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फ्लॉप फिल्म से शुरुआत, फिर मिला पूरे इंडिया का प्यार... अब ऋतिक को पैन इंडिया स्टार बनाने जा रहे होम्बाले फिल्म्स की कहानी

ऋतिक की नई फिल्म का नाम, डायरेक्टर, कहानी कुछ भी सामने नहीं आया है. फिर भी जनता को ऋतिक के इस प्रोजेक्ट से तगड़ी उम्मीदें सिर्फ इसलिए हैं क्योंकि इसके साथ होम्बाले फिल्म्स का नाम जुड़ा है. लेकिन क्या आपको पता है कि इस प्रोडक्शन हाउस की पहली फिल्म एक बड़ी फ्लॉप थी?

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ऋतिक के साथ फिल्म ला रहे होम्बाले फिल्म्स का सफर
ऋतिक के साथ फिल्म ला रहे होम्बाले फिल्म्स का सफर

किसी फिल्म प्रोजेक्ट के साथ अगर सिर्फ प्रोडक्शन हाउस का नाम देखकर ही सिनेमा फैन्स की एक्साइटमेंट बढ़ जाती हो, तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो दर्शकों को एंटरटेन करने में और अपना नाम बनाने में किस कदर कामयाब हुआ है. कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री से शुरुआत करने वाले प्रोडक्शन हाउस होम्बाले फिल्म्स ने बहुत कम समय में भारतीय सिनेमा में कुछ ऐसा ही मुकाम हासिल किया है. 

एक रीजनल फिल्म इंडस्ट्री से शुरुआत करने वाले इस प्रोडक्शन हाउस को आज भारत का हर फिल्म दर्शक पहचानता है और इसकी वजह है इनकी बनाई फिल्में- KGF, सालार और कांतारा. मंगलवार को जब होम्बाले फिल्म्स ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल्स से अनाउंस किया कि अब वो बॉलीवुड सुपरस्टार ऋतिक रोशन के साथ कोलेबोरेट करने जा रहे हैं, तो इंडियन सिनेमा फैन्स का उत्साह देखने लायक था. सोशल मीडिया पर कईयों ने दावा किया कि अब फाइनली ऋतिक एक ऐसे अंदाज में पर्दे पर नजर आने वाले हैं, जैसे पहले कभी नहीं नजर आए. 

ऋतिक की फिल्म का नाम, डायरेक्टर, कहानी कुछ भी सामने नहीं आया है. फिर भी जनता को ऋतिक के इस प्रोजेक्ट से तगड़ी उम्मीदें सिर्फ इसलिए हैं क्योंकि इसके साथ होम्बाले का नाम जुड़ा है. लेकिन क्या आपको पता है कि इस प्रोडक्शन हाउस की पहली फिल्म एक बड़ी फ्लॉप थी? आइए बताते हैं कि इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में पावरफुल बिग स्क्रीन एंटरटेनमेंट की गारंटी बन चुके होम्बाले फिल्म्स का सफर कैसे शुरू हुआ था...

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गांव से निकलकर शहर में पैसे कमाने आए फिल्मी भाइयों की कहानी  
बेंगलुरु से 100 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर, मांड्या नाम का एक इलाका है. यहां के एक गांव से आने वाले विजय किरगंदुर अपने परिवार में बिजनेस करने का सोचने वाले पहले लड़के थे. उन्होंने कई बिजनेस में हाथ आजमाया था जिसमें एक माइक्रोबायोलॉजी लैब भी थी. 2010 में विजय ने अपने पड़ोस के गांव से आने वाले चलुवे गौड़ा के साथ एक कंस्ट्रक्शन कंपनी भी शुरू की. 

इसके तीन साल बाद दोनों ने फिल्म प्रोडक्शन में कदम रखा. इस बिजनेस में आने की वजह थी विजय का ये विश्वास कि कंस्ट्रक्शन और एंटरटेनमेंट दो ऐसे बिजनेस हैं जो हर हाल में चलते रहेंगे. बिजनेस की महत्वाकांक्षा के अलावा एक और चीज दोनों के साथ आने की वजह बनी थी- फिल्मों के लिए प्यार. इंडिया टुडे के साथ एक पुराने इंटरव्यू में दोनों ने कहा था कि उनकी प्रोडक्शन कंपनी 'कन्नड़ संस्कृति को सहेजने की कोशिश है, खासकर यंग जेनरेशन के लिए.'   

नई कंपनी का नाम और पहला प्रोजेक्ट 
विजय ने अपनी पहली फिल्म के लिए ही कन्नड़ स्टार पुनीत राजकुमार को अप्रोच किया जो इंडस्ट्री का बड़ा नाम थे. पुनीत की डेट्स मिलने तक विजय ने दो साल का इंतजार भी किया. तेलुगू फिल्मों के डायरेक्टर जयंत सी. परंजी, जिनका बचपन बेंगलुरु में बीता था, एक कन्नड़ फिल्म बनाना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने एक मॉडर्न रोमांटिक कहानी सोच रखी थी. फाइनली जब ये प्रोजेक्ट कागज से निकलकर बड़े पर्दे की तरफ आगे बढ़ा तो बारी आई प्रोडक्शन हाउस और फिल्म अनाउंस करने की. बताया जाता है कि पुनीत राजकुमार ने विजय को सलाह दी कि उन्हें अपनी ग्राम देवी होम्बलम्मा के नाम पर अपने प्रोडक्शन हाउस का नाम रखना चाहिए. इस तरह विजय के प्रोडक्शन हाउस का नाम रखा गया- होम्बाले फिल्म्स.

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नए प्रोडक्शन हाउस के साथ अनाउंस हुई पहली फिल्म का नाम रखा गया 'निन्निंदले'. इस मॉडर्न लव स्टोरी के लिए नई प्रोडक्शन कंपनी ने 30 दिन यूएस में शूट किया, जो उस वक्त तक कन्नड़ सिनेमा में एक बहुत नई बात थी. 2014 में जब फिल्म रिलीज हुई तो जाहिर है नए प्रोड्यूसर्स को बड़ी उम्मीदें भी रही होंगी. मगर उन्हें पहले ही प्रोजेक्ट में तगड़ा शॉक मिला. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फेल हुई और होम्बाले ने इसपर जो इन्वेस्टमेंट की थी, उसका 30% हिस्सा डूब गया. मगर विजय और चलुवे इस झटके से हिलने वाले नहीं थे. 

वो पहले ही अपनी दूसरी फिल्म 'मास्टरपीस' पर काम शुरू कर चुके थे, जिसमें उन्होंने पहली फिल्म से सीखे हुए सारे सबक झोंक दिए. क्रिसमस 2015 में ये फिल्म रिलीज हुई और बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कामयाबी लेकर आई. होम्बाले फिल्म्स को 'मास्टरपीस' से ना सिर्फ उनकी पहली कामयाबी मिली बल्कि हीरो के तौर पर मिला एक ऐसा साथी जो उन्हें इंडिया लेवल पर ले जाने वाला था- रॉकिंग स्टार यश. लेकिन उससे पहले विजय को अपने पहले हीरो पुनीत राजकुमार को भी एक कामयाब फिल्म देनी थी. ये मकसद पूरा हुआ राइटर संतोष आनंद्रम की फिल्म 'राजकुमार' से. 2017 में रिलीज हुई ये फिल्म उस वक्त कन्नड़ सिनेमा की सबसे कमाऊ फिल्म थी. 

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होम्बाले का सबसे बड़ा धमाका और पैन इंडिया सक्सेस 
'राजकुमार' रिलीज होने से पहले ही डायरेक्टर प्रशांत नील होम्बाले फिल्म्स के ऑफिस पहुंच चुके थे. उन्होंने इससे पहले कन्नड़ फिल्म 'उग्रम' बनाई थी, जिसने सिनेमेटिक स्टाइल और तकनीकों से सभी को बहुत इम्प्रेस किया था मगर इसका बिजनेस बहुत अच्छा नहीं था. कई साल पहले विजय ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब प्रशांत ने उन्हें KGF की कहानी बतानी शुरू की तो वो इसकी कल्पना नहीं कर पा रहे थे क्योंकि तबतक किसी ने इस तरह का आईडिया ही नहीं सोचा था. 

'उग्रम' से मिले भरोसे की वजह से उन्होंने प्रशांत को उनकी फिल्म तैयार करने की पूरी आजादी दी. और जब फिल्म की फाइनल फुटेज का बड़ा हिस्सा उन्होंने देखा तो यकीन हो गया कि ये प्रोजेक्ट कितना शानदार बना है. तभी विजय ने तय किया कि वो KGF को साउथ के सभी बड़ी भाषाओं में रिलीज करेंगे. लेकिन फिल्म के हीरो यश ने उन्हें कहा कि ये फिल्म हिंदी में भी चलेगी और तब उन्होंने इसे 5 भाषाओं में पैन इंडिया रिलीज करने का प्लान बनाया. KGF रिलीज हुई और पूरे देश में इसकी चर्चा हुई. बिजनेस के मामले में KGF कन्नड़ सिनेमा की सबसे बड़ी फिल्म बनी. 

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इसका सीक्वल 'KGF Chapter 2' 2022 की दूसरी सबसे बड़ी इंडियन फिल्म बनकर आया, जिसने वर्ल्डवाइड 1150 करोड़ से ज्यादा बिजनेस किया. लेकिन उस साल इंडिया की सबसे बड़ी फिल्मों में ये होम्बाले की अकेली फिल्म नहीं थी. 2022 की छठी सबसे बड़ी इंडियन फिल्म 'कांतारा' भी होम्बाले की फिल्म थी. ऋषभ शेट्टी की इस फिल्म ने पूरे देश को सरप्राइज कर दिया था और इस फिल्म को अलग-अलग भाषाओं में रिलीज करने की मांग खुद ऑडियंस ने की थी. कन्नड़ लोकसंस्कृति से निकली 'कांतारा' मात्र 16 करोड़ में बनी थी और इसने 400 करोड़ से ज्यादा बिजनेस किया. 2023 में होम्बाले फिल्म्स प्रभास के साथ अपनी पहली तेलुगु फिल्म 'सालार' लेकर आया और एक बार फिर उन्हें पैन इंडिया बड़ी कामयाबी मिली.

इस बीच ये प्रोडक्शन हाउस फहाद फाजिल स्टारर 'धूमम' से मलयालम और कीर्ति सुरेश की फिल्म 'रघु ताता' से तमिल में भी कदम रख चुका है. 2018 के बाद अपनी जोरदार कामयाबी के बावजूद कई इंटरव्यू में विजय किरगंदुर बोल चुके हैं कि उनका पूरा फोकस फिल्म के लिए बेस्ट कास्ट और बेहतरीन टेक्नीशियन अरेंज करने पर रहता है. पैन इंडिया कामयाबी ने उन्हें अपनी फिल्म को दमदार तरीके से मार्किट में उतारने का हुनर भले सिखा दिया हो, मगर पूरा फोकस अभी भी इसी पर है कि फिल्म स्क्रीनप्ले में कागज पर जैसी दिख रही है, बड़े पर्दे पर भी ठीक वैसी ही उतर कर आए. 

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इसीलिए ऋतिक रोशन के साथ होम्बाले का कोलेबोरेशन एक ऐसा प्रोजेक्ट है जिसके पर्दे पर पहुंचने तक सिनेमा फैन्स की नजरें लगातार बनी रहेंगी. ये प्रोजेक्ट होम्बाले के लिए बॉलीवुड के भी दरवाजे खोलेगा जहां संभावनाओं का एक पूरा समंदर है. ऋतिक की फिल्म से पहले होम्बाले 'कांतारा', 'सालार' के सीक्वल और रक्षित शेट्टी की फिल्म 'रिचर्ड एंटनी' पर भी काम कर रहा है. इन फिल्मों की कामयाबी भी होम्बाले का इंडियन सिनेमा में कद ऊंचा करती जाएगी और ऋतिक वाली फिल्म के लिए मैदान लगातार बड़ा होता चला जाएगा.

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