Punjab Congress Fight: कांग्रेस के लिए पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुई परेशानियां खत्म नहीं हो रही हैं. नवजोत सिंह सिद्धू प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर नए मुख्यमंत्री के फैसले पर सवाल खड़े कर रहे हैं तो कांग्रेस आलाकमान भी अब चरणजीत सिंह चन्नी के साथ खड़ा हुआ दिख रहा है. तो दूसरी ओर खुद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि सिद्धू से बात की जाएगी लेकिन वो आरोपों से बचते दिखे.
सिद्धू ने क्या रखी हैं शर्तें?
नवजोत सिंह सिद्धू ने अपना इस्तीफा देते हुए कहा था कि वह किसी तरह का समझौता नहीं कर सकते हैं. बुधवार को एक वीडियो संदेश में भी उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नई सरकार में दागियों को जगह दी गई है, फिर चाहे वो मंत्री हो या फिर एडवोकेट जनरल हो.
अब सूत्रों की मानें, तो सिद्धू कैंप की ओर से साफ किया गया है कि वह इस्तीफा तभी वापस लेंगे जब उनकी बातों को माना जाएगा. इनमें राणा गुरजीत सिंह को कैबिनेट से हटाना, डीजीपी प्रीत सिंह सहोता को हटाने की मांग की है. IPS सहोता ने ही बादल सरकार के दौरान हुए फायरिंग मामले की जांच करने वाली कमेटी की अगुवाई की थी.
इसके अलावा एडवोकेट जनरल एपीएस देओल को हटाना शामिल है. नवजोत सिंह सिद्धू ने साफ किया है कि वह अपने एजेंडे से पीछे नहीं हटेंगे.
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कांग्रेस आलाकमान ने खड़े किए हाथ!
नवजोत सिंह सिद्धू के इस तरह इस्तीफे के बाद कांग्रेस हाईकमान भी सख्ती के मूड में है. सूत्रों की मानें, तो बुधवार को हाईकमान ने ही प्रभारी हरीश रावत का चंडीगढ़ दौरा रद्द करवाया. जहां वो नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने जाने वाले थे.
कांग्रेस हाईकमान मौजूदा हालातों में पूरी तरह से सीएम चन्नी के साथ खड़ा है और अब नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश शुरू हो गई है. कुलदीप नागरा, रवनीत सिंह बिट्टू इस वक्त पंजाब कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष बनने की रेस में शामिल हैं.
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सीएम चन्नी टाल गए सवाल...
राजनीतिक घमासान के बीच मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बुधवार को कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसी दौरान उनसे जब नवजोत सिंह सिद्धू के आरोपों पर सवाल हुआ तब उन्होंने साफ किया कि नवजोत सिंह सिद्धू से बात जारी है. सरकार पार्टी की विचारधारा पर ही काम कर रही है.
चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि उनकी फोन पर नवजोत सिंह सिद्धू से बात हुई है, वह जल्द उनसे मुलाकात करेंगे और जो भी बात होगी उसपर चर्चा कर ली जाएगी.
गौरतलब है कि पंजाब में अगले ही साल विधानसभा चुनाव होना है, एक तरफ कांग्रेस में आपसी दंगल चल रहा है तो दूसरी ओर आम आदमी पार्टी और अकाली दल लगातार चुनावी तैयारियों में जुटी हुई है. जिस वक्त कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे पर मंथन कर रही है, तब आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल पंजाब में प्रचार कर रहे हैं.