
सैफ अली खान और जयदीप अहलावत की फिल्म 'ज्वेल थीफ' का ट्रेलर हाल ही में आया है. ये ट्रेलर कैसा है इस सवाल से दूर, सैफ और जयदीप की फिल्म का टाइटल देखकर कई पक्के फिल्म फैन्स को एक दूसरी फिल्म याद आ गई होगी. बॉलीवुड के लेजेंड एक्टर्स में से एक, देव आनंद ने 1967 में हिंदी सिनेमा को एक बहुत नए तरह की सस्पेंस थ्रिलर दी थी जिसका नाम था 'ज्वेल थीफ'.
हिंदी सिनेमा में थ्रिलर कहानियां बनाने का ट्रेंड वैसे तो काफी पहले शुरू हो चुका था. लेकिन 'ज्वेल थीफ' वो फिल्म थी, जिसने हिंदी सिनेमा की सस्पेंस थ्रिलर्स को एक बिल्कुल नया स्टाइल और स्वैग दिया. पहली बार रिलीज होने के 58 साल बाद भी 'ज्वेल थीफ' हिंदी सिनेमा की बेस्ट थ्रिलर्स में से एक मानी जाती है.
इस फिल्म ने ना सिर्फ अपने बाद आने वाली कई फिल्मों को इंस्पायर किया बल्कि ये ऐसे फिल्ममेकर्स की भी फेवरेट रही, जिन्होंने आगे चलकर खुद जबरदस्त सस्पेंस से भरी फिल्में और टीवी शोज बनाए. क्या आप जानते हैं कि देव आनंद की 'ज्वेल थीफ' का कनेक्शन, पॉपुलर टीवी शो CID से कितना गहरा है?
जबरदस्त सस्पेंस के पीछे हॉलीवुड इंस्पिरेशन
अल्फ्रेड हिचकॉक सिनेमा की दुनिया का वो नाम थे, जिनकी फिल्मों ने दुनिया भर के अलग-अलग देशों में तमाम फिल्ममेकर्स और सिनेमा को इंस्पायर किया. 'ज्वेल थीफ' के डायरेक्टर, देव आनंद के छोटे भाई विजय आनंद हिचकॉक के सिनेमा से काफी इंस्पायर थे.
अपनी फिल्म 'काला बाजार' में विजय आनंद ने फिल्ममेकर्स के सिग्नेचर स्टाइल में हिचकॉक को ट्रिब्यूट भी दिया था. इस फिल्म के एक सीन में फिल्मों का टिकट ब्लैक में बेचने वाले देव आनंद, वहीदा रहमान और उनकी सहेलियों को एक फिल्म का टिकट बेच रहे हैं. उनके पीछे दीवार पर एक फिल्म का पोस्टर लगा है. फिल्म का नाम है 'नॉर्थ बाय नॉर्थवेस्ट' जिसके डायरेक्टर थे अल्फ्रेड हिचकॉक.
'ज्वेल थीफ' का बेसिक प्लॉट काफी हद तक हिचकॉक की इस फिल्म से मेल खाता है. लेकिन जिस तरह विजय आनंद ने इस प्लॉट को अपने सिनेमाई बदलावों के साथ अडॉप्ट किया, वो इसे एक बिल्कुल अलग फिल्म बना देता है. हिचकॉक की छाप इस फिल्म के सिर्फ प्लॉट ही नहीं बल्कि कहानी के कई ट्विस्ट और सस्पेंस के खुलने के तरीकों पर भी नजर आती है. हीरो की पहचान का कन्फ्यूजन, कहानी का फाइनल ट्विस्ट और बेगुनाह आदमी के पीछे पड़ी पुलिस, ये सब ऐसी थीम्स हैं जो हिचकॉक के सिनेमा से पॉपुलर हुई थीं.
देव आनंद की 'बॉन्ड गर्ल्स'
'ज्वेल थीफ' में एक और बहुत बड़ी हॉलीवुड इंस्पिरेशन साफ नजर आती है. फिल्म के हीरो देव आनंद का किरदार अपने सफर में कई महिलाओं के साथ रोमांस करता नजर आता है. फिल्म की लीड एक्ट्रेस वैजयंतीमाला तो इस लिस्ट में हैं ही, उनके साथ हेलेन, अंजू महेंद्रू, फरयाल और तनुजा के नाम भी लिस्ट में शामिल थे.
'ज्वेल थीफ' में देव आनंद की लव स्टोरी तो वैजयंतीमाला के साथ ही पूरी होती है. मगर वो एक सीन में कैबरे डांसर के रोल में नजर आ रही हेलेन के साथ बेड पर नजर आते हैं. इस सीन का इशारा जिस तरफ है, वो अपने दौर में इंडियन सिनेमा के लिहाज से काफी मॉडर्न सीन था. सस्पेंस भरी कहानी में कई महिलाओं के साथ अठखेलियां करते इस हीरो का आईडिया हॉलीवुड की आइकॉनिक 'जेम्स बॉन्ड' फिल्मों से आया था. जबतक विजय आनंद ने 'ज्वेल थीफ' बनाई थी, तबतक 'जेम्स बॉन्ड' सीरीज की चार फिल्में रिलीज हो चुकी थीं.
फिल्म की एक और बड़ी खासियत अशोक कुमार का विलेन किरदार भी था जो हीरो से लड़ाई नहीं करता, बल्कि अपने दिमाग से उसके लिए ऐसे जाल बुनता है कि वो फंसता चला जाता है. 'ज्वेल थीफ' का फाइनल ट्विस्ट इस विलेन की पावर बताता है. कैसे बताता है? ये आप आज भी फिल्म में ही देखें तो मजेदार लगेगा!
शानदार गानों की विरासत
विजय आनंद ने हॉलीवुड से इंस्पायर होकर जब 'ज्वेल थीफ' बनाई तो कहानी में भारतीय ऑडियंस के स्वाद का भी पूरा ख्याल रखा. इसका सबसे बड़ा उदाहरण था फिल्म के गाने. एस डी बर्मन के संगीत ने 'ज्वेल थीफ' को ऐसा यादगार म्यूजिक एल्बम दिया जिसके गाने आज भी लोगों के फेवरेट हैं. मगर देव आनंद की इस फिल्म में गाने, कहानी को लंबा खींचकर ऑडियंस को एंटरटेनमेंट देने भर के लिए नहीं थे.
'अंधाधुन' जैसी बेहतरीन थ्रिलर बना चुके डायरेक्टर श्रीराम राघवन ने 'ज्वेल थीफ' के 50 साल पूरे होने पर हिंदुस्तान टाइम्स में लिखते हुए फिल्म के गानों पर खास फोकस किया था. उन्होंने बताया कि कैसे 'ये दिल न होता बेचारा' में देव आनंद का तनुजा के साथ फ्लर्ट करना प्लॉट सेट करता है. 'रुला के गया सपना' वैजयंतीमाला और देव आनंद के रिलेशनशिप को आगे बढ़ाता है. जबकि 'रात अकेली है' सिर्फ एक आइटम नंबर नहीं है बल्कि कहानी में एक बड़ा टर्निंग पॉइंट लेकर आता है. इसी तरह 'होठों में ऐसी बात' फाइनल क्लाइमेक्स से पहले की टेंशन और बिल्ड-अप सेट करता है.
CID कनेक्शन
'ज्वेल थीफ' ने जिस तरह के किरदार तैयार किए, हीरो को जो स्टाइल दिया और विलेन को जिस तरह के स्वैग के साथ पेश किया वो आगे चलकर कई फिल्ममेकर्स के लिए इंस्पिरेशन बना. इस फिल्म ने आगे चलकर थ्रिलर बनाने वाले कई डायरेक्टर्स को भी इंस्पायर किया. 'अंधाधुन' और 'जॉनी गद्दार' बनाने वाले श्रीराम राघवन तो 'ज्वेल थीफ' और विजय आनंद को अपनी इंस्पिरेशन बता ही चुके हैं. उन्होंने फिल्म से जुड़ा एक और मजेदार खुलासा किया था.
टीवी के आइकॉनिक शो 'CID' का भी एक तगड़ा 'ज्वेल थीफ' कनेक्शन है. अपने करियर के शुरुआती दौर में श्रीराम राघवन ने भी 'CID' के कुछ एपिसोड लिखे और डायरेक्ट किए हैं. इस शो के अलावा उन्होंने 'आहट' पर भी बी. पी. सिंह के साथ काम किया, जो इन दोनों शोज के क्रिएटर थे. राघवन से एक बातचीत के दौरान बी. पी. सिंह ने उन्हें बताया था कि उन्होंने दो फिल्में देखकर डायरेक्ट करना सीखा था- हॉलीवुड डायरेक्टर विलियम फ्राइडकिन की 'द फ्रेंच कनेक्शन' और विजय आनंद की 'ज्वेल थीफ'.
सैफ अली खान और जयदीप अहलावत स्टारर 'ज्वेल थीफ' 25 अप्रैल को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने वाली है. ये फिल्म कैसी थ्रिलर होगी ये तो वक्त ही बता सकता है लेकिन देव आनंद की 'ज्वेल थीफ' के बारे में हम इतना दावे से कह सकते हैं कि ये फिल्म आज भी आपको सस्पेंस का सॉलिड डोज देने में कामयाब होगी.