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Mathura Chhata Assembly Seat: 24 साल से सिर्फ दो ही विधायकों का वर्चस्व

ये जाट व ठाकुर बाहुल्य क्षेत्र है. इस विधानसभा से दो प्रत्याशी ऐसे हैं जो 1993 से 2017 तक हुए 6 चुनाव में कई बार जीत चुके हैं. तीन बार चौधरी लक्ष्मी नारायण तो तीन बार ठाकुर तेजपाल सिंह को विधायक बनाया गया है.

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Mathura Chhata Assembly Seat प्रोफाइल
Mathura Chhata Assembly Seat प्रोफाइल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मथुरा की छाता सीट पर दो विधायकों का वर्चस्व
  • चौधरी लक्ष्मी नारायण और तेजपाल सिंह के बीच रही है टक्कर
  • समाजवादी पार्टी का अभी तक नहीं खुला है खाता

मथुरा जिले में 5 विधानसभा सीट हैं और एक सांसदीय सीट है. यूपी के मथुरा जिले की एक विधानसभा सीट है छाता. मथुरा जिला मुख्यालय से 34 किलोमीटर दूर छाता तहसील पड़ती है. यह विधानसभा हरियाणा के बॉर्डर होडल तक लगती है. कोसीकला औद्योगिक क्षेत्र भी आता है. 

ये जाट व ठाकुर बाहुल्य क्षेत्र है. इस विधानसभा से दो प्रत्याशी ऐसे हैं जो 1993 से 2017 तक हुए 6 चुनाव में कई बार जीत चुके हैं.  तीन बार चौधरी लक्ष्मी नारायण तो तीन बार ठाकुर तेजपाल सिंह को विधायक बनाया गया है. इन दोनों ही नेताओं ने 6 चुनावों में कई पार्टियां बदली हैं लेकिन 1993 से 2017 तक इन दोनों का ही वर्चस्व कायम रहा है. छाता विधानसभा सीट पर 2017 में भाजपा के चौधरी लक्ष्मी नारायण ने तेजपाल सिंह के पुत्र अतुल सिसोदिया सपा समर्थित निर्दलीय को 63838 वोटों से हराया था, वहीं बहुजन समाज पार्टी के मनोज पाठक तीसरे नंबर पर रहे. फिलहाल यहां से विधायक लक्ष्मी नारायण चौधरी हैं और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं.

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राजनीतिक पृष्ठभूमि 

छाता विधानसभा की अगर बात करें तो 1974 से जब इसका गठन हुआ है, तभी से यह सामान्य है और यहां अभी तक 12 बार विधानसभा का चुनाव हुआ है जिसमें सबसे ज्यादा तीन बार भाजपा, दो बार राष्ट्रीय लोकदल, दो बार जीएनपी, एक बार बहुजन समाज पार्टी, एक बार जनता, दल, एक बार एलकेडी, एक बार बीकेडी, एक बार कांग्रेस. 2017 में यहां पर भारतीय जनता पार्टी के लक्ष्मी नारायण चौधरी ने निर्दलीय प्रत्याशी अतुल सिसोदिया को 63 हजार आठ सौ 38 वोटों से हराया था, वहीं बहुजन समाज पार्टी के मनोज पाठक तीसरे नंबर पर रहे थे. छाता विधानसभा क्षेत्र में चौधरी लक्ष्मी नारायण व ठाकुर तेजपाल सिंह का ही वर्चस्व रहता है और इन्हीं दोनों के बीच मुकाबला हुआ है और इस बार भी होने की संभावना है .

सामजिक ताना-बाना 

2017 के आंकड़ों के अनुसार छाता विधानसभा सीट पर कुल मतदाता 3,40,122 है, जिसमें 52.2 फीसदी पुरुष हैं, जबकि 48.7 फीसदी महिलाएं हैं. यहां जातीय समीकरण के लिहाज से देखें तो सबसे ज्यादा आबादी जाट मतदाता है, खासकर जाट समुदाय के. अनुमान के मुताबिक यहां 75000 जाट व दूसरे नंबर पर ठाकुर हैं, वहीं तीसरे नंबर पर यहां दलित वोट हैं जिनकी संख्या 40000 बताई जाती है. वहीं ब्राह्मण चौथे नंबर पर हैं और 25000 के आसपास हैं. बाकी बचा हुआ वोट अन्य जातियों का है . अगर बात करें छाता विधानसभा की तो यहां पर समाजवादी पार्टी कभी अपना प्रभाव नहीं दिखा पाई है. इस विधानसभा में चौधरी लक्ष्मी नारायण व ठाकुर तेजपाल सिंह के बीच मुकाबला होता चला आ रहा है. चौधरी लक्ष्मी नारायण फिलहाल यहां से विधायक हैं और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं .

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 2017 का जनादेश 

2017 के विधानसभा चुनाव में छाता सीट पर कुल 9 प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और सपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी के बीच रहा. छाता सीट पर कुल  3,40,122 मतदाता थे, जिनमें से 2,27,322 लोगों ने वोटिंग की. इस तरह से (59.80%) फीसदी मतदान रहा था. भाजपा उम्मीदवार चौधरी लक्ष्मी नारायण को 1,17,537 (51.98%) वोट मिले वहीं सपा समर्थित निर्दलीय अतुल सिसोदिया को 53,699  (27.75%) फीसदी वोट मिले थे. इस तरह से भाजपा  को यहां पर 63,838 वोटों से जीत मिली. यहां बसपा के मनोज पाठक तीसरे नंबर पर रहे जिनको 41,290.(18.26%) वोट मिले, वहीं आरएलडी के ऋषि राज चौथे नंबर पर रहे जिनको 9801 वोट मिले .

विधायक का रिपोर्ट कॉर्ड 

लक्ष्मी नारायण सिंह चौधरी छत्ता से भाजपा के विधायक हैं. उनका जन्म 22 जुलाई 1951 में मथुरा जिले के छाता तहसील के संचौली गांव में सरपंच रतिराम चौधरी के यहां हुआ था. उनकी शिक्षा के संबंध में वे स्नातकोत्तर हैं और कृषक और व्यवसायी हैं. 70 वर्षीय विधायक लक्ष्मी नारायण सिंह चौधरी ने वर्ष 2017 में छता, उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ा और वह जीत गए. आजकल वह भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं.  इससे पहले मंत्री कांग्रेस, लोकदल, बहुजन समाज पार्टी में भी रह चुके हैं और विधायक भी बने हैं , इसके अलावा उन्हें क्रमशः 1985, 1996 और 2007 में छत्ता निर्वाचन क्षेत्र से उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य के रूप में चुना गया था . 

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