मध्य प्रदेश में चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया पर सक्रिय नेताओं पर कड़ी निगरानी रखना शुरू कर दिया है. इसके लिए आयोग ने एक विशेष कंपनी को भी लगा दिया है. यदि नेताओं की तरफ से ट्विटर और फेसबुक पर किसी तरह का विवादित और भड़काऊ बयान होगा तो आयोग कार्रवाई करेगा.
आयोग ने ऐसे 18 बड़े नेताओं की सूची भी जारी की है. इसमें कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह का नाम सबसे ऊपर है. उसके बाद नरेन्द्र मोदी और फिर सुषमा स्वराज और उमा भारती का नाम है.
इस सूची में शशि थरूर, एल के आडवाणी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, नितिन गडकरी, रवि शंकर प्रसाद, शाहनवाज हुसैन, शिवराज सिंह चौहान, राजनाथ सिंह और राजीव शुक्ला के नाम भी शामिल हैं. आयोग इन नेताओं के ट्विटर और फेसबुक अकाउंट पर नजर रख रहा है.
दूसरी ओर बीजेपी के प्रभात झा चुनाव आयोग को ही नसीहत दे रहे हैं और उसकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश के अपर चुनाव आयुक्त वी एल कान्ताराव ने कहा है कि आयोग 35 से ज्यादा नेताओं के अकाउंट फॉलो कर रहा है. इसमें दिल्ली स्तर के नेता भी शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि आयोग वाच कर रहा है क्योंकि यह आयोग का काम है. जब आदर्श संहिता का उल्लंघन होगा तब कार्रवाई होगी. कई लोग ब्लॉग लिखते हैं, आयोग उन पर नजर रखता है.
मध्य प्रदेश बीजेपी उपाध्यक्ष प्रभात झा कहते हैं, 'चुनाव आचार संहिता और आयोग के लिये भी कोई ना कोई आचार संहिता होगी. आयोग अपनी मर्यादा मे सारा काम करे, हम सहयोग कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर अंकुश लगाना, निगरानी करना वैसा ही होगा जैसै टेलीफोन टेप करना होता है. इसलिये चुनाव आयोग सब कुछ करे जो नियमावली में है.'