
NEET UG Result 2024: कल चार जून को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नीट परीक्षा 2024 का रिजल्ट जारी किया. इस बार नीट के इतिहास में पहली बार हुआ है कि ऑल इंडिया रैंक वन में टोटल नंबर 720 में से 720 अंक पाकर AIR 1 पाने वाले छात्र 67 हैं. ये बात बहुत से अभ्यर्थियों और शिक्षाविदों के गले नहीं उतर रही. इसके अलावा मार्किंग स्कीम का गणित भी समझ से बाहर बताया जा रहा है.
रिजल्ट के कुछ घंटे बाद ही सोशल मीडिया पर भी इस साल की नीट परीक्षा की शुचिता पर गंभीर सवाल उठने लगे थे. इसमें सबसे बड़ा सवाल यह है कि नीट की परीक्षा में आखिर एक साथ 67 अभ्यर्थियों के 720 नंबर कैसे आ गए? इन टॉपर्स में से 8 अभ्यर्थी सेम एग्जाम सेंटर के बताए जा रहे हैं. इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि क्या बोर्ड परीक्षा से भी आसान इसके पेपर बनाए गए जो इतने सारे अभ्यर्थी टॉप कर गए या कोई और ही बात है. आइए जानते हैं कि वो कौन से प्वाइंट्स हैं जिनके जरिये नीट यूजी की शुचिता पर सवाल उठाए जा रहे हैं.
718 या 719 नंबर कैसे आ गए?
करीब बीस साल से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करा रहे शिक्षाविद शशिप्रकाश सिंह ने aajtak.in को बताया कि नीट की परीक्षा में
मार्किंग स्कीम के अनुसार प्लस 4 या माइनस वन नंबर दिए जाते हैं, अगर कुछ नहीं किया तो जीरो. इस तरह किसी अभ्यर्थी का 716 नंबर आएगा या 720 आएगा लेकिन 718 या 719 नंबर कैसे आ सकते हैं. हालांकि इस पर एनटीए ने सोशल मीडिया पर ही सफाई दी थी कि कुछ जगह बच्चों को टाइम नहीं मिल पाया था तो ग्रेस मार्क दिया है. इस जवाब के बाद से अब ये सवाल उठ रहा है कि ऐसा तो कभी सी भी प्रतियोगी परीक्षा में नहीं दिया गया. नियमानुसार अचानक ऐसा कोई पासिंग फार्मूला दे भी नहीं सकते. अगर दिया भी तो यह स्पष्ट नहीं है कि किसे या किन सेंटर पर ये छूट दी गई, अभी इसका कोई जस्टिफिकेशन नहीं दिया गया है.
NTA ने 718 या 719 नंबरों को लेकर दी थी ये सफाई

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NEET परीक्षा रैंक वन में 67 अभ्यर्थी!
इस साल नीट परीक्षा में पहलीबार ऐसा हुआ है कि 67 अभ्यर्थियों के 720 में 720 नंबर आए हैं. शशि प्रकाश सिंह बताते हैं कि इसमें हरियाणा के एक ही सेंटर से एक ही सिक्वेंस के आठ बच्चों के 720 में 720 नंबर आए हैं. ये सभी रैंक वन पाए हैं, अब सवाल ये उठ रहा है कि एक साथ एक ही सेंटर पर ऐसा कैसे हो सकता है. इसके अलावा तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात के एक ही सेंटर से दो-दो बच्चों ने 720 में 720 हासिल किए हैं. इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. इस पर एनटीए का जवाब मिलना बाकी है.
नीट परीक्षा के समय पटना से नीट पेपर लीक की खबर आई थी. इसमें पुलिस ने पेपर लीक में चार अभ्यर्थियों समेत 13 लोगों की गिरफ्तारी की थी. ऐसा बताया गया था कि इसमें अभ्यर्थियों को चार मई को ही पेपर मिल चुका था. ये पेपर 25-40 लाख रुपये में दिया गया था. जांच में सामने आया था कि नीट यूजी के प्रश्न पत्र और उसका उत्तर 5 मई की परीक्षा से पहले लगभग 35 उम्मीदवारों को दिया गया था. इस घटना के बावजूद एनटीए ने कहीं का रिजल्ट होल्ड नहीं किया और सभी सेंटर्स का रिजल्ट जारी कर दिया, इससे अभ्यर्थी बहुत क्षुब्ध हैं.
शशिप्रकाश सिंह सवाल उठाते हैं कि आखिर एनटीए ने ऐसा स्कीम और पैटर्न क्यों बनाया जिसमें 67 बच्चे 720 में 720 ले आए. ऐसा पेपर तो बोर्ड परीक्षा का भी नहीं बनता. किसी भी परीक्षा में इतने सारे बच्चे टोटल नंबर हासिल नहीं कर पाते तो नीट जैसी टफ माने जाने वाली परीक्षा में आखिर ये चमत्कार कैसे हो गया. अब विडंबना यह है कि रैंक वन पाकर भी सारे बच्चों को एम्स दिल्ली मिल पाना असंभव हो, इतनी सीटें ही नहीं हैं वहां. शशिप्रकाश सिंह कहते हैं कि नीट के इतिहास में पहली बार ही इस तरह की असमानताएं भी सामने आ रही हैं जब छात्र इस परीक्षा की शुचिता से संतुष्ट नहीं हो पा रहे हैं.