
ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव का असर वैसे तो राजनीति से लेकर लोगों की सामाजिक बात-बर्ताव तक पर नजर आने लगा है. लेकिन इस ऑपरेशन का एक डायरेक्ट असर हाल ही में सिनेमा बिजनेस पर भी नजर आया. राजकुमार राव और वामिका गब्बी की फिल्म 'भूल चूक माफ' की थिएट्रिकल रिलीज कैंसिल कर दी गई. अब ये फिल्म सीधा थिएटर्स में रिलीज होगी.
एक ब्रेक के बाद कमबैक करने जा रहे आमिर खान अपनी नई फिल्म 'सितारे जमीन पर' का ट्रेलर गुरुवार को रिलीज करने वाले थे. लेकिन रिपोर्ट्स में सामने आया कि हालात देखते हुए उन्होंने ये प्लान टाल दिया है. उधर चेन्नई में सुपरस्टार कमल हासन की अगली रिलीज 'ठग लाइफ' के गाने का ग्रैंड लॉन्च इवेंट 16 मई को होने वाला था. लेकिन देश में बढ़े तनाव को देखते हुए उन्होंने भी ये कार्यक्रम टाल दिया. कमल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि 'आर्ट इंतजार कर सकती है. देश नहीं.' रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारत-पाकिस्तान का सैन्य संघर्ष लंबा चलने की सूरत में कई फिल्ममेकर्स अपने प्रोजेक्ट टालने पर विचार कर रहे हैं.
देश में जब हालात तनावपूर्ण हों और देशवासियों का ध्यान पूरी तरह देश की सुरक्षा से जुड़े एक बड़े मामले पर लगा हो, तब फिल्म इंडस्ट्री से इस तरह के फैसलों का आना वैसे तो जायज ही है. मगर 'भूल चूक माफ' के टलने को लेकर मेकर्स पर कुछ सवाल भी उठे. सोशल मीडिया पर कुछ लोग ये भी कहते नजर आए कि मेकर्स को फिल्म टालने की जरूरत नहीं थी. ऐसे में कई लोगों के मन में एक जाहिर सवाल ये भी उठा कि आखिरी बार जब भारत की सरहद पर इस तरह का तनाव था और कारगिल में ऑपरेशन विजय चल रहा था, तब देश के अंदर सिनेमा के क्या हालचाल थे? आइए बताते हैं...
'भूल चूक माफ' पर इस वजह से उठे सवाल
राजकुमार और वामिका की फिल्म शुक्रवार को थिएटर्स में रिलीज होने जा रही थी. फिल्म के टीजर-ट्रेलर और प्रोमोज के अलावा गाने भी रिलीज हो चुके थे. मगर 'भूल चूक माफ' के लिए जनता में ऐसा खास माहौल नहीं बनता नजर आ रहा था जो किसी फिल्म को दमदार शुरुआत दिलाता है. फिल्म टलने की जानकारी आने से पहले इसकी एडवांस बुकिंग भी शुरू हो चुकी थी.
'भूल चूक माफ' मैडॉक फिल्म्स की फिल्म है जिनकी पिछली फिल्मों में से 'छावा' और 'स्त्री 2' तगड़ी ब्लॉकबस्टर रही हैं. उनकी अक्षय कुमार स्टारर फिल्म 'स्काईफोर्स' भले बॉक्स ऑफिस पर हिट नहीं हुई मगर पहले दिन इसे भी 15 करोड़ रुपये से ज्यादा की ओपनिंग मिली थी. गुरुवार को फिल्म टलने की जानकारी आने से पहले तक इसकी एडवांस बुकिंग बहुत ठंडी चल रही थी और नेशनल चेन्स में लगभग 3000 टिकट ही बुक हुए थे. जबकि शुक्रवार को फिल्म रिलीज होनी थी.
दूसरी तरफ, राजकुमार और वामिका दोनों जमकर अपनी फिल्म प्रमोट कर रहे थे और मंगलवार तक इंटरव्यूज देते नजर आए थे. लेकिन मंगलवार और बुधवार वाली रात में हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद, गुरुवार को 'भूल चूक माफ' के मेकर्स ने फिल्म की रिलीज टाल दी. मेकर्स ने अनाउंस किया कि 'मौजूदा घटनाओं और देशभर में सुरक्षा ड्रिल्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए' वे अब अपनी फिल्म अब थिएटर्स में नहीं रिलीज करेंगे. अब ये फिल्म अपनी ऑरिजिनल रिलीज डेट 9 मई से एक हफ्ते बाद, 16 मई को सीधा ओटीटी प्लेटफॉर्म प्राइम वीडियो पर रिलीज होगी.
इसलिए सोशल मीडिया पर लोगों ने 'भूल चूक माफ' पर ये सवाल उठाया कि कहीं मेकर्स अपनी फिल्म को मिल रहा ठंडा रिस्पॉन्स देखकर तो फिल्म नहीं टाल रहे! क्योंकि एक तो इसकी नई रिलीज मात्र एक हफ्ते बाद के लिए ही शिड्यूल की गई है ऊपर से थिएटर्स की जगह ओटीटी पर रिलीज किया जा रहा है.
क्या फिल्मों पर पड़ रहा है ऑपरेशन सिंदूर का असर?
अजय देवगन की फिल्म 'रेड 2' पिछले गुरुवार को थिएटर्स में रिलीज हुई थी और एक शानदार वीकेंड कलेक्शन के बाद कामकाजी हफ्ते में भी फिल्म की सॉलिड कमाई जारी थी. सोमवार और मंगलवार, दोनों दिन फिल्म ने लगभग एक बराबर 7.4 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया. यानी हफ्ते के पहले दो वर्किंग डेज में फिल्म की कमाई में बॉक्स ऑफिस पर कोई गिरावट नहीं थी. मगर बुधवार यानी जिस दिन सुबह-सुबह ऑपरेशन सिंदूर की खबर आई, फिल्म का कलेक्शन 35% तक घट गया और 4.81 करोड़ रहा.
इस हफ्ते थिएटर्स में चल रही कई बड़ी फिल्मों की कमाई में मंगलवार के मुकाबले बुधवार की कमाई में इसी तरह की गिरावट देखने को मिली. बॉक्स ऑफिस पर चौथे हफ्ते में चल रही अक्षय कुमार की फिल्म 'केसरी 2' ने मंगलवार को 90 लाख का बिजनेस किया था. ये बुधवार को घटकर 65 लाख ही रह गया, जो लगभग 27% की गिरावट थी. इसी तरह साउथ में तेलुगू फिल्म 'हिट 3' की कमाई भी एक ही दिन में लगभग 27% गिरी. जबकि तमिल फिल्म 'रेट्रो' की कमाई में भी 25% से ज्यादा कमी आई.
'रेड 2' एक हिट फिल्म है और जनता में इसके लिए क्रेज नजर आया है. फिर भी इसकी कमाई में मंगलवार के मुकाबले बुधवार को बड़ी गिरावट आना ये बताता है कि इसके पीछे कोई असामान्य वजह है, जो कि इस मामले में ऑपरेशन सिंदूर है. वर्ना हिट फिल्में देखें तो अजय की ही पिछली दो हिट्स 'शैतान' और 'दृश्यम' की कमाई मंगलवार और बुधवार को लगभग बराबर ही थी. 'शैतान' ने दोनों दिन 6 करोड़ कमाए थे, वहीं 'दृश्यम 2' ने लगभग 10 करोड़.
कारगिल के समय ऐसा था फिल्मों का हाल
इस समय देश में जिस तरह का माहौल है उससे सीधा कारगिल में हुए ऑपरेशन विजय की याद आती है जिसमें भारत, पाकिस्तान से युद्ध लड़ रहा था. देश के इतिहास में (कम से कम ये स्टोरी लिखे जाने तक) यही आखिरी जंग है.
ऑपरेशन विजय 1999 में मई की शुरुआत से लेकर जुलाई के अंत तक चला था. लगभग तीन महीने लंबे चले इस ऑपरेशन के बीच देश के थिएटर्स में 8 बड़ी फिल्में रिलीज हुई थीं. इनमें से 6 बॉक्स ऑफिस पर कामयाब रही थीं, जबकि 2 फ्लॉप थीं. दिलचस्प बात ये है कि देश की सीमा पर चल रहे युद्ध के बीच आईं इन 8 फिल्मों में से 5 लव स्टोरीज थीं- हम दिल दे चुके सनम, सिर्फ तुम, होगी प्यार की जीत, मन और होते होते प्यार हो गया. इनमें से काजल स्टारर 'होते होते प्यार हो गया' ही फ्लॉप थी.
8 में से 2 कॉमेडी फिल्में 'हसीना मान जाएगी' और 'बीवी नंबर 1' भी उस माहौल में बड़ी हिट्स रही थीं. शायद इसकी वजह ये रही हो कि देश में चल रहे उस तनावपूर्ण माहौल में लोग दिमाग को रिलैक्स करने वाली कहानियां देखना चाहते थे. सोचने लायक एक दिलचस्प सवाल ये भी है कि क्या इसी वजह से कारगिल युद्ध के गंभीर माहौल के बीच, गंभीर फैमिली ड्रामा लेकर आई 'सूर्यवंशी' बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई?!
कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि कारगिल युद्ध का फिल्मों पर कुछ खास असर नहीं पड़ा था. बल्कि शायद उस वक्त आई फिल्मों ने नॉर्मल माहौल के मुकाबले ज्यादा बेहतर बिजनेस किया था क्योंकि 3 महीनों में आईं 6 बड़ी हिंदी फिल्मों का बॉक्स ऑफिस पर इस तरह हिट होना बड़ी बात है. हालांकि, इस बार भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव को लेकर लोगों का आक्रोश अलग स्तर पर है.
इसकी एक सीधी वजह ये भी है कि एक नई सदी में भी, लगभग 25 साल के ही अंतर पर, हम दूसरी बार पाकिस्तान के कारण इस तरह की स्थिति में हैं जहां युद्ध एक संभावना है. ऐसे में माहौल देखते हुए ये कहा जा सकता है कि अब बॉक्स ऑफिस पर सिर्फ फिल्म का अच्छा या बुरा होना मुद्दा नहीं होगा. इस बात का भी फर्क पड़ेगा कि उस दिन देश की सीमा पर माहौल कैसा है और जनता का 'मूड' कैसा है.
फिल्मों के प्रमोशन कैम्पेन और नई अनाउंसमेंट का सीधा मकसद ही होता है जनता का ध्यान फिल्म की तरफ खींचना. और इस समय जब जनता का ध्यान एक कहीं ज्यादा बड़ी चीज पर लगा हुआ है, तब अटेंशन खींचने की कोशिश एक डिस्ट्रेक्शन की तरह देखी जाएगी और नेगेटिव रिएक्शन भी लेकर आएगी. इसलिए ऐसे अनिश्चित समय में फिल्म बिजनेस का भी कुछ दिनों तक शांति बनाए रखना भी ठीक ही है क्योंकि हिंदी फिल्मों के लेजेंड बुजुर्ग बाबू भैया ने कहा था- 'बिल्कुल रिक्स नहीं लेने का!'