सीतामढ़ी से जेडीयू के उम्मीदवार डॉ. वरूण कुमार ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. डॉ. वरुण कुमार सीतामढ़ी के चर्चित डॉक्टर हैं. जेडीयू ने उन्हें नए चेहरे के तौर पर टिकट दिया था, लेकिन राजनीति में पहली बार कदम रख रहें डॉक्टर साहब को राजनीति रास नहीं आई, इसलिए वो सिंबल लौटाने पटना आ गए, जेडीयू को इससे बड़ा झटका लगा.
डॉक्टर के सिंबल लौटाने कि स्थिति से निपटने के लिए जेडीयू को अपने सहयोगी दल बीजेपी का सहयोग लेना पड़ा और बीजेपी के पूर्व मंत्री सुनील कुमार पिंटू को बुलाकर टिकट देना पडा. पिंटू ने बाद में जेडीयू की सदस्यता ली.
डॉ. वरुण की पहचान सीतामढ़ी के चर्चित डाक्टरों में से हैं और उन्हें काफी पैसा वाला भी माना जाता है. उन्हें जब टिकट मिला तब सीतामढ़ी में यह चर्चा होने लगी कि डॉक्टर ने टिकट लेने के लिए काफी पैसा खर्च किए हैं, बिना राजनीति किए सीधे लोकसभा का टिकट मिल जाने से कहा जाने लगा कि जेडीयू ने धनकुबेर को टिकट दिया है और यही से डॉ. वरुण कुमार की परेशानी बढ़ने लगी.
एनडीए के स्थानीय नेताओं ने उनसे किनारा कर लिया और जो भी उनकी मदद करने के लिए उनके पास आया वो पैसों की मांग करने लगा. टिकट मिलने के बाद जब उन्होंने सीतामढ़ी का दौरा किया तब उन्हें इस कड़वे सच का अनुभव हुआ. पैसे वाले होने की चर्चा इतना जोर पकड़ लिया कि पैसों के लिए लोगों की लाइनें उनके घर के बाहर लगने लगी. तंग आकर डॉक्टर वरुण ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया.
जेडीयू ने उसके बाद बीजेपी के पूर्व विधायक सुनील कुमार पिंटू को आनन-फानन में जेडीयू की सदस्यता दिलाकर उन्हें टिकट थमा दिया. इस अवसर पर बिहार सरकार में मंत्री और मुंगेर से जेडीयू के उम्मीदवार ललन सिंह ने कहा कि डॉ. वरुण कुमार ने पार्टी को लिखकर दिया है कि वो चुनाव लड़ने में असमर्थ है, इसलिए पार्टी ने यह फैसला किया है कि सुनील कुमार पिंटू सीतामढ़ी से एनडीए के उम्मीदवार हैं.