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हरियाणा में नेताओं के निर्दलीय चुनाव लड़ने से बढ़ेंगी BJP की मुश्किलें? जानें क्या बोले शीर्ष नेता

हरियाणा के मंत्री रंजीत सिंह चौटाला ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा टिकट न दिए जाने के बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. रंजीत चौटाला उन नौ मौजूदा विधायकों में शामिल हैं जिन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया है. लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए चौटाला ने घोषणा की है कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे.

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बीजेपी के कई नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है
बीजेपी के कई नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है

हरियाणा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में 67 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं. पार्टी ने 9 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है और कई नए चेहरों को टिकट दिया है. इस बीच उम्मीदवारों की पहली लिस्ट की घोषणा के बाद भाजपा को बड़े पैमाने पर विद्रोह का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कई भाजपा नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है. 

नाम न बताने की शर्त पर एक भाजपा पदाधिकारी ने कहा, "भाजपा नेताओं, समान विचारधारा वाले उम्मीदवारों या निर्दलीय उम्मीदवारों का चुनाव लड़ना पार्टी के लिए फायदेमंद होगा क्योंकि इससे वोटों का बंटवारा होगा और सत्ता विरोधी लहर से लड़ने में मदद मिलेगी."

उन्होंने कहा, "अगर कोई भाजपा नेता निर्दलीय चुनाव लड़ता है तो यह पार्टी के लिए मददगार साबित होगा." 

बता दें कि हरियाणा के मंत्री रंजीत सिंह चौटाला ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा टिकट न दिए जाने के बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. रंजीत चौटाला उन नौ मौजूदा विधायकों में शामिल हैं जिन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया है. लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए चौटाला ने घोषणा की है कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. 

सावित्री जिंदल को भी हिसार से भाजपा का टिकट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन पार्टी ने मौजूदा भाजपा विधायक और मंत्री कमल गुप्ता को मैदान में उतारा है. कुरुक्षेत्र से मौजूदा भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल ने अब निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

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हरियाणा के मुख्यमंत्री और लाडवा से भाजपा उम्मीदवार नायब सिंह सैनी ने रोहतक में भाजपा नेताओं के निर्दलीय चुनाव लड़ने के फैसले पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "हर विधानसभा क्षेत्र से टिकट के कई दावेदार हैं. सभी ने अपना बायोडाटा हमें भेजा है. हमने हर एक दावेदार से बात की है, लेकिन सिर्फ एक ही व्यक्ति को टिकट दिया जा सकता है. यह भी जाहिर है कि अगर आपको टिकट नहीं मिलता है तो आपको बुरा लगता है, लेकिन मैं आपको बता दूं कि जमीनी स्तर पर भाजपा के खिलाफ कोई गुस्सा नहीं है. हम भाजपा के हर कार्यकर्ता से बात कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि वे पार्टी के हित में काम करें.

ऐसे में भाजपा के शीर्ष नेताओं को 40 से अधिक सीटें जीतने का भरोसा है, क्योंकि पार्टी को लगता है कि सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर उतनी मजबूत नहीं है, जितनी दिखाई जा रही है.

टिकट वितरण में शामिल टीम के एक नेता ने कहा, "दुष्यंत चौटाला की जेजेपी के विधायकों को टिकट देने से भाजपा को सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना नहीं है, लेकिन मनोहर लाल खट्टर जी ने उन्हें टिकट देने का वादा किया था, इसलिए पार्टी को उन्हें टिकट देना पड़ा." 

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भाजपा को लगता है कि नायब सिंह सैनी की अच्छी छवि पार्टी को चुनाव जीतने में मदद करेगी, क्योंकि सैनी अपने पूर्ववर्तियों के विपरीत आम जनता के बीच आसानी से पहुंच सकते हैं. 

एक अन्य पार्टी पदाधिकारी ने कहा, "हमें हरियाणा में बहुत पहले ही सीएम बदल देना चाहिए था. इससे पार्टी को काफी मदद मिलती." 

भाजपा ने गोपाल कांडा से उनकी राजनीतिक पार्टी का भाजपा में विलय करने के लिए कहने की खबरों को खारिज कर दिया है. दरअसल, शुक्रवार को गोपाल कांडा को हरियाणा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के लिए दिल्ली बुलाया गया था. सूत्रों ने बताया कि गोपाल कांडा सिरसा विधानसभा क्षेत्र से सटी तीन सीटों के लिए चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें सिरसा और ऐलनाबाद की दो सीटें देने की पेशकश की. गोपाल कांडा ऐलनाबाद निर्वाचन क्षेत्र से अपनी पार्टी का उम्मीदवार नहीं उतारना चाहते थे और अंत में उन्होंने केवल एक सीट यानी सिरसा से चुनाव लड़ने का फैसला किया.

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