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यूथ जिताएगा बूथ, बिहार में हर पार्टी का युवा वोटरों पर खास फोकस  

बिहार चुनाव में पहली बार 75 लाख युवा मतदाता वोट डालने जा रहे हैं. यही वजह है बिहार के युवा वोटरों को साधने के लिए राजनीतिक दल एक से बढ़कर एक लोकलुभावने वादे कर रहे हैं. महागठबंधन ने 10 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया है तो बीजेपी ने 19 लाख नौकरी के अवसर उपलब्ध कराने की बात कही है.

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बिहार में यूवा वोटर निर्णयक (फाइल फोटो)
बिहार में यूवा वोटर निर्णयक (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिहार में 75 लाख युवा पहली बार वोट डालेंगे
  • बिहार में युवा मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं
  • राजनीतिक दल युवाओं को साधने में जुटे

बिहार विधानसभा चुनाव में युवा मतदाता काफी अहम साबित हो सकते हैं. राज्य में इस बार पहली बार 75 लाख युवा मतदाता वोट डालने जा रहे हैं. यही वजह है कि बिहार के युवा वोटरों को साधने के लिए राजनीतिक दल एक से बढ़कर एक लोक-लुभावने वादे कर रहे हैं. महागठबंधन ने 10 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया है तो बीजेपी ने 19 लाख नौकरी के अवसर उपलब्ध कराने की बात कही है. इस तरह से बिहार का चुनाव इस बार युवा मतदाताओं के इर्द-गिर्द सिमटता नजर आ रहा है.

बिहार में युवा मतदाता निर्णायक भूमिका में

आंकड़ों की मानें तो बिहार में साढ़े 12 करोड़ की आबादी में 58 फीसदी आबादी युवाओं की है. 2020 में चुनाव में 75 लाख ऐसे युवा मतदाता हैं, जो पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे यानी उनकी आयु 23 वर्ष से नीचे हैं. बिहार में चुनाव आयोग के मुताबिक 20 से 29 आयु वर्ग के 1 करोड़ 60 लाख मतदाता हैं. वहीं, 30 से 39 साल के एक करोड़ 98 लाख से ज्यादा वोटर हैं, लेकिन अगर 18 से 40 साल तक के उम्र वाले मतदाताओं की बात करें तो, बिहार में उनकी संख्या करीब ढाई करोड़ के आसपास होती है. 

तेजस्वी का 10 लाख नौकरी का वादा

बिहार विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या भले ही 7 करोड़ 79 लाख की हो, लेकिन सत्ता की किंगेमेकर यूथ मतदाता हैं, जो बूथ पर जीत दिलाने का काम करेंगे. इसलिए तमाम राजनीतिक दलों की नजर युवा मतदाताओं पर टिकी है. इन्हीं आंकड़े को ध्यान में देखते हुए तेजस्वी यादव युवा मतदाताओं पर खास फोकस कर रहे हैं. इन युवाओं को अपने पाले में करने के लिए तेजस्वी यादव एक के बाद एक वादा कर रहे हैं और उन्हें पता है कि बेरोजगारी के मुद्दे पर युवा वर्ग का साथ मिल गया तो सूबे की सियासी जंग फतह कर सकते हैं.  

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कांग्रेस का बेरोजगारी भत्ता का वादा

आरजेडी की सहयोगी कांग्रेस पार्टी ने भी बिहार में युवाओं पर खास फोकस किया है. कांग्रेस ने 10 लाख नौकरी के वादे के साथ-साथ जब तक युवाओं को नौकरी नहीं मिल जाती है तब 1500 रुपये महीने बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया है. इसके अलावा कांग्रेस ने रोजगार के लिए सर्वे और कैंप लगाकर नौकरी देने की बात भी कही है. कांग्रेस ने इस बार के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा युवा प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं, जिनमें 50 फीसदी प्रत्याशी ऐसे हैं, जिनकी उम्र 35 साल से कम है. 

बीजेपी के युवाओं से वादे

वहीं, बीजेपी ने भी युवाओं को साधने के तौर पर अपने घोषणा पत्र में 19 लाख नौकरी के अवसर सृजन करने का वादा किया है. हालांकि, बीजेपी ने तीन लाख नए शिक्षकों की नियुक्ति, आईटी सेक्टर में 5 लाख से ज्यादा रोजगार, 50,000 लाख से एक करोड़ महिलाओं को स्वावलंबी और स्वास्थ्य विभाग में एक लाख नौकरी दिए जाने की बात कही है. इसके अलावा अगले दो सालों में 15 दुग्ध प्रोसेसिंग उद्योग की स्थापना की जाएगी, जिसके जरिए रोजगार सृजन का वादा किया है. 

नीतीश का युवा शक्ति पर जोर

साथ ही बीजेपी की सहयोगी जेडीयू ने भी इस बार के चुनाव में सात निश्चय में युवा शक्ति पर खास जोर दिया है. साथ ही युवाओं को प्रशिक्षण की व्यवस्था के साथ व्यवसाय लगाने के लिए 3 लाख की मदद देकर आत्मनिर्भर बनाने की बात कही है.

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नीतीश कुमार से लेकर सुशील मोदी युवाओं को भरोसा दिला रहे हैं कि अगर उन्हें इस बार सरकार बनाने का मौका मिला तो रोजगार की दिशा में काम करेंगे. ऐसे में अब देखना यह है कि बिहार का युवा 2020 के चुनाव में क्या राजनीतिक गुल खिलाता है और किस पर अपना भरोसा जताता है. 
 

2015 में युवा प्रत्याशी 
बता दें कि एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 2015 के चुनाव में कुल 3,450 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे, जिनमें 25 से 30 की उम्र वाले महज 357 उम्मीदवार थे. 31 से 40 उम्र वाले उम्मीदवारों की संख्या 1063 थी. वहीं, 41 से 50 की उम्र वाले प्रत्याशियों की संख्या 1049 थी. पार्टी आधार पर देखा जाए तो आरजेडी में सबसे अधिक युवा विधायक जीत कर आए थे और दूसरे नंबर पर जेडीयू और तीसरे नंबर पर बीजेपी और कांग्रेस रही थी. 


 

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