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एजुकेशन

जानें- भारत में कहां छपते हैं नोट, कहां से आता है कागज और स्याही

जानें- भारत में कहां छपते हैं नोट, कहां से आता है कागज और स्याही
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चीन में भारत के नोट छपने की खबर आने के बाद नोट की छपाई चर्चा में आ गई है. विपक्ष ने इस खबर को लेकर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है, जबकि केंद्र सरकार ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की इस रिपोर्ट को निराधार बताया है. सरकार का कहना है कि भारतीय रुपये सिर्फ भारत सरकार के  प्रिंटिंग प्रेस में ही छापे जा रहे हैं. ऐसे में जानते हैं आखिर भारतीय नोटों की छपाई कहां होती है और इसकी स्याही-पेपर की व्यवस्था कहां से की जाती है....
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बता दें कि भारतीय करेंसी के नोट भारत सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा छापे जाते हैं और यह सिर्फ सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में ही छापे जाते हैं. देशभर में चार प्रिंटिंग प्रेस हैं, जहां नोट छापे जाते हैं और सिक्के भी चार मिंट में बनाए जाते हैं.
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ऐसा रहा नोट का इतिहास- ब्रिटिश सरकार ने साल 1862 में पहला नोट छापा था, जो कि यूके की एक कंपनी द्वारा छापे जाते थे. करीब 200 साल बाद 1920 में ब्रिटिश सरकार ने नोट को भारत में छापने का फैसला किया.
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भारत में नोट छापने के उद्देश्य से साल 1926 में सरकार ने महाराष्ट्र के नासिक में एक प्रिंटिंग प्रेस शुरू की. जिसमें 100, 1000 और 10 हजार के नोट छापने का काम किया जा रहा था. हालांकि कुछ नोट इंग्लैंड से मंगाए जा रहे थे.
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साल 1947 में भारत के आजाद होने तक नोट छापने का जरिया नासिक प्रेस ही थी. उसके बाद साल 1975 में भारत की दूसरी प्रेस मध्यप्रदेश के देवास में शुरू की गई. उसके बाद साल 1997 तक इन दो प्रेस से नोट छापे जा रहे थे.
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साल 1997 में भारत में बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए सरकार ने अमेरिका, कनाडा और यूरोप की कंपनियों से नोट मंगवाने शुरू किए. उसके बाद 1999 में मैसुर और 2000 में सलबोनी (पश्चिम बंगाल) में प्रेस शुरू की गई है.
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अब भारत में चार नोट छापने की प्रेस है. इसमें देवास की बैंक नोट प्रेस और नासिक की करेंसी नोट प्रेस वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के नेतृत्व में काम करते हैं. वहीं मैसूर और सलबोनी के प्रेस भारतीय रिजर्व बैंक की सब्सिडियरी कंपनी भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड के अधीन काम करते हैं.
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वहीं इंडियन गॉवर्मेंट मिंट (मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, नोएडा) में सिक्के, सरकारी मेडल और अवार्ड आदि बनाए जाते हैं.
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कहां से पेपर आता है- वैसे तो भारत की भी एक पेपर मिल सिक्योरिटी पेपर मिल (होशंगाबाद) है. ये नोट और स्टांप के लिए पेपर बनाती है. हालांकि भारत के नोट में लगने वाला अधिकतर पेपर र्मनी, जापान और यूके से आयात किया जाता है. आरबीआई अधिकारियों के अनुसार 80 फीसदी नोट विदेशी कागज पर छपते हैं.
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कहां से आती है स्याही- भारत के नोट में लगने वाली स्पेशल स्याही स्विजरलैंड की कंपनी SICPA से आयात की जाती है और यह कंपनी कई देशों को स्याही निर्यात करती है. इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वदेशी इंक और पेपर बनाने के लिए कहा था. कहा जाता है कि इसमें इंटैगलियो, फ्लूरोसेंस और ऑप्टिकल वेरिएबल इंक का इस्तेमाल होता है.
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किस नोट की छपाई पर कितना खर्च- मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आरटीआई में खुलासा हुआ था कि 5 रुपए के नोट में 50 पैसे, 10 रुपए के नोट में 0.96 पैसे, 50 के नोट में 1.81 रुपए और 100 के नोट में 1.79 रुपए की लागत आती है.
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