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'... तो मैं खुद उसे गोली मारूंगी', UP STF की गिरफ्त में आए आरोपी की मां बोली, RO-ARO पेपर लीक मामला

Aajtak Exclusive Interview: भोपाल प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी की मां ने बताया कि उन्होंने घरों में मजदूरी करके सुनील को पढ़ाया है और उन्होंने बच्चों को ऐसे संस्कार नहीं दिए हैं. उनका बेटा बेकसूर है.

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प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी का भोपाल में घर. (फोटो:aajtak)
प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी का भोपाल में घर. (फोटो:aajtak)

उत्तर प्रदेश में समीक्षा अधिकारी (Review Officer) और सहायक समीक्षा अधिकारी (Assistant Review Officer) के पेपर लीक मामले में यूपी विशेष कार्य बल (UP STF) ने बड़ा खुलासा किया है. यूपी STF के अनुसार, भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस में परीक्षा का पर्चा छपा था.  UP STF ने भोपाल के प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है.

aajtak ने जब सुनील के घर जाकर परिजनों से बात करने की कोशिश की तो वो गुस्सा हो गए. लेकिन बाद में उन्होंने बताया कि सुनील ऐसा नहीं कर सकता, उसे फंसाया जा रहा है. सुनील की मां ने बताया कि उन्होंने घरों में मजदूरी करके सुनील को पढ़ाया है और उन्होंने बच्चों को ऐसे संस्कार नहीं दिए हैं. 

सुनील की मां ने बताया कि सुनील को पुलिस वाले कब ले गए, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. उन्हें तो रविवार को ही बेटे की गिरफ्तारी का पता चला. aajtak से बात करते हुए सुनील की मां ने कहा कि उनका बेटा बेकसूर है और अगर उसका अपराध साबित हो जाता है तो वो खुद उसे गोली मार देंगी. आरोपी के पिता और बहन भी इस बात को मानने को तैयार नहीं कि सुनील ऐसा कर सकता है. 

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यूपी STF ने रविवार को समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी के पदों के लिए परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोप में एक प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी समेत गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया था. एसटीएफ ने एक बयान में कहा कि गिरफ्तारियां प्रयागराज में की गईं. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की यह परीक्षा 11 फरवरी को पूरे राज्य में आयोजित की गई थी. पेपर लीक होने की रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने 2 मार्च को परीक्षा रद्द कर दी थी. गिरफ्तार किए गए लोगों में मध्य प्रदेश के भोपाल निवासी और प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी सुनील रघुवंशी, बिहार के मधुबनी निवासी सुभाष प्रकाश, प्रयागराज निवासी विशाल दुबे और संदीप पांडे, गया (बिहार) निवासी अमरजीत शर्मा और बलिया निवासी विवेक उपाध्याय शामिल हैं.

एसटीएफ ने कहा कि उनके पास से एक लैपटॉप, छह मोबाइल फोन और पांच खाली चेक जब्त किए गए. इससे पहले इस सिलसिले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में आईपीसी की धारा 419 (रूप बदलकर धोखाधड़ी करने की सजा), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति हड़पने के लिए प्रेरित करना), 465 (जालसाजी की सजा), 467 (मूल्यवान प्रतिभूति, वसीयत आदि की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को असली के रूप में इस्तेमाल करना), 34 (सामान्य इरादा), 120बी (आपराधिक साजिश) और 201 (अपराध के साक्ष्य को गायब करना या अपराधी को बचाने के लिए गलत जानकारी देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों पर उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, 1998 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) के तहत भी आरोप लगाए गए हैं. 

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पेपर दो तरीकों से किया गया था लीक:-

सबसे पहले यह प्रश्नपत्र 11 फरवरी को परीक्षा के दिन सुबह करीब 6:30 बजे परीक्षा शुरू होने से पहले ही परीक्षा केंद्र से ही लीक कर दिया गया था. इसे बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज प्रयागराज के परीक्षा कार्य को देखने वाले कमलेश कुमार पाल उर्फ ​​केके, डॉ. शरद सिंह पटेल, सौरभ शुक्ला, अरुण सिंह और अर्पित विनीत यशवंत ने मोबाइल फोन की मदद से स्कैन करके लीक किया था.उन्होंने बताया कि इस मामले में यूपी एसटीएफ ने पांचों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. 

प्रश्नपत्र लीक होने का दूसरा तरीका प्रिंटिंग प्रेस से था. एसटीएफ ने बताया कि इसमें प्रेस का कर्मचारी सुनील रघुवंशी शामिल था. 3 फरवरी को रघुवंशी मशीन की मरम्मत के बहाने प्रेस में मौजूद था. मौका पाकर वह अपनी पीने की पानी की बोतल लेकर प्रेस से बाहर आया और उसमें प्रश्नपत्र छिपाकर बाहर ले आया. उसने प्रश्नपत्र को अपने घर ले जाकर रख दिया. उसने विशाल दुबे को इसकी जानकारी दी और दुबे ने राजीव नयन मिश्रा उर्फ ​​राहुल और सुभाष प्रकाश को बताया. इसके बाद इन लोगों में तय हुआ कि 8 फरवरी को वे अभ्यर्थी और सॉल्वर के साथ कोमल होटल में एकत्र होंगे. होटल में ही सॉल्वर प्रश्नपत्र हल करेंगे और अभ्यर्थियों को उसे पढ़कर सुनाएंगे. राजीव नयन मिश्रा उर्फ ​​राहुल और उसके गिरोह के सदस्यों ने प्रत्येक अभ्यर्थी से 12-12 लाख रुपये तय किए थे. 

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पहले से तय योजना के मुताबिक 8 फरवरी को विशाल दुबे पहले संदीप पांडेय के साथ कोमल होटल पहुंचा. इसके बाद सुनील रघुवंशी प्रश्नपत्र की 06-06 फोटोकॉपी लेकर वहां पहुंचा. पेपर लीक की खबरों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने 2 मार्च को समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी ARO) की भर्ती के लिए 11 फरवरी को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा रद्द कर दी थी. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया था कि छह महीने के भीतर परीक्षा दोबारा कराई जाए. मामले की जांच का जिम्मा एसटीएफ को सौंपा गया था. 

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