झारखंड में विधानसभा चुनाव हैं और पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले कांग्रेस नेता और निवर्तमान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के बयान पर विवाद बढ़ गया है. एक वायरल वीडियो में बन्ना को यह कहते सुना जा रहा है कि अगर कोई कट्टर हिन्दू किसी मुस्लिम पर हमला करेगा तो बन्ना गुप्ता वहां खड़ा रहेगा. बीजेपी ने इस बयान पर आपत्ति जताई है और कहा, बन्ना ने हिन्दुओं का अपमान किया है.
बन्ना गुप्ता झारखंड सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं और जमशेदपुर वेस्ट से कांग्रेस उम्मीदवार हैं. उन्होंने जमशेदपुर में एक ऐसा बयान दिया है, जिस पर राजनीति गर्म हो गई है. बन्ना गुप्ता ने कह दिया कि अगर कोई कट्टर हिंदू किसी मुस्लिम के घर हमला करता है तो उसकी रक्षा के लिए वो खुद खड़े रहेंगे.
बन्ना गुप्ता ने क्या कहा है...
गुप्ता का कहना था कि वो कह रहे हैं कटोगे, लड़ोगे तो बंटाओगे... तुम कटाओ और बंटाओ. अगर तुमने मां का दूध पिया है और अगर तुम कटाओगे तो मैं कहना चाहता हूं कि यदि हमारे बबलू भाई, नौशाद भाई के घर पर कोई हिन्दू कट्टरपंथी हमला करेगा तो बन्ना गुप्ता वहां खड़ा रहेगा. उसका विरोध करने के लिए.
'हिन्दुओं को आप कितना परेशान करेंगे?'
बन्ना गुप्ता के इस बयान पर माहौल गरमा गया. बीजेपी के प्रदेश सह प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा सरमा ने बन्ना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है और लिखा, झारखंड में कांग्रेसी मंत्री की भाषा सुनिए. हिंदुओं को आप और कितना परेशान करेंगे? अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए आप हिंदुओं के हितों को दबाने की जितनी भी कोशिश करें, इस बार जनता आपको माफ नहीं करेगी.
'हिन्दू कट्टरपंथी नहीं होते हैं'
वहीं, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने भी पलटवार किया है. सेठ का कहना था कि बन्ना गुप्ता ने फिर से हिंदुओं का अपमान किया है. हिन्दू कभी कट्टरपंथी नहीं होते. इसके पहले कांग्रेस नेता कह चुके हैं कि हिन्दू आतंकवादी होते हैं. हिंसक होते हैं. ये लोग राम मंदिर तक के उद्घाटन में बुलावे के बावजूद नहीं जाते. सिर्फ तुष्टिकरण इनका लक्ष्य है. तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस के नेता किसी हद तक चले जाते हैं. बन्ना गुप्ता का बयान शर्मनाक है.
सेठ ने बांग्लादेश से घुसपैठ मामले में रेड को सही ठहराया और कहा, हमारी सरकार आई तो एक-एक घुसपैठियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. वोट बैंक की राजनीति के कारण रांची जैसी जगहों पर भी एक लाख से ज्यादा घुसपैठिए घुस चुके हैं. हिन्दू कभी कट्टरपंथी नहीं, बल्कि संवेदनशील होते हैं.