केरल की चलाकुडी सीट से निर्दलीय और मलयालम फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेता इनोसेंट सांसद हैं. यह संसदीय क्षेत्र साल 2008 में हुए परसीमन के बाद अस्तित्व में आया है. 2009 में यहां से कांग्रेस कैंडिडेट के.पी. धनपलन जीतकर सांसद बने थे, लेकिन 2014 में निर्दलीय उम्मीदवार इनोसेंट जीतकर सांसद बने. हालांकि उन्हें लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट का समर्थन मिला था.
पी.सी. चाको को हराया
इनोसेंट को साल 2014 में मिली जीत इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता पी.सी. चाको को हराया था. पी.सी. चाको कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और वे 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच करने वाली संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष रहे हैं.इसके तहत सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं- काइपमंगलम, चलाकुडी, कोडुंगलूर, पेरुम्बवूर, अंगामली, अलुवा और कुन्नाथुनाड. तीन विधानसभा क्षेत्र- काइपमंगलम, चलाकुडी और कोडुंगलूर राज्य के त्रिश्शूर जिले के तहत आते हैं, जबकि पेरुम्बवूर, अंगामली, अलुवा और कुन्नाथुनाड राज्य के एर्नाकुलम जिले के तहत आते हैं.
चालकुडी में साल 2014 के चुनाव में कुल 11,50,491 मतदाता थे, जिनमें पुरुष मतदाता 5,65,081 और महिला मतदाता 5,85,410 थे. इस चुनाव में निर्दलीय इनोसेंट को 3,58,440 वोट, कांग्रेस के पी.सी. चाको को 3,44,556 वोट, बीजेपी के बी. गोपालकृष्णन को 92,848 वोट, आम आदमी पार्टी के के.एम. नूरुद्दीन को 35,189 वोट, तृणमूल कांग्रेस के अनम्मा जाॅय को 862 वोट और नोटा (NOTA) को 10,552 वोट हासिल हुए थे. बहुजन समाज पार्टी के एम.जी. पुरुषोत्तमन को 1942 वोट और राष्ट्रीय जनता दल के अब्दुल करीम को 1,376 वोट मिले.
बीजेपी की जोर-आजमाइश
यह संसदीय क्षेत्र उन इलाकों में आता है, जहां सबरीमाला का असर है. इसलिए बीजेपी भी यहां अपना बेस बढ़ाने के लिए पूरा जोर लगा रही है. पीएम मोदी ने जनवरी में त्रिश्शूर जिले में एक जनसभा को संबोधित किया, वहीं अमित शाह ने 31 दिसंबर को छह संसदीय क्षेत्रों में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया, जिनमें चलाकुडी संसदीय क्षेत्र भी था.
इलाके में क्रिश्चियन-एससी वर्ग की बड़ी संख्या
त्रिश्शूर जिले की बात करें तो यह मध्य केरल का जिला है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की जनसंख्या 31,21,200 थी जिसमें से 14,80,763 पुरुष और 16,40,437 महिलाएं थीं. यानी इस जिले में महिलाएं ज्यादा हैं. सेक्स रेशियो की बात करें तो प्रति हजार पुरुषों पर 1108 महिलाएं हैं. इस जिले में 58.42 फीसदी हिंदू और 24.27 फीसदी क्रिश्चियन हैं. साक्षरता दर 95.08 फीसदी है. जिले के लोगों की आमदनी का मुख्य स्रोत खेती ही है.
दूसरी तरफ, एर्नाकुलम भी मध्य केरल का एक जिला है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इस जिले की जनसंख्या 32,82,388 थी जिसमें से 16,19,557 पुरुष और 16,62,831 महिलाएं थीं. सेक्स रेशियो की बात करें तो यहां प्रति 1000 पुरुषों पर 1027 महिलाएं हैं. जिले की जनसंख्या में 45.99 फीसदी हिंदू और 38.03 फीसदी क्रिश्चियन हैं. जिले की साक्षरता दर 95.89 फीसदी है.
त्रिसूर जिले में अनुसूचित जाति की संख्या 3,24,350 तो अनुसूचित जनजाति की संख्या 9,430 थी. दूसरी तरफ, एर्नाकुलम में अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या 1,66,008 और अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या 8,235 थी.

औसत रहा सांसद का प्रदर्शन
70 वर्षीय निर्दलीय सांसद इनोसेंट मलयालम फिल्मों के प्रख्यात अभिनेता रहे हैं. उनके परिवार में पत्नी और एक बेटा है. वह औपचारिक शिक्षा ज्यादा हासिल नहीं कर पाए, लेकिन कला-साहित्य के क्षेत्र में खूब नाम कमाया. उन्होंने मलयालम, हिंदी, अंग्रेजी और कन्नड़ भाषा की 750 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. उन्होंने मलयालम और अंग्रेजी में कई किताबें लिखी हैं.
इनोसेंट का संसदीय प्रदर्शन औसत ही रहा है. संसद में उनकी उपस्थिति करीब 70 फीसदी रही है. उन्होंने 217 सवाल पूछे हैं और 39 बार बहस और अन्य विधायी कार्यों में हिस्सा लिया है. सांसद विकास निधि के तहत उन्हें ब्याज सहित 20.48 करोड़ रुपये की रकम रिलीज की गई थी, जिसमें से वह सिर्फ 16.98 करोड़ रुपये खर्च कर पाए.