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'बिहार के गरीबों को मुसीबत में डाल रही SIR', जेडीयू सांसद ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल

गिरधारी यादव ने सवाल उठाया कि अगर लोकसभा चुनाव में मतदाता सूची सही थी, तो कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए वही सूची गलत कैसे हो सकती है? उन्होंने कहा, 'क्या मैं गलत मतदाता सूची के आधार पर सांसद चुना गया हूं? अगर ऐसा है तो पूरी चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठेंगे.'

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जेडीयू सांसद ने अपना उदाहरण देते हुए बताया कि उन्हें खुद अपने दस्तावेज जुटाने में 10-11 दिन लग गए. (File Photo)
जेडीयू सांसद ने अपना उदाहरण देते हुए बताया कि उन्हें खुद अपने दस्तावेज जुटाने में 10-11 दिन लग गए. (File Photo)

जेडीयू सांसद गिरधारी यादव ने बिहार में चल रही मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) प्रक्रिया का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के फैसले पर सवाल खड़े कर सकती है.

गिरधारी यादव ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि चुनाव आयोग को यह प्रक्रिया कम से कम छह महीने तक चलानी चाहिए ताकि योग्य मतदाता अपने दस्तावेज जमा कर सकें और जिनके पास मतदान का अधिकार नहीं है, उन्हें हटाया जा सके. उन्होंने दावा किया कि चल रहे अभियान ने लोगों को, खासकर गरीबों को, 'परेशान कर दिया है', मानो वे किसी 'मेडिकल इमरजेंसी' में हों.

'पूरी चुनावी प्रक्रिया पर उठ सकते हैं सवाल'

गिरधारी यादव ने कहा, 'अभी धान की खेती का समय है. लोग खेती में लगे हैं. अब उन्हें दस्तावेज ढूंढ़कर अधिकारियों को देने पड़ रहे हैं. उन्हें बहुत परेशानी हो रही है. चुनाव आयोग को कम से कम छह महीने देने चाहिए और यह प्रक्रिया गर्मियों में कराई जानी चाहिए.'

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गिरधारी यादव ने सवाल उठाया कि अगर लोकसभा चुनाव में मतदाता सूची सही थी, तो कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए वही सूची गलत कैसे हो सकती है? उन्होंने कहा, 'क्या मैं गलत मतदाता सूची के आधार पर सांसद चुना गया हूं? अगर ऐसा है तो पूरी चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठेंगे.'

उन्होंने कहा कि बिहार से बाहर रह रहे लाखों प्रवासी इस जल्दबाजी में अपने वोटिंग अधिकार से वंचित हो सकते हैं. उन्होंने चुनाव आयोग की टाइमिंग पर भी सवाल उठाया और कहा कि आयोग ने राज्य और वहां के लोगों की स्थिति को ठीक से नहीं समझा.

'मुझे खुद डॉक्यूमेंट्स जुटाने में लग गए 10-11 दिन'

जब उनसे पूछा गया कि उनकी पार्टी जेडीयू तो इस प्रक्रिया का समर्थन कर रही है, तो उन्होंने कहा कि वे लोकसभा सांसद के तौर पर अपनी स्वतंत्र राय रख रहे हैं. उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए बताया कि उन्हें खुद अपने दस्तावेज जुटाने में 10-11 दिन लग गए और अमेरिका में रहने वाले उनके बेटे को और भी ज्यादा दिक्कत आई है. गिरधारी यादव ने कहा, 'मुझे नहीं पता अब मेरा बेटा बिहार में वोटर रहेगा या नहीं.'

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भले ही गिरधारी यादव ने इस प्रक्रिया का विरोध किया हो, लेकिन जेडीयू (जो भाजपा की सहयोगी है) ने SIR का बचाव करते हुए कहा है कि इसका उद्देश्य योग्य मतदाताओं की पहचान करना है ताकि अयोग्य और संदिग्ध घुसपैठिए वोट न डाल सकें.

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