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Kaimur: तेजस्वी सूर्या बोले- RJD के युवा नेता जाति के आधार पर समाज को बांट रहे

बीजेपी सांसद और बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या कैमूर जिले के मोहनिया पहुंचे. उन्होंने कहा कि आरजेडी के युवा नेता बिहार में जाति के नाम पर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं. लेकिन मैं उन सब नेताओं को यह बोलना चाहता हूं कि बिहार के युवाओं की सिर्फ एक ही जाति है वह राष्ट्रभक्ति, देशभक्ति और बिहारभक्ति है.

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प्रत्याशी निरंजन राम के पक्ष में वोट अपील की.
प्रत्याशी निरंजन राम के पक्ष में वोट अपील की.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • प्रत्याशी निरंजन राम के पक्ष में वोट अपील की
  • कहा- भारत का भविष्य बिहार के भविष्य पर निर्भर है
  • अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या कैमूर जिले के मोहनिया पहुंचे

28 अक्टूबर को बिहार विधानसभा चुनाव के मतदान शुरू हो रहे हैं. सभी नेता अपनी पार्टी के प्रचार में जोरों से लगे हुए हैं. इसी क्रम में बीजेपी सांसद और बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या कैमूर जिले के मोहनिया पहुंचे. जहां सबसे पहले बाबा साहब की मूर्ति पर माल्यार्पण कर नुक्कड़ सभा की. इसके बाद मोहनिया विधानसभा के बीजेपी के विधायक और प्रत्याशी निरंजन राम के पक्ष में वोट की अपील की.

उन्होंने कहा कि आरजेडी के युवा नेता बिहार में जाति के नाम पर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं. लेकिन मैं उन सब नेताओं को यह बोलना चाहता हूं कि बिहार के युवाओं की सिर्फ एक ही जाति है वह राष्ट्रभक्ति, देशभक्ति और बिहारभक्ति. हम सब यह भी जानते हैं कि आत्मनिर्भर भारत तभी बनेगा जब आत्मनिर्भर बिहार बनेगा.

देखें: आजतक LIVE TV 

 भारत का भविष्य बिहार के भविष्य पर निर्भर है. इसलिए यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है. पिछले 15 सालों में जो विकास की यात्रा चालू है, उस विकास की यात्रा को हम और तेज गति से आगे बढ़ाने में यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है, और राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री मोदी जी का हाथ और मजबूत करने के लिए हर बिहार के युवा का वोट बहुत महत्वपूर्ण है.

बिहार आने वाले दिनों में सभी क्षेत्रों में एक नई ऊंचाई पर जाएगा. चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो, इंडस्ट्रियल एरिया हो, मेडिकल हो,एयरपोर्ट्स हो, इंफ्रास्ट्रक्चर या बिल्डिंग हो. जिन्होंने पूरे जीवन में एक दिन का भी ईमानदारी से रोजगार नहीं किया है वैसे लोगों को रोजगार देने का आइडिया भी कैसे हो सकता है. उन लोगों को बेरोजगारी पर बात करने का नैतिक अधिकार भी नहीं. जिस प्रकार से 15 सालों के राजद के राज में अपहरण लूट जैसी घटनाएं होती थीं. 15 साल का असर 3-4 पीढ़ियों पर पड़ता है.

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