scorecardresearch
 

Kaimur: रोजगार और पलायन के मुद्दे पर लड़ रहे हैं चुनाव -उपेंद्र कुशवाहा

मोहनिया पहुंचे रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इसके बाद उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पांच साल का समय चाहिये. वे बिहार में रोजगार और पलायन के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं.

Advertisement
X
उपेन्द्र बाले बिहार की जनता को दिया नया विकल्प.
उपेन्द्र बाले बिहार की जनता को दिया नया विकल्प.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मोहनिया में उपेन्द्र कुशवाह ने की जनसभा
  • उपेन्द्र बाले बिहार की जनता को दिया नया विकल्प
  • कई दशकों से परेशान बिहार की जनता से पांच साल का समय मांगा

बिहार के कैमूर जिला की मोहनिया विधानसभा में पहुंचे रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार से पलायन और रोजगार के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं. ​पिछले कई दशकों से परेशान बिहार की जनता से पांच साल का समय मांगा है. यदि सत्ता में आए, तो बिहार की तस्वीर बदलने का काम करेंगे.

मोहनिया पहुंचे रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इसके बाद उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पांच साल का समय चाहिये. वे बिहार में रोजगार और पलायन के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं.

देखें: आजतक LIVE TV

इस दौरान उन्होंने मोहनिया से रालोसपा की प्रत्याशी सुमन देवी के पक्ष में वोट करने की अपील की. देर रात जनसंपर्क अभियान के तहत रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने कहा हम जनता के लिए एक नये विकल्प के रूप में आए हैं. 

ये बोले उपेंद्र कुशवाहा
सभा के बाद आयोजित पत्रकारवार्ता में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में अच्छी पढ़ाई मिले, गरीब लोगों के इलाज का इंतजाम बिहार में हो, नौजवानों और बेरोजगारों को रोजी रोटी की तलाश में बाहर नहीं जाना पड़े, ये हमारे चुनावी मुद्दे हैं. इन्हीं मुद्दों पर अब तक लोगों का ध्यान नहीं गया है. जानबूझकर लोगों को भड़काया जा रहा है. बिहार की जनता को बारी बारी से परेशान किया गया. 30 वर्ष तक सरकार ने जनता की भलाई के बारे में नहीं सोचा.

Advertisement

जनता को दिया नया विकल्प 
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि 10 नवंबर के बाद पता चलेगा कि हम कितनी सीटों पर जीते हैं. उन्होंने कहा कि पहले से दो लोग 15 साल बनाम 15 साल वाले थे. जनता निराश हो रही थी. दोनों से जनता मुक्ति चाहती है. लोगों को लग रहा था आखिर करें तो क्या करें. पहले कोई विकल्प नहीं था उनके सामने. हमने नया बिहार बनाने का विकल्प दिया है.

(इनपुट-रंजन कुमार त्रिगुण)

ये भी पढ़ें

 

Advertisement
Advertisement