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राहुल बोले- असम का प्रतीक हैं बदरुद्दीन अजमल, शाह ने घेरा

अमित शाह ने कहा कि राहुल बाबा छुट्टी मनाने इटली चले जाते हैं, विदेश चले जाते हैं और वहां से आकर बोलते हैं कि असम का प्रतीक बदरुद्दीन अजमल है. अगर कांग्रेस और बदरुद्दीन अजमल की सरकार बनी तो फिर से घुसपैठिए, घुसपैठ शुरू कर देंगे और असम के युवाओं का रोजगार छीनकर ले जाएंगे.

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अमित शाह ने कहा कि असम घूमने आते हैं राहुल गांधी (फोटो-ट्विटर)
अमित शाह ने कहा कि असम घूमने आते हैं राहुल गांधी (फोटो-ट्विटर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'कांग्रेस के दो नेता, भाई-बहन पर्यटन के लिए आते हैं असम'
  • 'चाय बागान में पत्तियां तैयार नहीं, प्रियंका खिंचा रही फोटो'
  • अजमल की सरकार बनी तो घुसपैठ शुरू हो जाएगाः शाह

केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह ने आज शुक्रवार को असम के करीमगंज में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी बदरुद्दीन अजमल को असम का प्रतीक बनाना चाहती है. 

अमित शाह ने आज करीमगंज में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तय किया है कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस जी का जन्मदिन पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा.  बीजेपी की सरकार ने धान के किसान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है और किसानों को समृद्ध बनाने के लिए ढेर सारी योजनाएं लाएं हैं.

राहुल और प्रियंका पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि अनेकता में एकता, हमारी संस्कृति की पहचान है, जो हमें मजबूत बनाते हैं. लेकिन कांग्रेस  पार्टी के दो नेता, भाई-बहन पर्यटन के लिए असम आते हैं. चाय बागान में पत्तियां तैयार नहीं हुई हैं अभी और प्रियंका गांधी फोटो खिंचा रही हैं.

राहुल चुनाव के बाद में दिखाई नहीं पड़तेः अमित शाह
उन्होंने कहा कि 5 साल पहले भी मैं इस क्षेत्र में आया था, तब मैंने कहा था कि एक बार भाजपा की सरकार बनाइए, हम असम को आतंकवाद और आंदोलन से मुक्त बनाएंगे. तब कांग्रेस हमारा मजाक बनाती थी, मैं राहुल बाबा को आज कहता हूं कि हमने असम को आंदोलन मुक्त बना दिया है.

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शाह के भाषण के दौरान राहुल गांधी निशाने पर रहे. उन्होंने कहा कि असम में अभी-अभी राहुल बाबा प्रचार करने आए हैं, लेकिन ये चुनाव के बाद में दिखाई नहीं पड़ते हैं. राहुल बाबा छुट्टी मनाने इटली चले जाते हैं, विदेश चले जाते हैं और वहां से आकर बोलते हैं कि असम का प्रतीक बदरुद्दीन अजमल हैं.

उन्होंने कहा कि असम में अगर कांग्रेस और बदरुद्दीन अजमल की सरकार बनी तो फिर से घुसपैठिए, घुसपैठ शुरू कर देंगे और असम के युवाओं का रोजगार छीनकर ले जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अकेले करीमगंज जिले में 18,000 गरीबों को घर दिए गए हैं. राहुल बाबा आएं तो उन्हें ये जरूर पूछना कि आप लोग 4-4 पीढ़ी से राज कर रहे हो, कितने घर गरीबों के लिए बनाए.

लव जिहाद पर लाएंगे कानूनः शाह
शाह ने कहा कि करीमगंज जिले में 4,331 गरीबों के घर में नल से शुद्ध जल पहुंचाने का काम किया है. 312 करोड़ रुपये की लागत से 122 सड़कें और 32 छोटे पुल बनाने का काम भाजपा की सरकार ने किया है. पीएम किसान सम्मान निधि के तहत करीमगंज जिले में 68,770 किसानों को 57 करोड़ रुपये उनके बैंक खातों में पहुंचाया है. पीएम मोदी ने 1,000 करोड़ रुपये चाय बागान के श्रमिकों के लिए निवास, अस्पताल और स्कूल के लिए अलग से देने का निर्णय किया है.

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इससे पहले कामरूप रैली में भी शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधा. अमित शाह ने कहा कि भाजपा के संकल्प पत्र में ढेर सारी बाते हैं मगर सबसे बड़ी बात 'लव जिहाद' और 'लैंड जिहाद' के खिलाफ कानून लाने का काम भाजपा सरकार करेगी.

चुनावी सभा में बीजेपी नेता शाह ने कहा कि राहुल बाबा असम में पर्यटक बनकर आते हैं और कहते हैं कि बदरुद्दीन अजमल तो असम की पहचान हैं. अरे राहुल बाबा, आप असम को नहीं पहचानते. महान असम की पहचान श्रीमंत शंकर देव और माधव देव हैं. कांग्रेस कितना भी जोर लगा दे, हम बदरुद्दीन अजमल को असम की पहचान नहीं बनने देंगे.

राहुल गांधी ने क्या कहा था

इससे पहले सेंट्रल असम के मोरीगांव जिले में जागीरोड विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि अगर कांग्रेस और अजमल असम में सरकार बनाएंगे तो असम की पहचान बदरुद्दीन अजमल के रूप में बन जाएगी.

कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी पिछले हफ्ते शनिवार को ऑल इंडियन यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल के समर्थन में सामने आए और कहा कि उन पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का हमला असम पर हमला है. गुवाहाटी में राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी बदरुद्दीन अजमल पर हमला नहीं कर रही, वे असम पर हमला कर रहे हैं. वे असम के भाईचारे, संस्कृति और इतिहास पर हमला कर रहे हैं, और वे हर दिन ऐसा हमला करते हैं. हम यहां असम की रक्षा के लिए हैं और यही सच्चाई है.

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असम में इस बार तीन चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. पहले चरण का मतदान 27 मार्च को होना है, जिसके लिए प्रचार थम गया है. अब दूसरे और तीसरे चरण की सीटों के लिए प्रचार कार्य जारी है.

 

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