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सिद्धू की पूरी शर्तें कांग्रेस को स्वीकार नहीं, सिर्फ विकल्प मिले... क्या सुलझेगा पंजाब कांग्रेस का झगड़ा?

पंजाब कांग्रेस का दंगल पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ दिया तो अब उनको मनाने की कोशिशें हो रही हैं. सिद्धू ने जो शर्तें रखीं, उनपर चर्चा को लेकर एक कमेटी भी बनाई गई है.

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पंजाब कांग्रेस में हो पाएगी सुलह?
पंजाब कांग्रेस में हो पाएगी सुलह?
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पंजाब कांग्रेस का घमासान जारी
  • सिद्धू की शर्तों को लेकर बनी कमेटी

Punjab Congress Fight: पंजाब की राजनीति में जो भूचाल आया वह अभी पूरी तरह से थमा नहीं है. नवजोत सिंह सिद्धू ने खफा होकर पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. अब कांग्रेस पार्टी की ओर से उन्हें मनाने की कोशिशें जारी हैं, इसी कड़ी में बीते दिन नवजोत सिंह सिद्धू की मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मुलाकात हुई. लेकिन कांग्रेस अभी भी पूरी तरह से सिद्धू की बातों को मानने के लिए तैयार नहीं हुई है. 

नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब सरकार की कैबिनेट, अफसरों की नियुक्ति पर सवाल खड़े करते हुए प्रदेश अध्यक्ष का पद त्याग दिया था. सिद्धू ने साफ किया था कि दागी मंत्रियों-अफसरों की नियुक्ति नहीं होनी चाहिए. 

अब कमेटी के हाथ में पहुंची बात...

इस मसले पर जब बीते दिन चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू की मुलाकात हुई तो कांग्रेस ने उनकी पूरी शर्तें तो नहीं मानी, लेकिन कुछ विकल्प जरूर सामने रख दिए. अब पंजाब में इस मसले को 4 अक्टूबर से पहले हल करने की कोशिश है. इसके लिए एक तीन सदस्यों की कमेटी बनाई गई है, जिसमें मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू और एक अन्य कांग्रेस महासचिव शामिल होंगे.

जिन नियुक्तियों को लेकर विवाद है, उनको लेकर कमेटी चर्चा करेगी. अपनी एक रिपोर्ट तय करेगी और उसके बाद 4 अक्टूबर को होने वाली पंजाब कैबिनेट की बैठक में इसपर फैसला लिया जाएगा. कमेटी नए नामों पर भी चर्चा कर सकती है, इस सबके बीच मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी नई दिल्ली आ रहे हैं जहां वो कांग्रेस हाईकमान से मिल सकते हैं. 

चऱणजीत सिंह चन्नी अपने दिल्ली दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे. इस दौरान कृषि कानून, धान की खरीद को लेकर पीएम मोदी से चर्चा करेंगे. 

सिद्धू ने इन मुद्दों को उठाया था...

दरअसल, नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से जो शर्तें रखी गई थीं उनमें राणा गुरजीत सिंह को कैबिनेट से हटाना, डीजीपी प्रीत सिंह सहोता को हटाना और एडवोकेट जनरल एपीएस देओल की नियुक्ति को लेकर आपत्ति जताई गई है. 

ऐसे में अब हर किसी की नज़रें इसी पर टिकी हैं कि क्या कांग्रेस हाईकमान, राज्य की सरकार और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच कोई सुलह बनती है. अगर नवजोत सिंह सिद्धू की बातों को माना जाता है तो उनका इस्तीफा वापस भी हो सकता है. 

 

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