर लाइनें सुनाईं. उन्होंने कहा- इस अंजुमन में आपको आना है बार-बार… दीवार-ओ-दर को गौर से पहचान लीजिए.
इसके बाद उन्होंने फिल्मों की जादुई ताकत और इससे मिलने वाली इमोशनल राहत की दिल से बात की. उन्होंने दर्शकों को फिल्मों में डूब जाने की सलाह देते हुए कहा- आप ये फिल्म रोज देखने आइए. रोज फिल्में देखने आइए. वही एक चीज है जो सुकून देती है. फिल्मों से बढ़कर कोई दवा या इलाज नहीं. मैं इसकी जीती-जागती मिसाल हूं. मैं फिल्मों की वजह से जिंदा हूं.
रेखा हमेशा शांत स्वभाव से ही बात करती हैं, ऐसे क्यों इस बारे में उन्होंने कहा कि- मैं ज्यादा बोलने वालों में से नहीं हूं. उमराव जान में भी संवाद सिर्फ उतना ही कह पाए, जितना मेरी आंखें देख और जाहिर कर सकती थीं. मेरा मानना है एक नजर ही काफी होती है.
मां पुष्पावली को किया याद
रेखा ने रेड सी फिल्म फेस्टिवल में अपनी मां और दिग्गज एक्ट्रेस पुष्पावल्ली को भी याद किया और उनकी दी सीख को शेयर. वो बोलीं- आपको अपनी उपलब्धियों और भावनाओं के बारे में बात नहीं करना चाहिए. लोगों को समझाने के बजाय, बस अपना जीवन अच्छे से जियो, लोग खुद सीख जाएंगे, खासकर ये तो कभी मत कहो कि क्या नहीं करना चाहिए.
रेखा हमेशा अपनी बनारसी और कांजीवरम साड़ी लुक से फैंस का दिल जीत लेती हैं. यहां भी वो आइवरी और गोल्ड रंग की शानदार साड़ी में नजर आईं, जो ऑडिटोरियम की रोशनी में खूबसूरती से चमक रही थी.
फिल्म उमराव जान मिर्जा हादी रुस्वा के 1899 में लिखे गए मशहूर उर्दू उपन्यास उमराव जान अदा पर आधारित है. ये फिल्म लखनऊ की एक तवायफ और शायरा की जिंदगी की कहानी है, जो अपने टैलेंट के भरोसे बुलंदियों तक जाती है. इसे रेखा के करियर की सबसे बेहतरीन परफॉर्मेंसेज में से एक माना जाता है.