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जातीय गणित, उम्मीदवारों की अपील... धर्म सिंह सैनी की BJP में घर वापसी के पीछे की ये है कहानी

धर्म सिंह सैनी आखिरकार बीजेपी में लौट आए हैं. मेरठ में आनन-फानन में उनकी जॉइनिंग कराई गई है. मेरठ के बीजेपी दफ्तर में एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई गई और बीजेपी का पटका पहनाकर धर्म सिंह सैनी की घर वापसी कराई गई है.

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Dharam singh saini (File Photo)
Dharam singh saini (File Photo)

बीजेपी ने जिस नेता को एक साल पहले जॉइनिंग के बिना लौटा दिया था, मंगलवार को आनन-फानन में उस नेता को बीजेपी में शामिल कर लिया गया. मेरठ के बीजेपी दफ्तर में आनन-फानन में एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई गई और बीजेपी का पटका पहनाकर धर्म सिंह सैनी की बीजेपी में घर वापसी हो गई. एक साल पहले सीएम योगी के मंच पर सैनी के जॉइनिंग कार्यक्रम को रोक दिया गया था. तब सैनी को मुजफ्फरनगर की सीमा से बैरंग लौटा दिया गया था.

दरअसल, धर्म सिंह सैनी 2022 के चुनाव से ठीक पहले स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान के साथ समाजवादी पार्टी (SP) में चले गए थे, लेकिन सपा की सरकार ना बन पाने के बाद वह लगातार बीजेपी में आने की कोशिश में लगे हुए थे. बता दें कि धर्म सिंह सैनी कई बार के विधायक, मंत्री और सांसद रह चुके हैं.

एक साल से BJP में जाने की कोशिश

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाति और बिरादरियों की नाराजगी बढ़ते देख बीजेपी ने रातों-रात यह फैसला लिया कि धर्म सिंह सैनी को भाजपा में लाया जाए. 2022 का चुनाव खत्म होने के बाद से ही धर्म सिंह सैनी भाजपा में आने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन तय होने के बाद भी उन्हें एंट्री नहीं मिल रही थी. जैसे ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ठाकुरों-राजपूतों की नाराजगी सामने आई. सहारनपुर से लेकर कैराना तक सैनी समाज के अंदर भी पंचायत शुरू हो गई. जैसे ही भाजपा में मुखालफत के सुर बुलंद होने लगे, वैसे ही धरम सिंह सैनी की लॉटरी लग गई.

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इसलिए तुरंत दिलाई पार्टी की सदस्यता

बताया जा रहा है कि सहारनपुर के भाजपा प्रत्याशी राघव लखनपाल और कैराना भाजपा प्रत्याशी प्रदीप चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय नेतृत्व से अपील की थी कि चुनाव जीतने के लिए धर्म सिंह सैनी को लाना जरूरी है. इसलिए रातों-रात उन्हें मेरठ बुलाकर उन्हें पार्टी में शामिल कराया गया.

आठ सीटों पर पड़ सकता है असर

पश्चिम उत्तर प्रदेश में बीजेपी के कोर वोट बैंक के तौर पर सैनी बिरादरी की पहचान रही है. 2014 के बाद से सैनी समुदाय बीजेपी के साथ चट्टान की तरह खड़ा रहा है. यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा ओबीसी का जाति वर्ग है. लोकसभा चुनाव के पहले ठाकुरों-राजपूतों की नाराजगी के साथ-साथ सैनी बिरादरी की नाराजगी भी सामने आ रही थी. भाजपा से निकले सैनी बिरादरी के नेताओं कि पकड़ अपनी बिरादरी पर दिखाई नहीं दे रही थी. ऐसे में धर्म सिंह सैनी का भाजपा में वापस आना पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर प्रभावी साबित हो सकता है.

योगी सरकार में मंत्री रहे हैं सैनी

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सैनी बिरादरी के सबसे बड़े नेता के तौर पर धर्म सिंह सैनी की पहचान रही है. मूलत बसपा के कॉडर से निकले हुए धर्म सिंह सैनी कई बार विधायक और मंत्री रहे. लेकिन 2017 के पहले अमित शाह की पहल पर वह भाजपा में चले गए. जीतने के बाद वह योगी सरकार के पहले टर्म में मंत्री भी रहे. 2022 चुनाव से पहले पिछड़े नेताओं के 3 बड़े चेहरों ने जब बीजेपी को छोड़ा तो उसमें एक बड़ा नाम धर्म सिंह सैनी का भी था.

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