बिहार का जहानाबाद नक्सल प्रभावित जिला है और सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है. यह इलाका कई नक्सली हमलों का गवाह रहा है और नक्सलियों के रेड कॉरिडोर का हिस्सा माना जाता है. जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र लंबे समय तक वामपंथ का सियासी गढ़ रहा है. इसके बाद यहां से कांग्रेस और जनता दल के उम्मीदवार भी जीते. 1998 के बाद से इस सीट से हर बार सांसद बदलते रहने की परंपरा दिखी. 2014 के चुनाव में इस सीट से एनडीए की सहयोगी आरएलएसपी के उम्मीदवार डॉ. अरुण कुमार जीते. लेकिन बाद में पार्टी से मतभेद के बाद अलग हो गए. 2019 चुनाव से पहले आरएलएसपी भी एनडीए से अलग होकर महागठबंधन के खेमे में आ गई. इस कारण से जहानाबाद की सियासी लड़ाई काफी रोचक हो गई है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
जहानाबाद सीट आजादी के बाद से ही पहले कांग्रेस, फिर सीपीआई का गढ़ रही है. इस सीट से 6 बार सीपीआई को जीत हासिल हुई. सीपीआई नेता रामाश्रय प्रसाद सिंह जहानाबाद से 4 बार चुनकर लोकसभा गए. लेकिन 1998 के चुनाव में इस सीट ने सियासी करवट ली और आरजेडी ने समता पार्टी के अरुण कुमार को हराकर इस सीट से अपना खाता खोला. तब से इस सीट से कभी आरजेडी तो कभी जेडीयू को जीत हासिल होती रही. 1999 के चुनाव में अरुण कुमार जेडीयू के टिकट पर आरजेडी उम्मीदवार को हराने में कामयाब रहे. 2004 के चुनाव में आरजेडी के गणेश प्रसाद सिंह ने अरुण कुमार को मात दी. लेकिन 2009 के चुनाव में जेडीयू ने यहां से जगदीश शर्मा को उतारा. जिन्होंने आरजेडी के सुरेंद्र प्रसाद यादव को मात दी. 2014 के मोदी लहर में डॉ. अरुण कुमार एनडीए की सहयोगी आरएलएसपी के टिकट पर यहां से दूसरी बार जीतने में कामयाब रहे.
जहानाबाद सीट का समीकरण
जहानाबाद बिहार के दक्षिण और पश्चिम क्षेत्र में पड़ता है. जहानाबाद संसदीय क्षेत्र जहानाबाद और अरवल जिलों के कुछ हिस्सों को मिलाकर बनाया गया है. इस संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 1,276,912 है. जिसमें से 680,766 पुरुष मतदाता और 596,146 महिला मतदाता हैं.
विधानसभा सीटों की समीकरण
जहानाबाद संसदीय क्षेत्र के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं- अरवल, कुरथा, जहानाबाद, घोसी, अतरी और मकदूमपुर. इनमें से मकदूमपुर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. ये सीटें जहानाबाद और अरवल जिलों में पड़ती हैं. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इन 6 सीटों में से 4 आरजेडी ने, जबकि 2 सीटें जेडीयू ने जीतीं.
2014 चुनाव का जनादेश
16वीं लोकसभा के लिए 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में इस सीट से आरएलएसपी के डॉ. अरुण कुमार को जीत हासिल हुई. अरुण कुमार ने आरजेडी उम्मीदवार को 42340 वोटों से हराया. आरएलएसपी उम्मीदवार डॉ. अरुण कुमार को 322647 वोट मिले. जबकि आरजेडी के सुरेंद्र यादव को 280307 वोट. नोटा पर 10352 मतदाताओं ने बटन दबाया.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
जहानाबाद से सांसद डॉ. अरुण कुमार शिक्षित नेताओं में गिने जाते हैं. उनकी शिक्षा एमए-पीएचडी तक हुई है. वे तमाम शिक्षण संस्थाओं के संचालन से भी जुड़े हुए हैं. पहले समता पार्टी, फिर जेडीयू और बाद में आरएलएसपी से जुड़े अरुण कुमार काफी सुलझे हुए राजनेता माने जाते हैं. संसदीय कार्यवाही में भी वे काफी सक्रिय रहते हैं. 16वीं लोकसभा के दौरान डॉ. अरुण कुमार ने 57 बहसों में हिस्सा लिया. एक प्राइवेट मेंबर बिल भी वे संसद में लेकर आए. विभिन्न मुद्दों से जुड़े 61 सवाल उन्होंने संसद के पटल पर पूछे.