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पति न्यायिक मजिस्ट्रेट, पत्नी बनी जज... सीकर की शिवानी ने क्लियर किया ज्यूडिशियल एग्जाम, पाई 10वीं रैक

राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा घोषित राजस्थान ज्यूडिशियल सर्विस (RJS) परीक्षा में लड़कियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है, जिसमें सीकर की शिवानी शर्मा ने जनरल कैटेगरी में 10वीं रैंक हासिल की है. शिवानी ने 179 अंक प्राप्त किए हैं. उनके इस सफर में परिवार का बड़ा योगदान रहा है. उनके पिता ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में हैं और उनके पति न्यायिक मजिस्ट्रेट हैं.

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Sikar Shivani got 10th Rank in Rajasthan, RJS Exam 2024
Sikar Shivani got 10th Rank in Rajasthan, RJS Exam 2024

राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा राजस्थान ज्यूडिशियल सर्विस (RJS) परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया है, और इस बार लड़कियों ने परिणाम में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपना दबदबा कायम रखा है. टॉप 10 में कई लड़कियों ने स्थान हासिल किया है, जिसमें सीकर की शिवानी शर्मा का नाम भी शामिल है. शिवानी ने अपनी मेहनत और लगन से जनरल कैटेगरी में 10वीं रैंक प्राप्त की है, जिसके तहत उन्होंने 179 अंक हासिल किए हैं.

शिवानी का यह सफर आसान नहीं था. उनकी पढ़ाई और करियर में उनके परिवार का बहुत बड़ा योगदान रहा है. शिवानी के पिता अनिल कुमार सीकर में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करते हैं, जबकि उनकी मां एक घरेलू महिला हैं, जिन्होंने शिवानी को हर कदम पर समर्थन दिया. शिवानी के पति, विशाल व्यास, भारतपुर कोर्ट में न्यायिक मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत हैं, और उन्होंने भी शिवानी को इस कठिन परीक्षा की तैयारी के दौरान प्रेरित किया.

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शिवानी का शैक्षणिक सफर भी बेहद प्रेरणादायक रहा है. उन्होंने वर्ष 2020 में बीबीए एलएलबी की पढ़ाई पूरी की और 2021 में एलएलएम की डिग्री हासिल की. इसके बाद, उन्होंने नेट जेआरएफ की परीक्षा की तैयारी की और इसे भी पास किया. 2022-23 के दौरान शिवानी ने जयपुर की एक यूनिवर्सिटी में बतौर शिक्षिका छात्रों को पढ़ाया और इसी बीच आरजेएस परीक्षा की तैयारी भी की. अपने शिक्षण कार्य और पढ़ाई के बीच संतुलन बनाते हुए शिवानी ने यह बड़ी उपलब्धि हासिल की.

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शिवानी की इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से हर सपना साकार किया जा सकता है. शिवानी का कहना है कि उन्होंने हमेशा लक्ष्य को ध्यान में रखकर पढ़ाई की और परिवार के सहयोग और प्रोत्साहन के बिना यह सफर तय करना मुश्किल होता.

शिवानी की यह उपलब्धि उन सभी छात्राओं के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करना चाहती हैं. इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार का नाम रोशन किया है, बल्कि राजस्थान के युवाओं को भी यह संदेश दिया है कि अगर मेहनत और लगन से तैयारी की जाए, तो हर मंजिल को पाया जा सकता है.

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