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कुड्डालोर लोकसभा सीट: 18 अप्रैल को वोटिंग, 21 उम्मीदवार मैदान में

तमिलनाडु के कुड्डालोर लोकसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है, यहां 18 अप्रैल को दूसरे चरण में वोट डाले जाएंगे. इस सीट पर कुल 21 उम्मीदवार मैदान में हैं. यहां पर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) ने टी आर वी एस रमेश को उम्मीदवार बनाया है, जबकि Pattali Makkal Katchi (PMK) ने डॉ. आर गोविंदसामी को टिकट दिया है.

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कुड्डालोर लोकसभा सीट गठबंधन के तहत AIADMK ने PMK को दी है (Photo: Twitter)
कुड्डालोर लोकसभा सीट गठबंधन के तहत AIADMK ने PMK को दी है (Photo: Twitter)

तमिलनाडु के कुड्डालोर लोकसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है, यहां 18 अप्रैल को दूसरे चरण में वोट डाले जाएंगे. इस सीट पर कुल 21 उम्मीदवार मैदान में हैं. यहां पर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) ने टी आर वी एस रमेश को उम्मीदवार बनाया है, जबकि Pattali Makkal Katchi (PMK) ने डॉ. आर गोविंदसामी को टिकट दिया है. तमिलनाडु में PMK का AIADMK के साथ गठबंधन है, इसलिए यह सीट PMK को मिली है. यहां BSP ने सी जयाप्रकाश को उम्मीदवार बनाया है.

2014 का जनादेश

लोकसभा चुनाव 2014 में एआईएडीएमके के ए. अरुणमोझीतेवन ने यहां जीत दर्ज की थी. अरुणमोझीतेवन को यहां 4,81,429 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर डीएमके के नंदगोपालकृष्णन रहे, जिन्हें 278304 वोट मिले थे. कुड्डालोर लोकसभा के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें आती हैं- टिट्टाकुडी (एससी), वृद्धाचलम, नेयवेली, कड्डलूर, पनरूति और कुरिंजीपड़ी. इस इलाके में डीएमके और एआईएडीएमके के बीच कांटे की टक्कर है. दोनों पार्टियों के पास यहां तीन-तीन विधायक हैं.

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सामाजिक ताना-बाना

2011 जनगणना के अनुसार, कुड्डालोर की जनसंख्या 26 लाख से अधिक है, जिसमें 51% पुरुष और 49% महिलाएं शामिल हैं. यहां 1,000 पुरुषों पर 987 महिलाएं हैं. 72.99% के राष्ट्रीय औसत की तुलना में इस जिले की साक्षरता 79% है.

कुड्डालोर लोकसभा सीट एक समय कांग्रेस की गढ़ मानी जाती थी. 1951 से अब तक इस सीट पर कांग्रेस ने 7 बार जीत हासिल कर चुकी है. इसके अलावा DMK को चार बार, जबकि AIADMK को दो बार यहां से जीत हासिल हुई है. 2014 लोकसभा चुनाव में AIADMK ने यहां से दूसरी बार जीत दर्ज की. इससे पहले 15वीं लोकसभा चुनाव 2009 में इस सीट से कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. यहां के मौजूदा सांसद AIADMK के ए. अरुणमोझीतेवन हैं.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

1951 के पहले लोकसभा चुनाव में यहां तमिलनाडु टॉयलर्स पार्टी पहली और आखिरी बार जीती थी. 1957 के चुनाव में यहां से निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली थी. डीएमके ने इस सीट पर 1962 के चुनाव में जोरदार दस्तक दी. जीत का यह सिलसिला 1967 में भी जारी रहा, लेकिन इस राज्य की ज्यादातर सीटों के उलट कांग्रेस का खाता इस सीट पर बहुत देर में खुला. उसे पहली 1977 के चुनाव में कामयाबी मिली. यह सिलसिला 1980, 84, 89 और 1991 तक जारी रहा. 1996 के आम चुनाव में तमिल मनीला कांग्रेस (मूपनार) ने यहां खाता खोला था. एआईएडीएमके के लिए यह सीट शुरू से ही मुश्किल रही है. इस पार्टी को 1998 में जाकर सफलता मिली, लेकिन पार्टी इस सीट पर कब्जा बरकरार नहीं रख पाई. पहले 1999 और फिर 2004 में यहां डीएमके ने वापसी की. 2009 में कांग्रेस ने फिर यह सीट अपने कब्जे में कर ली, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके ए. अरुणमोझीतेवन यहां से सांसद चुने गए.

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सांसद का रिपोर्ट कार्ड

एआईएडीएमके के ए. अरुणमोझीतेवन कुड्डालोर से पहली बार 2014 में लोकसभा सांसद बने. लोकसभा में उनकी उपस्थिति 84.29% रही. इस दौरान उनके द्वारा 550 सवाल पूछे गए. बहस में इनकी भागीदारी 1.21% तक रही. इन्होंने 25 करोड़ निर्धारित फंड से अब तक 23.35 करोड़ खर्च किए.

कुड्डालोर के बारे में

कुड्डालोर आजादी से पहले कई ऐतिहासिक युद्धों का गवाह रहा है. किसी जमाने में चोल, पल्लव, पांड्या, विजयनगर साम्राज्य और बाद में ब्रिटिशों का शासन था. यह जिला समुंदर के किनारे स्थित है. यहां मछली और जहाजरानी से जुड़े व्यवसाय के अलावा केमिकल, फार्मोकोलॉजी से जुड़े उद्योग धंधे हैं. यहां लोग तमिल, तेलुगु, मलयालम और अंग्रेजी भाषा बोलते हैं. चिदंबरम मंदिर, वडलूर मंदिर, वीरानम झील, देवनाथस्वामी मंदिर प्रमुख पर्यटन स्थल हैं.

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