
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनावों के लिए वोटिंग शुरू हो गई है. लगभग 3 साल बाद डूसू के लिए एक बार फिर चुनाव हो रहे हैं. इसको लेकर दिल्ली पुलिस ने कड़े सुरक्षा के इंतजाम किए हैं. छात्र संघ में एनएसयूआई और एबीवीपी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा. छात्र संघ चुनाव के लिए इस बार एक लाख 17 हजार स्टूडेंट्स वोट डालेंगे, जिसके लिए 52 वोटिंग सेंटर बनाए गए हैं और 173 ईवीएम के जरिए ये वोटिंग की जा रही है.
चार पोस्ट के लिए आमने-सामने 24 प्रत्याशी
डूसू की चार पोस्ट के लिए 24 प्रत्याशी आमने-सामने हैं. 22 सितंबर को मॉर्निंग कॉलेजों में सुबह 8:30 बजे से दोपहर बाद 1 बजे तक और ईवनिंग कॉलेजों में 3 बजे से शाम 7:30 बजे तक स्टूडेंट्स वोट डाले जाएंगे. पिछले 10 सालों में सात बार अध्यक्ष पद पर जीतने वाली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने एक बार फिर से जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. वहीं, एबीवीपी को कड़ी टक्कर देने वाला छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) भी फिर से पैर जमाने में लगा हुआ है. इस बार लेफ्ट यूनिटी का संगठन AISA और एसएफआई भी पूरी तैयारी से छात्र संघ चुनाव में उतरा है.

तुषार डेढ़ा (ABVP प्रत्याशी)
तुषार नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के घोंडा के रहने वाले हैं. उन्होने सत्यवती कॉलेज से बीए की पढ़ाई की और फिलहाल बुद्धिस्ट कॉलेज से एमए कर रहे हैं. 25 साल के तुषार पिछले 8 साल से ABVP के साथ एक कार्यकर्ता के तौर पर जुड़े हुए हैं. तुषार ने इन सालों में पार्टी में विभिन्न पदों को संभाला है. वो साल 2016-17 में ABVP के सेंट्रल कांउसलर भी रहे हैं. वो बताते हैं कि उन्होने कुछ साल पहले भी इस पद के लिए तैयारी की थी मगर पार्टी की कुछ और इच्छा थी. मगर इस साल डुसू चुनाव के लिए वो ABVP का मुख्य चेहरा और प्रेसीडेंट प्रत्याशी हैं. तुषार के पिता नहीं हैं, घर में उनकी छोटी बहन और मां हैं, जो हाउसवाइफ हैं. तुषार ने बताया कि इस बार एबीवीपी के मुख्य मुद्दों में वन कोर्स वन फीस और यूनिवर्सिटी स्पेशल बस सर्विस जैसी चीजें शामिल हैं.
हितेश गुलिया (NSUI प्रत्याशी)
हितेश हरियाणा के झज्जर जिले के याकूबपुर गांव के निवासी हैं. 22 सितंबर को होने वाले DUSU चुनावों में हितेश को NSUI(नेश्नल स्टुडेंट्स युनियन ऑफ इंडिया) से प्रधान पद के लिए टिकट मिला है. उन्होंने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई झज्जर के सहवाग इंटरनेशनल स्कूल से की है. जहां वो 10वीं के टॉपर रहे. उसके बाद गुरुग्राम के जीडी गोयनका स्कूल से 12वीं पास की. हितेश ने इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के शहीद भगत सिंह कॉलेज में बीकॉम में एडमिशन ले लिया. फिलहाल हितेश लॉ के थर्ड ईयर में हैं. हितेश छात्रों की सुरक्षा के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं. वो कहते हैं कि एक आम स्टूडेंट अपनी दिनचर्या में जो भी परेशानी झेलता है, उससे वो खुद भी गुजरे हैं. हितेश का परिवार भी राजनीति में काफी सक्रिय है. उनके परिवार से 2 पंचवर्षीय योजनाओं से सरपंच बनते आ रहे हैं. पहले हितेश की दादी ने सरपंच पद का कार्यभार संभाला हुआ था. वहीं अब उसकी चाची गांव की सरपंच हैं.
आयशा अहमद खान (AISA प्रत्याशी)
AISA से आयशा इस जंग में चार संगठनों में डूसू प्रेसीडेंट पद के लिए अकेली महिला दावेदार हैं. वो फिलहाल मिरांडा हाउस में इंग्लिश ऑनर्स के दूसरे वर्ष की छात्रा हैं. वो मूल रूप से पटना की रहने वाली हैं. आयशा के पिता एक पत्रकार हैं और मां हॉममेकर हैं. आयशा अपने घर की पहली लड़की हैं जो दिल्ली पढ़ने आई. वो एक पब्लिशिंग हाउस में एडिटर के तौर पर काम करने का ख्वाब देखती हैं. आयशा कहती हैं कि पिछले 4 साल से डीयू में जिस तरह की पॉलिटिक्स चलन में है हम उसे बदलना चाहते हैं. हम उसे आम स्टुडेंट्स की पॉलिटिक्स बनाना चाहते हैं. हमने एडमिनिस्ट्रेशन के सामने तमाम ऐसे मुद्दे रखे हैं जो 4 सालों में किसी ने नहीं रखे. जैसे जीएस कैश, एफवाइआईपी आईपीसी डब्ल्यू आदि. हम एक नई हवा बनाना चाहते हैं, एक लहर बनना चाहते हैं.
आरिफ सिद्दीकी (SFI)
21 साल के सिद्दिकी अपने गांव उमरान(यूपी) के दूसरे शख्स हैं जो दिल्ली पढ़ने आ पाए. उन्होने जाकिर हुसैन कॉलेज से ग्रैजुएशन पूरी की है. फिलहाल आरिफ सिद्दिकी SFI दिल्ली से जॉइंट सेक्रेट्री हैं. वो डूसू चुनाव में एसएफआई से प्रेसीडेंट पद के उम्मीदवार हैं.
वाइस प्रेजिडेंट के उम्मीदवार
एबीवीपी से सुशांत धनखड़
एनएसयूआई से अभि दहिया
आइसा से अनुष्का चौधरी प्रत्याशी हैं.
सेक्रेटरी पद पर कड़ी टक्कर
एबीवीपी से अपराजिता
एनएसयूआई से यक्षना शर्मा
आइसा से आदित्य प्रताप सिंह
एसएफआई से अदिति त्यागी प्रत्याशी हैं.
जॉइंट सेक्रेटरी पर कौन-कौन उम्मीदवार
एबीवीपी के सचिन बैसला
एनएसयूआई से शुभम कुमार चौधरी
आइसा से अंजलि कुमार
एसएफआई से निष्ठा सिंह प्रत्याशी हैं.