इसके बाद नचिकेता को वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत भेजा गया. नचिकेता ने 2016 में हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में बताया, "मैं अपने शब्दों में उस पल का दर्द बयां नहीं कर सकता कि मुझे किस
स्थिति में रखा गया और क्या- क्या सहना पड़ा. उस वक्त मुझे महसूस हुआ कि
मरना ज्यादा आसान है. मैं आज शुकगुजार हूं कि उस वक्त भगवान और किस्मत मेरे
साथ थी."
तत्कालीन राष्ट्रपति के आर नारायणन और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जोरदार तरीके से उनका स्वागत किया. करगिल युद्ध 3 मई को शुरू हुआ था और 26 जुलाई 1999 को खत्म हुआ था.