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Exclusive: 'अश्लील मगर उस जमाने का सच थे चमकीला के गाने', बेटे ने कहा- उनका नाम तक लेना था बैन

नेटफ्लिक्स पर फिल्म 'चमकीला' बहुत पॉपुलर हो रही है. ये फिल्म पॉपुलर पंजाबी सिंगर अमर सिंह चमकीला की बायोपिक है, जिनके गीतों को 'अश्लील' कहा जाता था. 1988 में चमकीला और उनकी पत्नी अमरजोत की हत्या कर दी गई थी. इनके बेटे जयमन ने एक खास बातचीत में बताया है कि वो अपने पिता के गीतों को 'अश्लील' मानते हैं या नहीं.

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दिलजीत दोसांझ, जयमन चमकीला
दिलजीत दोसांझ, जयमन चमकीला

नेटफ्लिक्स पर दिलजीत दोसांझ और परिणीति चोपड़ा की फिल्म 'चमकीला' का जलवा जोरदार चल रहा है. बेहद पॉपुलर रहे पंजाबी सिंगर अमर सिंह चमकीला की कहानी को जनता फिल्म के जरिए डिस्कवर कर रही है. चमकीला के गाने जितने पॉपुलर थे, उनपर विवाद भी उतना ही था. उनके गानों को 'अश्लील' कहा गया.

अब अमर सिंह चमकीला और अमरजोत कौर के बेटे, जयमन चमकीला ने आजतक डॉट इन से अपने पेरेंट्स की लाइफ को लेकर डिटेल में बात की है. जयमन खुद भी सिंगर हैं और स्टेज पर अपनी पत्नी के साथ परफॉर्म करते हैं मगर उनके अपने गानों की तासीर, अपने पिता के गानों से थोड़ी अलग है. क्या कोई सामाजिक संकोच या भय इसकी वजह है? क्या जयमन को लगता है कि उनके पिता के गाने अश्लील थे? 

'अपनी-अपनी समझ की बात'
इसके जवाब में उन्होंने बताया, 'उन्होंने जो हिसाब देखा उस जमाने में, जो उस समय चलता था, उन्होंने वही लिखा. जो उन्होंने अपने बचपन में देखा, वो फिल्म में भी दिखाया गया. बहुत लोगों ने बाद में ये मानना शुरू कर दिया कि उन्होंने उनके गाने सुने हैं, बहुत लोगों ने नहीं भी माना. ये तो अपनी अपनी समझ की बात है.' 

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जयमन ने आगे बताया कि उनके गाने, अपने पिता की तरह नहीं हैं, बल्कि आज की ऑडियंस को ज्यादा पसंद आने वाले हैं. उन्होंने बताया, 'मैं पंजाबी फोक गाता हूं. मेरे गीत आजकल के हिसाब से हैं, वो मेरा नया मैटेरियल है, जो आजकल की जेनरेशन सोचती है.' 

इतिहास में कहां खो गया 'चमकीला'?
80-90 के दशक में जब भी पंजाबी संगीत के बड़े नामों की बात होती है, तो गुरदास मान-कुलदीप मानक जैसे नाम लगभग सभी को याद रहते हैं. मगर अमर सिंह चमकीला का नाम अचानक से पॉपुलर चर्चाओं में नहीं आता, जबकि पंजाबी संगीत के इतिहास में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड्स-कैसेट्स उन्हीं के बिके हैं. क्या समाज धीरे-धीरे चमकीला को भूल गया और उनका नाम गायब होता चला गया? 

इसके जवाब में जयमन ने कहा,'कहीं गायब नहीं हुआ.' वो मानते हैं कि चमकीला के गीत ठेठ पंजाबी ऑडियंस और एक निश्चित सोशल सेगमेंट में ही ज्यादा चलते हैं. उन्होंने कहा, 'आपकी जैसी उठ-बैठ है, वहां लोग नहीं सुनते होंगे उन्हें या उनकी बातचीत नहीं होती होगी. 36 साल हो गए उनके देहांत को उनकी पॉपुलैरिटी आज भी कायम है. आप उनकी फॉलोइंग देखिए, रिकॉर्ड्स बेचने वाले चैनल्स के यूट्यूब पर मिलियंस में व्यूज हैं. पंजाब का जो रूटेड कल्चर है, जड़ों से जुड़ा हुआ समाज है वहां आज भी उनके गाने वैसे ही सुने जा रहे हैं.'

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'हीरो' की तरह याद रखे जाएं 'चमकीला'
चमकीला पंजाबी म्यूजिक में सबसे ज्यादा बिकने वाले आर्टिस्ट भी रहे और उनपर 'अश्लीलता' का ये तमगा इतना भारी रहा कि बहुत लोगों ने तो घर में उनका नाम लेना भी बैन कर दिया. अब जो लोग फिल्म देखकर उन्हें रीडिस्कवर कर रहे हैं, वो उन्हें कैसे याद रखें? इसका जवाब देते हुए जयमन ने कहा. 'उन्होंने अपनी गायकी के लिए, अपने फैन्स के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की. दोनों लोगों ने. वो जबतक थे अपने चाहने वालों के लिए हीरो ही थे और मुझे लगता है कि अब भी उन्हें इसी तरह देखा जाना चाहिए.' 

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