
बिहार में विधानसभा चुनाव के बीच मुंगेर एक बार फिर सुलग उठा है. दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को लेकर हुए बवाल के बाद बीते दिनों में ही दो बार मुंगेर में हिंसा का माहौल है. पहले 27 तारीख की रात को गोलीकांड हुआ और अब गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और थाने में आग लगा दी. जिसके बाद हालात बेकाबू होते दिख रहे हैं, अब चुनाव आयोग ने इस केस में एक्शन भी लिया है.
60 घंटे में कैसे बिगड़ता गया माहौल?
दरअसल, बिहार के मुंगेर में ये विवाद दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को लेकर हुआ था. चुनाव की स्थिति के दौरान प्रशासन ने 26 अक्टूबर तक प्रतिमा विसर्जन की इजाजत दी थी. लेकिन मुंगेर के पंडित दीन दयाल चौक के पास शंकरपुर में इसी दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच विवाद हो गया था. तभी आधी रात को फायरिंग हुई और इसी घटना में एक 18 साल के लड़के की मौत हो गई जबकि कुछ अन्य लोग घायल हुए.
हालांकि, तब प्रशासन ने बयान दिया था कि दुर्गा पूजा के विसर्जन के समय शरारती तत्वों के द्वारा रोड़े बाजी की घटना हुई. साथ ही साथ पुलिस पर फायरिंग की भी घटना हुई. इसकी वजह से अनेक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और एक व्यक्ति की मौत हुई है. इसी घटना के बाद मुंगेर के इलाके में तनाव बढ़ गया था और पुलिस प्रशासन के खिलाफ गुस्सा फूट रहा था. राजनीतिक तौर पर भी मसला तेजी से गरम होता जा रहा था.
अब गुरुवार को क्या हुआ है?
पिछले दो दिनों में इस मसले पर गुस्सा बढ़ता जा रहा था, जिसके बाद गुरुवार को सैकड़ों युवाओं ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया. यहां पहले एसपी दफ्तर का घेराव किया गया, जिसके बाद पत्थरबाजी और तोड़फोड़ की गई. इतना ही नहीं विरोध का सिलसिला इस कदर आगे बढ़ा कि प्रदर्शनकारियों द्वारा पूरब सराय थाने में आग लगा दी गई. अब यहां अतिरिक्त पुलिस फोर्स को भेजा गया है, आसपास के बाजार बंद हो गए हैं और माहौल पूरी तरह से तनावपूर्ण हो गया है.

क्या लिया गया है एक्शन?
इस पूरी घटना को लेकर स्थानीय लोगों में गुस्सा था और पुलिस प्रशासन पर एक्शन की मांग की जा रही थी. लगातार बिगड़ते हालात को देखते हुए चुनाव आयोग ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को हटाने का आदेश दिया है. साथ ही अब पूरे कांड की जांच मगध के डिविजन कमिश्नर करेंगे, सात दिन में इस केस की रिपोर्ट दी जाएगी. जल्द ही नए डीएम और एसपी को यहां भेजा जाएगा.
मुंगेर बनने लगा था चुनावी मुद्दा
बता दें कि बिहार में इस वक्त चुनाव चल रहे हैं और मुंगेर की घटना के साये में ही पहले चरण के वोट डले थे. राजद के तेजस्वी यादव, कांग्रेस की ओर से रणदीप सुरजेवाला और लोजपा की ओर से चिराग पासवान ने मुंगेर कांड पर नीतीश सरकार पर निशाना साधा था. और दुर्गा भक्तों पर पुलिस का शिकार बनाने का आरोप लगाया था. ऐसे में विपक्ष की ओर से लगातार इस मसले पर बयानबाजी के कारण ये मसला चुनावी रैलियों और प्रेस कॉन्फ्रेंस का हिस्सा बन चुका था.