मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी करने लाखों छात्र राजस्थान के कोटा पहुंचते हैं. अपने घर से दूर पीजी या हॉस्टल में रहकर पढ़ाई को ही अपना जीवन बना लेते हैं. इस दौरान कई बार मानसिक तनाव का भी सामना करना पड़ता है, जिसके लिए छात्रों को हौसला अफजाई की जरूरत पड़ती है. कोटा के कलेक्टर ने यही किया है.
कोटा में "कामयाब कोटा" अभियान अंतर्गत जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी ने शुक्रवार को कोरल पार्क स्थित मनन रेजीडेंसी में कोचिंग विद्यार्थियों के साथ 'डिनर विद कलेक्टर' में संवाद किया. विद्यार्थियों से उन्होंने कहा कि कर्म में विश्वास रखें, मन लगाकर मेहनत करें फल अच्छा ही मिलेगा. खुश रहें, सकारात्मक रहें, करियर से बढ़कर जीवन के बड़े लक्ष्य तय करें.
कलेक्टर की सीख- सोशल मीडिया से दूरी बनाएं
हॉस्टल में छात्र-छात्राओं के साथ डिनर करते हुए कलक्टर ने सीख दी कि मन पर अनावश्यक प्रेशर ना डालें. प्लान बी जरूर तैयार रखें/ अटेंप्ट करना ना छोडे़ें. निराशा को आसपास भी ना आने दें. अपनी रुचि के कार्यों को भी समय दें. यह तैयारी ही आपका अंतिम लक्ष्य नहीं है, यह तो लक्ष्य पाने का रास्ता मात्र है. उन्होंने अपील की, कि विफ़लता से निराश ना हों. हार ना मानें बल्कि विफलताओं से सीखते हुए, चुनौती देते हुए आगे बढ़ते जाएं. लेकिन यह याद रखें कि गलतियां वापस न दोहराई जाएं. विद्यार्थियों को यह भी सीख दी कि सोशल मीडिया से दूरी बनाएं. सेल्फी के बजाय अपनी इमेज बनाने में ज्यादा विश्वास रखें.
विद्यार्थियों ने बजाईं तालियां
विद्यार्थियों के सवालों का शंकाओं का कलेक्टर ने समाधान दिया. विद्यार्थी जीवन के अपने अनुभव बांटे जिनको ताली बजाकर विद्यार्थियों ने स्वीकार किया. जिला कलेक्टर के साथ डिनर का मौका पाकर विद्यार्थी उत्साहित हुए हैं. उन्होंने दैनिक अध्ययन में आने वाली परेशानियों, अध्ययन के तौर तरीके, अध्ययन में एकाग्रता, टाइम मैनेजमेंट और सफलता के टिप्स जिला कलेक्टर से लिए.