राजवाड़े के गुमान में डूबा कभी कांग्रेस का गढ़ रहा गोंडा जिले का मनकापुर (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र राजनीति की धुरी होता था. जिले में कौन कहां से विधायक होगा, कौन सांसद होगा या कौन जिला पंचायत अध्यक्ष( जिला परिषद) बनेगा, सब मनकापुर राजघराना ही तय करता था. बावजूद राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में अपेक्षित विकास मनकापुर में नही हुआ. पहले सड़कों का भयानक हाल था, स्कूल-कॉलेजों का अभाव रहा, जिले की एक मात्र आईटीआई फैक्ट्री के अलावा एक निजी चीनी मिल मनकापुर विधानसभा क्षेत्र में मौजूद है.
सामाजिक तानाबाना
मनकापुर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में करीब 195 ग्रामसभाएं और 2 नगर पालिकाएं शामिल हैं. मनकापुर विधानसभा क्षेत्र की आबादी 5,76,057 है जिसमें 2,78,226 महिलाए हैं. विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 3,19,172 है जिसमें 1,46,810 महिलाएं अपने मतों का इस्तेमाल करती हैं. अनुमान के मुताबिक यह क्षेत्र ब्राह्मण बाहुल्य माना जाता है.
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राजनीतिक पृष्ठभूमि
आजादी के बाद इस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का बोलबाला रहा. हालांकि बाद में 5 बार लगातार सपा का भी परचम लहराया. 1952 में मनकापुर राजघराने के राघवेंद्र प्रताप सिंह कांग्रेस से विधायक बने लेकिन जल्दी ही राघवेंद्र प्रताप सिंह का मोह कांग्रेस से भंग हो गया और वह 1957 में निर्दलीय और 1962 में स्वतंत्र पार्टी से विधायक बने. बाद में राघवेंद्र प्रताप सिंह के बेटे कुंवर आनंद सिंह ने अपने पिता की विरासत संभाली और 1967 व 1969 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए. वे सरकार में राजयमंत्री भी बने. 1974 से मनकापुर विधानसभा क्षेत्र आरक्षित हो गया, तब रंगून से स्नातक कैप्टन राम गरीब को कांग्रेस ने 1974 में अपना प्रत्याशी बनाया जिनको मतदाताओं ने जिताकर विधानसभा में पहुंचाया. 1977 में कांग्रेस के गंगा प्रसाद एमएलए चुने गए. 1980 में कांग्रेस के छेदीलाल को विधानसभा में जाने का अवसर मतदाताओं ने दिया. 1985 व 1989 में कांग्रेस के राम विशुन आजाद विधायक बने और 1991 में भाजपा से छेदीलाल को मतदाताओं ने अपना विधायक चुना. लेकिन 1993 से 2007 से इस क्षेत्र से सपा के रामविशुन आजाद लगातार विधायक चुने जाते रहे. 2012 में सपा ने अपना प्रत्याशी बाबूलाल को बनाया जिन्हें जनता ने दिल खोलकर वोट दिए और विजेता बना दिया. लेकिन फिर 2017 में भाजपा के रमापति शास्त्री ने जीत दर्ज की और सरकार में समाजकल्याण मंत्री बने.
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2017 का जनादेश
2017 के चुनाव में मनकापुर सुरक्षित सीट से 11 उमीदवारों ने अपने भाग्य को आजमाया, लेकिन मतदाताओं ने बीजेपी के रमापति शास्त्री को 1,02,862 मत देकर पहले स्थान पर पहुंचाया. दूसरे स्थान पर बसपा के रमेश गौतम रहे जिनको मतदाताओं ने 42,701 मत दिए और तीसरे स्थान पर सपा के राम विशुन आजाद रहे जिनको 24,695 मत ही हासिल हुए
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
7 वी बार विधायक बने रमापति शास्त्री भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं व पार्टी में अनुसूचित जाति के चमकते चेहरे हैं. गोंडा जिले के विश्नोहरपुर नवाबगंज में 1952 में रमापति शास्त्री का जन्म हुआ था. गोंडा जिले के ही डिक्सिर विधानसभा क्षेत्र से सियासी सफर की शुरुआत करने वाले रमापति यहां से 6 बार विधायक चुने गए व 2017 में रमापति शास्त्री ने मनकापुर सुरक्षित सीट से जीत दर्ज की. वे इस क्षेत्र में विकास की गंगा बहाने का दावा करते हैं. लेकिन इन दावों के बीच इस क्षेत्र में कभी भी कोई बड़ा उद्योग स्थापित नहीं हुआ.