हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने 19 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है. हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने 19 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है. बता दें कि दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) और चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (ASP) ने हरियाणा चुनाव एक साथ लड़ने का ऐलान किया है. दोनों दलों ने एक संयुक्त बयान में कहा था कि इस रणनीतिक गठबंधन का उद्देश्य कांशी राम और चौधरी देवी लाल की सांस्कृतिक और राजनीतिक विचारधाराओं से प्रेरित होकर राज्य के विकास के लिए एक मजबूत स्तंभ बनना है.
जानें किन्हें मिला टिकट
उचाना - दुष्यंत चौटाला
डबवाली - दिग्विजय चौटाला
जुलाना - अमरजीत ढांडा
दादरी - राजदीप फौगाट
गोहाना - कुलदीप मलिक
बावल - रामेश्वर दयाल
मुलाना - डॉ रविंद्र धीन
रादौर - राजकुमार बुबका
गुहला - कृष्ण बाजीगर
जींद - इंजीनियर धर्मपाल प्रजापत
नलवा - विरेंद्र चौधरी
तोशाम - राजेश भारद्वाज
बेरी - सुनील दुजाना सरपंच
अटेली - आयुषी अभिमन्यु राव
होडल - सतवीर तंवर
आजाद समाज पार्टी (कांशीराम)
सढौरा - सोहेल
जगाधरी - डॉ अशोक कश्यप
सोहना - विनेश गुर्जर
पलवल - हरिता बैंसला
कौन कितनी सीटों पर लड़ रहा चुनाव
जेजेपी 70 सीटों पर और एएसपी 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. दुष्यंत चौटाला ने अपने समर्थकों को आश्वासन दिया कि पिछली गलतियों को दोहराया नहीं जाएगा और भाजपा के साथ भविष्य में किसी भी तरह के गठबंधन से इनकार किया. जननायक जनता पार्टी और आजाद समाज पार्टी के बीच गठबंधन को हरियाणा की राजनीति में एक मजबूत ताकत के रूप में देखा जा रहा है. यह गठबंधन दुष्यंत चौटाला को हरियाणा का अगला मुख्यमंत्री बनाने की महत्वकांक्षा रखता है.
बता दें कि दुष्यंत चौटाला के परदादा चौधरी देवी लाल ने डॉ. बी.आर. को भारत रत्न सम्मान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने 1989 से 1990 और 1990 से 1991 तक भारत के छठे उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. उनके कार्यकाल के दौरान दलित चौपाल जैसी पहल ने वंचितों के लिए एक मंच प्रदान किया. दुष्यंत चौटाला ने कहा, 'हम दोनों (वह और चंद्रशेखर आजाद) 36 साल के हैं. हम किसानों और श्रमिकों को सशक्त बनाएंगे.' चन्द्रशेखर ने कहा, 'हमने इस गठबंधन पर लंबे समय से काम किया है, और हम हरियाणा को एक साथ आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं. हम अपने गठबंधन में उन लोगों का स्वागत करेंगे, जो समान विचारधारा रखते हैं.'
इस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया आयाम जोड़ने और दलित-जाट वोटरों को अपने पक्ष में करने का है. यह गठबंधन बहुत मायने रखता है, क्योंकि इससे पहले ही इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच भी गठबंधन हो चुका है. हरियाणा में दलित और जाट समुदाय के वोट अनिवार्य रूप से अहम हैं और यही कारण है कि विभिन्न पार्टियां इन समुदायों के वोट बैंक को लेकर बहुत सतर्क हैं.