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MPPSC प्री एग्जाम का फर्जी पेपर ₹2500 हजार में ऑनलाइन बेचने का मामला, इंदौर पुलिस ने दर्ज किया केस

MPPSC के विशेष कार्य अधिकारी ने बताया कि दो दिन पहले सोशल मीडिया पर 'सामान्य अध्ययन' विषय के पेपर के लीक होने का झूठा दावा करते हुए एक 'संदिग्ध' प्रश्नपत्र प्रसारित किया गया था. 

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MPPSC के पेपर लीक का दावा फर्जी.
MPPSC के पेपर लीक का दावा फर्जी.

मध्य प्रदेश राज्य सेवा परीक्षा (MPPSC) का फर्जी प्रश्नपत्र लीक होने का दावा करके ऑनलाइन बेचने की कोशिश करने वाले आरोपी के खिलाफ इंदौर पुलिस ने केस दर्ज किया है.  पुलिस ने जांच करने के बाद के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. 

संयोगितागंज थाने के अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) के एक सतर्कता अधिकारी की शिकायत के बाद  भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी के संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया.  

साइबर पुलिस की इंदौर स्थित क्षेत्रीय इकाई के एसपी जितेंद्र सिंह ने बताया, हमें इस टेलीग्राम खाते के बारे में जानकारी मिली है. हम पुलिस की अपराध निरोधक शाखा की मदद से इसकी जांच कर रहे हैं. जांच के बाद उचित कदम उठाए जाएंगे.

राज्य सेवा परीक्षा के एक अभ्यर्थी ने बताया कि पेपर लीक की अफवाह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'टेलीग्राम' पर बनाए गए एक अकाउंट के कारण शुरू हुई, जहां दावा किया गया था कि एमपीपीएससी की परीक्षा के प्री प्रश्नपत्र 2,500 रुपये में उपलब्ध हैं. अभ्यर्थी ने बताया कि भुगतान के लिए इस अकाउंट पर एक क्यूआर कोड भी दिया गया था.

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एमपीपीएससी के विशेष कार्य अधिकारी रवींद्र पंचभाई ने बताया कि दो दिन पहले सोशल मीडिया पर 'सामान्य अध्ययन' विषय के पेपर के लीक होने का झूठा दावा करते हुए एक 'संदिग्ध' प्रश्नपत्र प्रसारित किया गया था. 

उन्होंने कहा, हमने रविवार को आयोजित राज्य सेवा परीक्षा के मूल प्रश्नपत्र के साथ संदिग्ध प्रश्नपत्र की तुलना की और पाया कि यह फर्जी है. 

MPPSC अधिकारियों के अनुसार, राज्य के 55 जिला मुख्यालयों में रविवार को आयोजित परीक्षा के प्री एग्जाम में लगभग 1.83 लाख उम्मीदवार शामिल होने के पात्र थे. उन्होंने कहा कि परीक्षा 110 पदों के लिए आयोजित की गई थी, जिसमें डिप्टी कलेक्टर के 15 और पुलिस उपाधीक्षक (DSP) के 22 पद शामिल थे.

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