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बचपन में देखा था अफसर बनने का सपना, पांच बार रहे असफल, ऐसे छठे अटेंप्ट में निकाला UPSC

यूपीएससी 2023 की परीक्षा मे नागपुर के सुरेश ने ऑल इंडिया 658 रैंक हासिल की है. सुरेश ने बताया कि यह उनका छठा अटेंप्ट था और यही पहला ऐसा अटेंप्ट था जिसमें उन्होंने प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू क्लियर किया. कमाल की बात यह है कि इस परीक्षा को पास करने के लिए सुरेश ने कहां से भी कोचिंग नहीं ली है. आइए जानते हैें उनका टाइमटेबल क्या था.

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UPSC 2023 AIR 658: नागपुर के बोरकर सुरेश लीलाधर राव
UPSC 2023 AIR 658: नागपुर के बोरकर सुरेश लीलाधर राव

UPSC CSE 2023: यूपीएससी परीक्षा 2023 के नतीजे में 1016 कैंडिडेट्स सेलेक्ट हुए हैं. कड़ी मेहनत और लगन के बाद देश की सबसे कठिन परीक्षा क्लियर करने वाले इन उम्मीदवारों की खुशी का ठिकाना नहीं है. नागपुर के बोरकर सुरेश लीलाधर राव भी अपने घर से एक हजार किलोमीटर दूर दिल्ली में रहकर इस कठिन परीक्षा के लिए दिन रात तप कर रहे थे जिसमें उन्हें सफलता मिल गई है. आइए उनकी इस जर्नी के बारे में जानते हैं.

8वीं कक्षा में देख लिया था अफसर बनने का सपना

बोरकर सुरेश लीलाधर राव ने यूपीएससी परीक्षा 2023 में 658 रैंक हासिल की है. चार साल पहले साल 2021 में सुरेश ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी लेकिन सपना बचपन में देख लिया था. aajtak.in से बातचीत में सुरेश ने बताया कि जब वह आठवीं कक्षा में थे तब ही तय कर लिया था कि यूपीएससी निकालकर रहेंगे. 8वीं कक्षा के बाद 10वीं, फिर 12वीं, ग्रेजुएशन और फिर मास्टर्स करने के पाद सुरेश ने वापस अपने सपने को याद किया और उसपर काम करना शुरू किया. मास्टर की पढ़ाई पूरी करने के बाद सुरेश ने अपने पढ़ाई शुरू कर दी थी. 

UPSC AIR 658

सुरेश ने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई गुरु नानक इंस्टीट्यूट से की है. इसके बाद वह आगे की पढ़ाई करने माया नगरी मुंबई आए. मुंबई में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस से डिसासटर मेनेजमेंट में मास्टर्स की पढ़ाई पूरी की है. पढ़ाई पूरी करने के बाद सुरेश ने जामिया की फ्री कोचिंग के लिए अप्लाई किया और कड़ी मेहनत कर आज परीक्षा पास कर ली है.

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पिता की मौत के बाद संभाली घर की जिम्मेदारी

साल 2018 में सुरेश के पिता की मौत हो गई थी, जिसके बाद घर की जिम्मेदार निभाने के साथ-साथ सुरेश ने अपनी पढा़ई भी जारी रखी. उनके पिता एक सरकारी टीचर थे और उनकी मां भी 35 साल नौकरी करने के बाद सरकारी टीचर के पद से रिटायर हुई हैं. सुरेश ने बताया कि उनके पिता हमेशा उनको पढ़ने के लिए मोटिवेट किया करते थे. साथ ही मां भी पढ़ाई को लेकर हमेशा सपोर्टिव रही हैं. 

ये था टॉपर का टाइमटेबल

सुरेश ने बताया कि वो सुबह उठकर नाश्ता करने के बाद 9 बजे से पढ़ने बैठ जाया करते थे, फिर सीधे दोपहर के एक बजे लंच करने उठा करते थे. इसके बाद ढाई बजे से 5 बजे तक फिर पढ़ाई किया करते थे. सुरेश ने बताया कि टी ब्रेक के बाद वापस पढ़ाई करने बैठ जाया करते थे इसके बाद डिनर करके सो जाया करते थे. सुरेश के अनुसार, वह दिन के 8-9 घंटे अपनी पढ़ाई में दिया करते थे. यह उनका छटवां अटेंप्ट था जिसमें उन्होंने प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू क्लियर किया. कमाल की बात यह है कि इस परीक्षा को पास करने के लिए सुरेश ने कहीं से भी कोचिंग नहीं ली है.

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