दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल यूं तो एक प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं पर जिस तर्ज पर वह राजनीति करते हैं, बड़े से बड़े राजनीति के सूरमा भी उनसे शर्मा जाएं. राज्य सभा में संविधान पर बोलते हुए गृहमंत्री अमित शाह के एक वाक्यांश को पकड़ कर जिस तरह कांग्रेस ने बखेड़ा किया है उसका फायदा उठाने की तैयारी अरविंद केजरीवाल ने अभी से शुरू कर दी है. गुरुवार को दिन भर वो आंबेडकर के अपमान पर बीजेपी को कोसते रहे और अंबेडकर के सम्मान में कुछ न कुछ बोलते रहे. उनकी पार्टी के कार्यक्रम , पार्टी के ट्वीटर हैंडल , उनके हर भाषण में कहीं न कहीं बाबा साहब मौजूद हैं. केजरीवाल ने एक सभा में कहा कि वो बाबा साहब के फैन नहीं हैं , वे उनके भक्त हैं. गुरुवार को एक्स पर आम आदमी पार्टी के ट्विटर हैंडल से किए गए अधिकतर ट्वीट भी डॉ. आंबेडकर के सम्मान की कहानी कर रहे थे. आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को एक AI से बनाया हुआ शॉर्ट वीडियो भी ट्वीट किया है जिसमें खुद डॉक्टर आंबेडकर अपने हाथों को अरविंद केजरीवाल के सिर पर रखते हुए आशीर्वाद दे रहे हैं. अरविंद केजरीवाल जानते हैं कि दिल्ली में वो कांग्रेस के साथ चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. केजरीवाल की रणनीति है किसी तरह आज की तारीख में कांग्रेस ने जो माहौल तैयार किया है उसकी पूरी फसल आम आदमी पार्टी काट ले.
1-डॉ. आंबेडकर का आशीर्वाद लेने में तो हद ही कर दी पूर्व सीएम ने
आम आदमी पार्टी के एक्स एकाउंट पर गुरुवार को 2 बजकर 50 मिनट पर एक AI से बना वीडियो अपलोड किया गया है. जय भीम लिखने के बाद यह वीडियो डाला गया है. इस वीडियो में अंक तरफ बाबा साहब आशीर्वाद देने की मुद्रा में हैं तो दूसरी तरफ हाथ जोड़े उनके सामने झुके अरविंद केजरीवाल हैं. बैकग्राउंड से अरविंद केजरीवाल की आवाज आती है..मुझे शक्ति दीजिए बाबा साहब ताकि मैं उन लोगों से लड़ सकूं जो आप का और आपके संविधान का अपमान करते हैं. बीच बीच में बैकग्राउंड में केजीएफ फिल्म का सुल्तान वाला गाना चल रहा है. दरअसल देश की राजनीति में आम लोगों से जुड़ने की कला या तो नरेंद्र मोदी को आता है या इस कला में माहिर आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल हैं. केजरावाल जानते हैं कि जिस तबके के लिए वो ये वीडियो बनवाए उसे ये बहुत पसंद आने वाला है.
अब दूसरी पार्टियां और नेता चाहे जितना भी आलोचना कर लें अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता बढने वाली ही है. यही नहीं इस वीडियो के ट्वीट करने के बाद ठीक आधे घंटे बाद उनका एक स्टिल फोटो वाला ट्वीट डाला जाता है. जिसमें अरविंद केजरीवाल की फोटो की पृष्ठ भूमि में डॉक्टर आंबेडकर दिख रहे हैं. और मोटे फॉंट में लिखा है कि बाबा साहब सिर्फ एक नेता नहीं हैं इस देश की आत्मा हैं. इतना ही नहीं गुरुवार को एक सभा को संबोधित करते हुए भी दिख रहे हैं जिसके पीछे पर्दे पर लिखा हुआ है कि बाबा साहब का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान. और अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह आदि बाबा साहब का महिमामंडन करते हुए और भाजपा को कोसते हुए दिख रहे हैं.\
2-गांधी को हटाकर आंबेडकर को पार्टी का पोस्टर बॉय पहले ही बना दिया था
अरविंद केजरीवाल ने डॉक्टर भीमराव आंबेडकर को अपनी पार्टी का पोस्टर बॉय बनाने का काम पिछले साल ही कर दिया. आम तौर पर देश में संवैधानिक पदों पर रहने वाले लोगों के कार्यालयों में महात्मा गांधी की फोटो जरूर रहती है. पर दिल्ली और पंजाब में सरकारी दफ्तर हों या आम आदमी पार्टी के ऑफिस में हर जगह महात्मा गांधी की जगह बाबा साहब मिलेंगे. इसके साथ ही भगत सिंह की फोटो भी इन जगहों पर बाबा साहब के साथ मिलती है. अरविंद केजरीवाल को इसलिए ही कहा जाता है कि देश में इस समय उनके जैसा विपक्ष का नेता नहीं है. उनके आलोचक भी मानते हैं कि देश में अगर नरेद्र मोदी से कोई मुकाबला कर सकता है तो अरविंद केजरीवाल ही हैं.
3-दिल्ली की राजनीति में दलित वोटर्स
दिल्ली के बारे में कहा जाता रहा है कि जिन पार्टियों ने दिल्ली की 13 आरक्षित सीटों पर बहुमत हासिल किया उसे ही दिल्ली की सरकार बनाने का मौका मिलता है. यह क्रम 1993 से चल रहा है. जब बीजेपी ने 13 में से 8 पर जीत हासिल कर ली थी.1998 में कांग्रेस ने 12 आरक्षित सीटें जीतकर अपनी सरकार बनाई .इसी तरह 2003 और 2008 में भी कांग्रेस की इन सीटों पर अपनी बढ़त बरकरार रखी और सरकार बनाती रही. 2103 से आम आदमी पार्टी इन सीटों पर एकतरफा जीत दर्ज कर रही है और सरकार भी बना रही है. वैसे भी एंटी इंकंबेंसी का मुकाबला कर रही आम आदमी पार्टी के लिए झुग्गी झोपड़ियों में फिर पैठ बनाने का बढ़िया मौका मिल गया है.