बिहार की राजनीति में जातियों के साथ अब कानून व्यवस्था, रोजगार और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे भी प्रमुखता से उभरे हैं. जंगलराज बनाम सुशासन की बहस तेज है. पटना से भागलपुर तक हत्या, लूट और अपहरण की घटनाओं ने सरकार को बैकफुट पर ला दिया है. पलायन और बेरोजगारी भी बड़े मुद्दे हैं, जहाँ युवा नौकरी की मांग कर रहा है. तेजस्वी ने 10 लाख नौकरियों का वादा किया है, जबकि नीतीश कुमार ने 2005 से 2020 के बीच 1 करोड़ रोजगार देने का दावा किया है.