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तमिलनाडु में अभी भी खाली हैं इंजीनियरिंग की एक लाख सीटें

तमिलनाडु के इंजीनियरिंग कॉलेजों की हालत खस्ता है. वहां एडमिशन के लिए छात्र नहीं आ रहे हैं. अब तक वहां हुए काउंसेलिंग के बाद आधी सीटों पर कोई एडमिशन नहीं हुआ है. लगभग एक लाख सीटें खाली रह गईं और इनमें एडमिशन के लिए कोई नहीं आया.

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Symbolic photo
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तमिलनाडु के इंजीनियरिंग कॉलेजों की हालत खस्ता है. वहां एडमिशन के लिए छात्र नहीं आ रहे हैं. अब तक वहां हुए काउंसेलिंग के बाद आधी सीटों पर कोई एडमिशन नहीं हुआ है. लगभग एक लाख सीटें खाली रह गईं और इनमें एडमिशन के लिए कोई नहीं आया. एक अंग्रेजी अखबार ने यह खबर दी है.

अखबार ने लिखा है कि हालांकि कॉलेजों ने एडमिशन की आखिरी तारीख बढ़ाकर 20 अगस्त कर दी है. लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके बावजूद वहां और सीटों पर एडमिशन की संभावना कम ही है. उनके मुताबिक अब ज्यादातर छात्रों ने अलग-अलग इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन ले लिया है और ऐसे में इन सीटों का भरना मुश्किल है. 6 अगस्त को होने वाले सप्लीमेंटरी काउंसेलिंग में कुछ एडमिशन होने की संभावना है.

तमिलनाडु में कुल 546 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं और इनमें से सिर्फ 20 ही ऐसे हैं जहां सीटें भर पाई हैं. 22 कॉलेज तो ऐसे हैं जहां 10 सीटें तक नहीं भर पाई हैं. 10 कॉलेज ऐसे रहे जहां सिर्फ दो-दो सीटें भरी हैं. हालांकि मेकेनिकल इंजीनियरिंग छात्रों का प्रिय विषय रहा है लेकिन छात्र उसमें भी एडमिशन लेने नहीं जा रहे हैं.

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एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिस तरह से खाली सीटें बढ़ती जा रही हैं, वह अन्ना यूनिवर्सिटी और एआईसीटीई के लिए एक चुनौती है. उन्होंने इतनी सीटों के लिए अनुमति दे दी. अब उन्हें पढ़ाई का स्तर ऊंचा करने के बारे में सोचना चाहिए.

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