वे व्यय जो कि भारत की संचित निधि पर बिना संसदीय स्वीकृति के भारित होते है ये व्यय या तो संविधान द्वारा स्वीकृत होते है या संसद विधि बना कर डाल दिए जाते हैं. कुछ संवैधानिक पदों की स्वतंत्रता बनाए रखने के लिये यह व्यय प्रयोग लाए गए हैं:
(1) राष्ट्रपति का वेतन एवं भत्ता और अन्य व्यय के सभापति.
(2) राज्य सभा सभापति और उपसभापति तथा लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन एवं भत्ते.
(3) सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन, भत्ता तथा पेंशन.
(4) भारत के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक का वेतन, भत्ता तथा पेंशन.
(5) ऐसा ऋण-भार, जिनका दायित्व भारत सरकार पर है.
(6) भारत सरकार पर किसी न्यायालय द्वारा दी गई डिक्री या पंचाट.
(7) कोई अन्य व्यय जो संविधान द्वारा या संसद विधि द्वारा इस प्रकार भारित घोषित करें.