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'नीतीश सरकार हमारा विजन कॉपी कर रही', वोट चोरी से लेकर SIR के मुद्दे पर बोले तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव ने कहा कि उनका लक्ष्य बिहार में पढ़ाई, दवाई, सिंचाई, कमाई, कार्रवाई और सुनवाई वाली सरकार देना है. उन्होंने बेरोजगारी, गरीबी, पलायन और बढ़ते अपराध को लेकर नीतीश सरकार को घेरा. साथ ही कहा कि हमने एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठाए, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया.

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तेजस्वी ने कहा कि हमें मौका मिला तो 5 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी (File Photo: PTI)
तेजस्वी ने कहा कि हमें मौका मिला तो 5 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी (File Photo: PTI)

बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. राजनीतिक पार्टियों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है. इसी बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने आजतक से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि हमारी मंजिल बिहार बनाने की है. जब तक बिहार की जनता को पढ़ाई, दवाई, सिंचाई, कमाई, कार्रवाई और सुनवाई वाली सरकार नहीं मिलेगी, तब तक राज्य आगे नहीं बढ़ सकता. जब तक बिहार आगे नहीं बढ़ेगा, देश आगे नहीं बढ़ सकता.

तेजस्वी यादव ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि बिहार में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है, सबसे ज्यादा गरीबी है, पलायन सबसे ज्यादा है, निवेश सबसे कम है, किसानों की आय सबसे कम है. खेलकूद की कोई व्यवस्था नहीं है, टूरिज्म बेहतर नहीं है. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार का इकबाल खत्म हो चुका है. बिहार में अपराध बढ़ता जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य अपराध मुक्त बिहार बनाने की है. 

जब उनसे पूछा गया कि 2020 से लेकर 2025 तक क्या बदल गया है? इसके जवाब में तेजस्वी ने कहा कि पिछली बार सीटें चोरी कर ली गई थीं. रात के अंधेरे में काउंटिंग रोकी गई थी, हालांकि उसे वोट चोरी नहीं कहा जा सकता, लेकिन इस बार जनता ने मन बना लिया है कि बदलाव हो. हम नौकरी की बात करते हैं, जब मौका मिला तो 5 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी. हमने असंभव को संभव बना दिया था. 

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तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश सरकार हमारा विजन कॉपी कर रही है. चाहे नौकरी हो, पेंशन बढ़ाना हो, 200 यूनिट फ्री बिजली देने की बात हो या युवा आयोग की बात हो... इनके पास ब्लूप्रिंट नहीं है. उन्होंने कहा कि हमने एसआईआर का विरोध नहीं किया, बल्कि उसकी प्रक्रिया, टाइमिंग, डॉक्यूमेंट्स को लेकर हमने सवाल पूछे थे, जब सवालों का जवाब नहीं मिला तो हम कोर्ट गए. उन्होंने कहा कि वोटर्स के नाम काटे गए. सुप्रीम कोर्ट ने हमारी बातों को माना और चुनाव आयोग को फटकार लगाई.

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