कोटा में कल रात दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां रहने वाले 10वीं के छात्र भावेश ने घर की तीसरी मंजिल (छत) से कूदकर अपनी जान दे दी. परिजनों का आरोप है कि स्कूल से निकाले जाने के कारण भावेश डिप्रेशन में आ गया था, जिससे उसने यह आत्मघाती कदम उठाया. परिजनों के मुताबिक, किसी सहपाठी ने उसके बैग में सिगरेट रख दी थी, जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने उसे निष्कासित कर दिया. परिजनों ने स्कूल से कई बार माफी मांगी, उसे वापस लेने का अनुरोध किया, लेकिन प्रबंधन तैयार नहीं हुआ. भावेश खेलकूद में भी अच्छा था, लेकिन उसे खेल में भी हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया था.
जानकारी के मुताबिक भावेश तलवंडी स्थित डीएवी स्कूल का छात्र था. बुधवार रात अपने तीन मंजिला मकान की छत से कूदकर उसने अपनी जान दे दी. परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. गुरुवार सुबह उसका पोस्टमार्टम किया गया है. इस दौरान परिजनों ने विरोध जताते हुए मांग की कि स्कूल प्रबंधन आकर बातचीत करे. पुलिस ने स्थिति को संभाला और शव को परिजनों को सौंप दिया. छात्र के दादा, रिटायर्ड एएसआई राधेश्याम ने प्रिंसिपल और क्लास टीचर के खिलाफ दुर्व्यवहार की शिकायत दर्ज कराई है.
दादा-दादी ने स्कूल के सामने हाथ जोड़े फिर भी छात्र को नहीं मिली एंट्री
मृतक छात्र भावेश के पिता रविंद्र वर्मा ने बताया कि वो जोधपुर रूरल में सीएचसी में असिस्टेंट रेडियोग्राफर हैं. भावेश के साथ उसके दादा-दादी बुधवार को फिर से स्कूल पहुंचे. दादी ने स्कूल प्रिंसिपल के सामने हाथ जोड़े, भावेश और दादा-दादी ने माफी मांगी, दोबारा किसी तरह की गलती नहीं होने की बात कही लेकिन स्कूल मैनेजमेंट ने बच्चे को एंट्री देने से इनकार कर दिया था.
इसके बाद भावेश और दादा-दादी घर आ गए. रात करीब 8 बजे भावेश मकान की छत पर गया और नीचे कूद गया. हमने उसे तलाश किया तो वह कहीं नहीं मिला, फिर छत पर जाकर पीछे की तरफ देखा तो वह नीचे गिरा हुआ नजर आया. कराटे में इतने मेडल लाता था मेरा बेटा, इस स्कूल ने उसे इतने मेडल दिए फिर आज मेरा बेटा गलत कैसे हो गया.
घरवालों की शिकायत पर जांच करेगी पुलिस
आरकेपुरम थाना अधिकारी अजीत बागडोलिया ने बताया कि कोटा के तलवंडी स्थित DAV स्कूल में पढ़ने वाले 10वीं क्लास के छात्र भावेश ने तीसरी मंजिल मकान की छत से कूद कर आत्महत्या कर ली. परिजन का आरोप है कि स्कूल मैनेजमेंट ने उसे सस्पेंड कर दिया था. ऐसे में वह डिप्रेशन में चला गया था. गुरुवार सुबह पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवा दिया गया है. परिजन की शिकायत के आधार पर कार्रवाई करेंगे. सुबह शव को लेकर परिजन ने मॉर्च्यूरी के बाहर हंगामा कर दिया था. उन्होंने बॉडी का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था. कहा कि पहले स्कूल प्रबंधन को मौके पर बुलाया जाए और उन पर कार्रवाई हो. हालांकि, बाद में समझाइश के बाद घरवाले अंतिम संस्कार को राजी हो गए.
भावेश के दादा ने कही ये बात
दादा राधाकिशन ने बताया कि इस बीच एग्जाम भी शुरू हो गए. घरवालों ने स्कूल प्रबंधन के आगे मिन्नतें कीं तब जाकर उसे एग्जाम में बैठने दिया लेकिन उसके बाद फिर स्कूल में एंट्री नहीं दी गई. दोस्त ने स्कूल बैग में रख दी थी सिगरेट, भावेश के दादा ने बताया 1 सितंबर को मेरे पोते को स्कूल से निकाल दिया गया था.
स्कूल ने जड़े इतने आरोप
डीएवी स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. पूनम सिंह ने कहा कि यह दुखद घटना हुई है. 10वीं का छात्र भावेश वर्मा रात में अपने घर की छत से गिर गया. घटना घर पर ही हुई थी. पुलिस जांच कर रही है. परिवार के साथ हमारी हृदय से संवेदना है. हमें बुधवार रात को मैसेज आया कि बच्चा छत से गिर गया है, घरवालों से जब हमने पूछा कि यह सब कैसे हुआ तो उन्होंने कहा हमें भी नहीं पता. हम तो टीवी देख रहे थे. बच्चे का कहीं अफेयर चल रहा था, बच्चा एग्जाम में चीटिंग करते हुए भी पकड़ा गया था, बच्चा स्मोक भी करता था, इस तरह के उस पर आरोप थे.
जब यह सब बातें हमने बच्चे के घरवालों को बताया तो घरवालों ने स्कूल में आकर माफी भी मांगी (बच्चे के पैरंट्स के माफी लेटर भी है जो लिखित में दिए हैं.) जो बच्चे की क्लास टीचर के पास है. घटना कैसे हुई? घरवालों को भी नहीं पता उनकी छत पर अंधेरा था. हमने बच्चे को कभी भी स्कूल से निष्कासित नहीं किया. जब बच्चा स्कूल में स्मोकिंग करते हुए पकड़ा गया तब हमने बच्चे के दादाजी से बात की, और उन्होंने हमें रिक्वेस्ट किया कि इसके बाद बच्चा गलती नहीं करेगा. बच्चे के दादा ने कहा कि हमारा बच्चा हमारे आउट ऑफ कंट्रोल चला गया है, हम इस पर कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं, बच्चे के पापा जोधपुर में रहते हैं.
उसके बाद भी जब बच्चा एग्जाम में आया तो चीटिंग करते हुए पकड़ा गया, सामने वाले बच्चे का कॉपी छीनकर चीटिंग की. उसके बावजूद भी हमने बच्चे को निष्कासित नहीं किया था और उसके बाद हमें मैसेज मिला कि इस तरह की घटना हुई है.